राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवंस्वावलम्बन के लिए ‘मिशन शक्ति’ अभियान संचालित किया जा रहा प्रदेश सरकार मिशन शक्ति को ग्राम पंचायत स्तर तक लेकर जा रही।वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं की बड़ी संख्या मेंभर्ती की कार्यवाही की, पहले के मुकाबले प्रदेश पुलिस बलमें अब महिलाओं की संख्या तीन गुनी हो गयी।सुरक्षित, सम्मानित और स्वावलम्बी नारी, भारतीयस्त्री दृष्टि को स्वतः ऊंचाई पर ले जाने में सफल होगी केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बनके लिए किए गए कार्यों से विगत विधान सभा चुनाव मेंहमें आधी आबादी का प्रबल समर्थन प्राप्त हुआ।महिलाएं प्रत्येक उपलब्धि को हासिल करने में सक्षम,बुन्देलखण्ड में महिलाओं द्वारा गठित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर्स संघ की वर्तमान सदस्य संख्या लगभग 06 हजार, वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ रु0 से अधिकतथा विगत वर्ष का नेट प्रॉफिट 14 करोड़ रु0, यह महिलाओंकी क्षमता और सामर्थ्य का आदर्श उदाहरण।प्रदेश सरकार ने 02 करोड़ 61 लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माणकराकर जन स्वास्थ्य के साथ ही नारी गरिमा की रक्षा का कार्य कियाप्रदेश में ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत 1.56 करोड़निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन गरीब परिवारों की महिलाओं को दिए गए।
45 लाख से अधिक गरीब परिवारों को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ एवं ‘मुख्यमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत आवास, इनमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गयी।मुख्यमंत्री ने दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र की पुस्तक ‘नारीत्व की भारतीय अवधारणा’ का लोकार्पण किया।रंग-रूप, भाषा, बोली, रहन-सहन की विविधताओं के बावजूद उत्तर से दक्षिण तक पूरब से पश्चिम तक पूरा भारत एक,इसका आधार भारत की परिवार दृष्टि।भारत की पूंजी संयुक्त परिवारों की परम्परा।‘माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्या’ की उक्ति भारतीय स्त्री दृष्टि को पूरी तरह से स्पष्ट करती है।वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के देश की बागडोर सम्भालनेके बाद महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के प्रभावी प्रयास हुए।राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ संचालित की, वर्तमान में लगभग 12 लाख बालिकाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही।
लखनऊ। मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र, पुणे की पुस्तक ‘नारीत्व की भारतीय अवधारणा’ के लोकार्पण अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र को उत्तर प्रदेश से जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस कार्यक्रम को हर सम्भव सहयोग उपलब्ध कराएगी।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रंग-रूप, भाषा, बोली, रहन-सहन की विविधताओं के बावजूद उत्तर से दक्षिण तक पूरब से पश्चिम तक पूरा भारत एक है। इसका आधार भारत की परिवार दृष्टि है। भारत की पूंजी संयुक्त परिवारों की परम्परा है। परिवार के सम्बन्ध में पाश्चात्य दृष्टि खण्डित है। ‘माता भूमि पुत्रोहं पृथिव्या’ की उक्ति भारतीय स्त्री दृष्टि को पूरी तरह से स्पष्ट करती है।
मुख्यमंत्री ने शासन की योजनाओं प्रधानमंत्री स्टार्ट-अप योजना, प्रधानमंत्री स्टैण्ड-अप योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी संस्थाओं यथा शिक्षण संस्थानों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों को शासन की योजनाओं के प्रति वैराग्य का भाव नहीं रखना चाहिए। उन्हें शासन की योजनाओं की जानकारी रखनी चाहिए और उसे विद्यार्थियों तक पहुंचाना चाहिए। इससे विद्यार्थियों के लिए शासन की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ उठाना सम्भव होगा। इसके अभाव में योजनाएं जिनके लिए बनायी गयी हैं, उन तक नहीं पहुंच पाती और दम तोड़ने लगती हैं। इसलिए संस्थाओं को समाज के साथ जुड़ना चाहिए। संस्थाओं के पास सैद्धान्तिक ज्ञान होता है। समाज के पास व्यावहारिक ज्ञान होता है। सैद्धान्तिक पक्ष और व्यावहारिक पक्ष के मिलकर कार्य करने से ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। समाज को स्वावलम्बी और आत्मनिर्भर होना चाहिए। समाज आगे चलेगा, शासन पीछे चलेगा, तभी वास्तविक विकास सम्भव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी बालक-बालिकाओं को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए ‘स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया है। इससे प्राथमिक परिषदीय स्कूलों में छात्रों का नामांकन पहले के 01 करोड़ 38 लाख से बढ़कर 01 करोड़ 84 लाख हो गया है। इन सभी छात्र-छात्राओं को स्कूल में 02 यूनीफॉर्म, किताबें, स्कूल बैग, जूता-मोजा, स्वेटर उपलब्ध कराया जा रहा है। परिषदीय स्कूलों में फ्लोरिंग, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग टॉयलेट, बैठने की व्यवस्था, स्मार्ट क्लास की व्यवस्था आदि के लिए ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ संचालित किया जा रहा है। इसके माध्यम से सभी 01 लाख 58 हजार परिषदीय विद्यालयों में आधारभूत सुविधाएं सुलभ करायी जा रही हैं। