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ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी के बार-बार समन भेजने के बावजूद केजरीवाल एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे और उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से सुरक्षा मांगी थी। आज दसवां समन लेकर ईडी की मुख्यमंत्री आवास पहुंची और अरविन्द केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार कर अरविन्द केजरीवाल को ईडी कार्यालय ले जाया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री आवास के सामने सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया, ईडी द्वारा “कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने” की उनकी याचिका खारिज कर कर दी। गिरफ्तारी से राहत नहीं देने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के बाद ईडी की एक टीम पूछताछ के लिए केजरीवाल के आवास पर पहुंची. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री को एजेंसी ने हिरासत में ले लिया।

जांच एजेंसी की रडार पर 95 फीसदी विपक्षी नेता… 
कांग्रेस नेता अजय माकन के मुताबिक, विपक्षी नेताओं के पीछे जांच एजेंसी लगी रहती है। नतीजा, कई नेता, भाजपा की शरण में चले गए। आज उनसे जांच एजेंसी पूछताछ नहीं कर रही। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट बताती है कि गत आठ वर्ष में लगभग 225 चुनावी उम्मीदवारों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। 45 फीसदी नेताओं ने भाजपा ज्वाइन की है। पार्टी छोड़ने वालों में हार्दिक पटेल, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह, गुलाम नबी आजाद, जयवीर शेरगिल, ज्योतिरादित्या सिंधिया, सुनील जाखड़, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, कीर्ति आजाद, अदिति सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, उर्मिला मातोंडकर, हिमंत बिस्व सरमा, हरक सिंह रावत, जयंती नटराजन, एन बिरेन सिंह और दिवंगत अजित जोगी आदि शामिल हैं। माकन का कहना था कि मोदी सरकार में ईडी ने जिन राजनेताओं के यहां पर रेड की है या उनसे पूछताछ की है, उनमें 95 फीसदी विपक्ष के नेता हैं। इसमें सबसे ज्यादा रेड तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं के घरों और दफ्तरों पर की गई हैं। पार्टी ने आशंका जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक, विपक्ष के अनेक नेता, केंद्रीय जाँच एजेंसियों के जाल में फँस सकते हैं। असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, नारायण राणे, रमन सिंह, मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी, आदि नेताओं के पीछे अब ईडी नहीं है। जनता सब समझती है कि ये नेता, अब ईडी की जाँच से क्यों बच हुए हैं।

ईडी के रडार पर आए मौजूदा एवं पूर्व मुख्यमंत्री… 
बिहार के पूर्व सीएम एवं केंद्रीय रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार के सदस्यों से जमीन के बदले नौकरी, घोटाले में पूछताछ की जा रही है। यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में ईडी ने भी इस केस की जांच शुरु की। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ भी ईडी की जांच चल रही है। इनमें कोयला ट्रांसर्पोटेशन व महादेव गेमिंग एप आदि शामिल हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मानेसर जमीन मामला और पंचकुला के ‘एजेएल’ केस में ईडी जांच का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी जांच एजेंसियों की रडार पर रहे हैं। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में लिए गए कई फैसलों और विकास योजनाओं के मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर चुकी हैं। सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी सीबीआई व ईडी के रडार पर रहे हैं। इनमें गोममी रिवर फ्रंट और माइनिंग घोटाला जैसे केस शामिल हैं। 

ईडी की हिरासत में सोरेन तो कविता हुई गिरफ्तार… 
तेलंगाना के मुख्यमंत्री सीएम रेवंथ रेड्डी भी ईडी के रडार पर रहे हैं। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2015 में एमएलसी इलेक्शन में पचास लाख रुपये की रिश्वत दी थी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री का पद छोड़ा है। उन्हें जमीन घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की पुत्री के कविता को इसी सप्ताह ईडी ने दिल्ली के शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी जांच एजेंसी की रडार पर रहे हैं। गोल्ड स्मगलिंग केस सहित दूसरे मामलों में वे ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। हाल ही में उनकी बेटी वीणा विजयन की कंपनी के खिलाफ केंद्र सरकार ने जांच का आदेश दिया है। एसएनसी-लवलिन केरल जलविद्युत घोटाला, इस केस में भी पिनाराई विजयन को जांच का सामना करना पड़ा है। आंध्रप्रदेश के पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी कई तरह के वित्तीय मामलों को लेकर ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।