लखनऊ – भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी व पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही उनके आवास, शौचालय, गैस, गांव तक सड़क, बिजली, मृदा परीक्षण, उन्नत बीज, पेयजल की उपलब्धता, सिंचाई के क्षेत्रफल में विस्तार, किसान सम्मान निधि सहित विभिन्न योजनाओं तथा केन्द्र सरकार की किसान नीति पर कहा कि कृषि कानूनों पर गुमराह करके अपनी दरकी हुई राजनैतिक जमीन सहेजने का विपक्षी दलों का षड़यंत्र इतिहास में काले अक्षरों में दर्ज होगा।
राधा मोहन सिंह ने कहा कि विपक्ष झूठ-फरेब की राजनीति से देश को अस्थिर करना चाहता है। लेकिन देश प्रगति पथ पर अबाध गति से आगे बढ़ेगा, क्योंकि देश के जनमानस का संकल्प मोदी के संकल्प के साथ भारत को आर्थिक व सामरिक महाशक्ति बनाने के पथ पर निरंतर अग्रसरित करने का है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व की केन्द्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है।
एमएसपी की व्यवस्था में मूलभूत परिवर्तन किया गया है। जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी प्रकार की जिन्सों में उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य किसान को मिल सके। उपज की खरीद का कार्य भी अब तेजी से जारी है और किसानों को पर्याप्त भुगतान किये जाने के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की आर्थिक उन्नति के संकल्प के साथ निरंतर बढ़ रही है। गेहूॅ के मामले में ही 2013-14 में किसानों को मात्र 33,874 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया। वहीं 2019-20 में भुगतान की राशि 62,802 करोड़ रूपये थी। जबकि 2020-21 में किसानों को गेहूॅ की उपज का 75,060 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया। इसके साथ ही 2019-20 में 35.57 लाख किसानों को भुगतान किया गया। वहीं 2020-21 में 43.36 लाख किसानों से गेहूॅ क्रय किया गया।
राधा मोहन सिंह ने धान खरीद पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि 2013-14 में 63,928 करोड़ रूपये का भुगतान धान खरीद के रूप में किसानों को किया गया। जबकि 2019-20 में 1,41,930 करोड़ रूपये की धान खरीद की गई थी। वहीं 2020-21 में धान खरीद की स्थिति और भी अधिक बेहतर हुई और 1,72,752 करोड़ रूपये की खरीद होने का अनुमान है। धान खरीद में जहां 2019-20 में 1.24 करोड़ किसानों से धान खरीद की गई। तो 2020-21 में यह संख्या बढ़कर 1.54 करोड़ हो गई है।
प्रदेश प्रभारी ने दाल और कपास पर चर्चा करते हुए कहा कि दालों के मामले में 2013-14 में मात्र 236 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया था, वहीं 2019-20 में 8285 करोड़ रूपये दालों की उपज का भुुगतान किसानों को किया गया, जो कि 2013-14 की तुलना में 40 गुना अधिक है। ऐसे ही कपास 2013-14 में सिर्फ 90 करोड़ रूपये की खरीद से बढ़कर अब 27 जनवरी 2021 को 25974 करोड़ रूपये हो गई है।
सरकार की कोशिश है कि देश में 10 हजार नये FPOs बनायेंगे। इन 10 हजार FPOs के लिए सरकार 6,850 करोड़ रूपये खर्च करेंगी और 5 साल में इनको और मजबूती दी जाएगी। छोटे-छोटे किसान जब 300 से 500 की संख्या मंे मिलकर एक FPO के साथ जुडे़ंेगे, तो उनका रकबा बढ़ेगा और इसके साथ ही उत्पादन भी बढ़ेगा। किसान तब तकनीकि के साथ जुड़ने भी जुड़ेगे और उनके उत्पादन का वाॅल्यूम भी ज्यादा होगा। ऐसी स्थिति में किसान अपने उत्पादन के बाजिब मूल्य के लिए मोल-भाव भी कर सकेंगे। इसलिए मोदी सरकार देश में कृषि क्षेत्र में FPO का एक बड़ा आधारभूत ढ़ाचा तैयार कर रही है। जो आगामी समय में किसानों की आर्थिक समृद्धि की महागाथा लिखने का काम करेगी।