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के देश की बागडोर सम्भालने के बाद महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के प्रभावी प्रयास हुए हैं। प्रधानमंत्री जी ने बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना प्रारम्भ की। राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ संचालित की है। योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर स्नातक कक्षा में प्रवेश तक विभिन्न चरणों पर 15 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान में लगभग 12 लाख बालिकाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए ‘मिशन शक्ति’ अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके तहत महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए प्रभावी कार्यवाही की गयी है। प्रदेश सरकार इस मिशन को ग्राम पंचायत स्तर तक लेकर जा रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं की बड़ी संख्या में भर्ती की कार्यवाही की है। पहले के मुकाबले प्रदेश पुलिस बल में अब महिलाओं की संख्या तीन गुनी हो गयी है। सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में महिला बीट पुलिस अधिकारी की व्यवस्था की गयी है। यह अधिकारी सप्ताह में एक दिन गांव में जाकर महिलाओं और बालिकाओं के प्रति घर या बाहर होने वाली किसी भी हिंसा से बचाने के लिए संवाद बनाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षित, सम्मानित और स्वावलम्बी नारी, भारतीय स्त्री दृष्टि को स्वतः ऊंचाई पर ले जाने में सफल होगी। प्रदेश सरकार द्वारा बैंकिंग कॉरेस्पॉण्डेंट सखी योजना संचालित की जा रही है। इसके अंतर्गत राज्य की सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों में बी0सी0 सखी बैंकिंग का कार्य कर रही हैं। ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के माध्यम से प्रदेश की 02 लाख बेटियों का विवाह सम्पन्न कराया गया है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक बेटी को 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। ‘पोषण मिशन’ के पोषाहार का वितरण का कार्य भी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया गया है। राशन की दुकानों पर विवाद होने पर यह कार्य भी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाता है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रभावी ढंग से किए जा रहे कार्य उनकी क्षमता और सामर्थ्य को प्रदर्शित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं प्रत्येक उपलब्धि को हासिल करने में सक्षम हैं। वर्ष 2019 में बुन्देलखण्ड में महिलाओं द्वारा गठित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर्स संघ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में संघ की सदस्यों की संख्या लगभग 06 हजार है। संघ का वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ रुपये से अधिक है। विगत वर्ष संघ का नेट प्रॉफिट 14 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि यह संस्था महिलाओं की क्षमता और सामर्थ्य का आदर्श उदाहरण है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘स्वामित्व योजना’ प्रारम्भ की है। इसके अंतर्गत लोगों को उनके घर के मालिकाना हक के विधिक कागजात दिए जा रहे हैं। इस योजना में भी महिलाओं को अधिकार दिया गया है। प्रदेश सरकार ने 02 करोड़ 61 लाख व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराकर जन स्वास्थ्य के साथ ही नारी गरिमा की रक्षा का कार्य भी किया है। प्रदेश में ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के अंतर्गत 1.56 करोड़ निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन गरीब परिवारों की महिलाओं को दिए गए हैं। इसी प्रकार 45 लाख से अधिक गरीब परिवारों को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ एवं ‘मुख्यमंत्री आवास योजना’ के अंतर्गत आवास दिए गए हैं। इनमें भी महिलाओं को प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलम्बन के लिए किए गए कार्यों से विगत विधान सभा चुनाव में हमें आधी आबादी का प्रबल समर्थन प्राप्त हुआ।कार्यक्रम को महिला समन्वय की राष्ट्रीय संरक्षिका गीता ताई गुंडे, राष्ट्रीय संयोजिका मीनाक्षी ताई पेशवे, राष्ट्रीय सह संयोजिका ममता यादव, इग्नू में एसोसिएट प्रो0 डॉ0 विभूति गौड़ ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अन्त में दृष्टि स्त्री अध्ययन प्रबोधन केन्द्र पुणे की सचिव अंजलि देशपाण्डे ने मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर महिला समन्वय की राष्ट्रीय सह संयोजिका भाग्यश्री साठे, लेखिका पद्मश्री डॉ0 विद्या बिन्दु सिंह, डॉ0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति प्रो0 राणा कृष्ण पाल सिंह सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।