मुख्यमंत्री का जनपद बलरामपुर भ्रमण,मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया तथा बाढ़ प्रभावितों की कुशलक्षेम पूछी और संवाद किया। मुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री वितरित की गई,बाढ़ प्रभावित परिवारों के साथ सरकार खड़ी है, सभी को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित जनपदों की स्थिति का निरीक्षण करने के निर्देश। युद्धस्तर पर सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान की जाए। पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण अप्रत्याशित बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। जनहानि पर पीड़ित परिवार को 04 लाख रु0 का मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए। यदि किसी परिवार का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है और उसके पास रहने का कोई साधन नहीं है, मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराया जाए। लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाए, पानी उबालकर पीने के लिए जागरूक किया जाए। किसान जिनकी फसल का बाढ़ एवं सूखे से नुकसान हुआ है का सर्वे कराते हुए तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ का पानी उतरने के बाद तत्काल स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं छिड़काव की कार्यवाही की जाए।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद बलरामपुर का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने तहसील सदर के ग्राम मझउवा में बाढ़ प्रभावितों का कुशलक्षेम पूछा और उनसे संवाद किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित की गई। बाढ़ प्रभावित परिवारों के साथ सरकार खड़ी है, सभी को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। उन्हांेने आज अपने सरकारी आवास पर उच्चस्तरीय बैठक कर मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित जनपदों की स्थिति का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। वह स्वयं भी बाढ़ प्रभावित जनपदों का दौरा कर रहे हैं। वह स्वयं आज जनपद गोण्डा, अयोध्या का भ्रमण करने के उपरान्त जनपद बलरामपुर सहित जनपद श्रावस्ती एवं बहराइच में बाढ़ की स्थित का निरीक्षण कर रहे हैं। साथ ही, राहत सामग्री वितरण कार्य के सम्बन्ध में जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश प्रदान कर रहे हैं। जनपद बलरामपुर में 380 से भी अधिक के गांव बाढ़ प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को युद्ध स्तर पर राहत सामग्री वितरित की जाएं। जिला प्रशासन को पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री-आटा, चावल, गेहूं, सूखा चना, तेल, नमक, दाल, दियासलाई, मोमबत्ती, बाल्टी, दवा की किट उपलब्ध करायी गयी हैं। युद्धस्तर पर सभी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान की जाए।
इस वर्ष अगस्त-सितंबर के बजाय अक्टूबर माह में भारी बारिश के कारण जनपद बलरामपुर की जनता को अप्रत्याशित बाढ़ की त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है। विगत 03-04 वर्षांे में प्रदेश सरकार द्वारा राप्ती नदी पर बाढ़ नियन्त्रण के लिए काफी कार्य किए गए हैं। इसके कारण जनपदवासियों को बाढ़ की त्रासदी का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन पहाड़ों पर भारी बारिश के कारण अप्रत्याशित बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। नदी का जलस्तर बढ़ जाने एवं तेज प्रवाह के कारण मुख्य मार्गों के कट जाने से राहत एवं बचाव कार्य थोड़ा बाधित हुआ है। लेकिन प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से पीड़ित परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के कार्य से जुड़ने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि जनहानि पर पीड़ित परिवार को 04 लाख रुपए का मुआवजा तत्काल उपलब्ध कराया जाए। यदि किसी परिवार का मकान क्षतिग्रस्त हो गया है और उसके पास रहने का कोई साधन नहीं है तो उसे मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराया जाए। जिनके मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए तथा पशुहानि हुई है उन्हें भी अनुमन्य आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए। सांप के काटने पर तत्काल एंटी स्नेक वेनम लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी स्नेक वेनम एवं एण्टी रैबीज इन्जेक्शन उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की त्रासदी का मुकाबला सभी लोग मिलकर करें। बाढ़ के पानी के उतरने के बाद तत्काल स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं छिड़काव की कार्यवाही सम्पन्न की जाए। लोगों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था कराई जाए। पानी उबालकर पीने के लिए जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि पहले किसान को सूखे का सामना करना पड़ा अब जब फसल खड़ी है तब किसान को बाढ़ का सामना करना पड़ा रहा है। किसान जिनकी फसल का बाढ़ एवं सूखे से नुकसान हुआ है, का सर्वे कराते हुए तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। जिन बाढ़ प्रभावित गांवों में भोजन बनाने की व्यवस्था नहीं है वहां पर कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की जाए। यदि ग्राम में कम्युनिटी किचन उपलब्ध नहीं हो पा रही है तो वहां पर लोगों को सुबह एवं रात्रि में भोजन के पैकेट उपलब्ध कराये जाए।इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।