नशा, नाश का कारण, युवाओं के सपनों का प्रदेश बनाना है तो नशा मुक्ति अभियान से जुड़ना होगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर किया ‘नशा मुक्त प्रदेश-सशक्त प्रदेश’ अभियान का शुभारंभ। योगी ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम में उपस्थित एनसीसी, स्काउट एंड गाइड समेत तमाम संस्थाओं से जुड़े युवाओं को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई। इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी को खत्म किया जा सकता है तो कृत्रिम रूप से जो बीमारियां मनुष्य पैदा करता है उसका समाधान भी संभव है। मुख्यमंत्री की नसीहत, नशे से जितना दूर रह सकते हैं उतना ही उपयोगी होगा और उतना ही क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए भी लाभदायक होगा। युवाओं के सपनों को देनी है नई उड़ान-योगी
निष्पक्ष दस्तक ब्यूरो
लखनऊ। नशा, नाश का कारण है। नशा वास्तव में जवानी को समाप्त करने का एक कारण है और इससे जितना दूर रहकर हम स्वस्थ चिंतन को बढ़ावा दे सकें, उतना ही बेहतर है। उत्तर प्रदेश के अंदर 9 करोड़ युवा हैं। इन 9 करोड़ युवाओं के सपनों को नई उड़ान देनी है, उनके सपनों का उत्तर प्रदेश बनाना है तो उन्हें नशा मुक्त बनाने के इस पवित्र अभियान के साथ जोड़ना ही होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर ‘नशा मुक्त प्रदेश-सशक्त प्रदेश’ अभियान का शुभारंभ करते हुए कहीं। सीएम योगी ने प्रदेश के सभी युवाओं को नशा मुक्ति के इस सबसे बड़े अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस 2023 की थीम ‘ग्रीन स्किल फॉर यूथः टूवर्ड्स सस्टेनेबल वर्ल्ड’ रखी गई है। इस थीम के अनुरूप देश की सबसे बड़ी आबादी के राज्य उत्तर प्रदेश को नशा मुक्त करना और नशा मुक्त करके सशक्त बनाना यानी ‘नशा मुक्त प्रदेश-सशक्त प्रदेश’ के अभियान के साथ हम सब को जुड़ना होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम में उपस्थित एनसीसी, स्काउट गाइड समेत तमाम संस्थाओं से जुड़े युवाओं को नशा मुक्ति की शपथ भी दिलाई।
कृत्रिम बीमारियों का भी हो सकता है समाधान
योगी ने कहा कि यूनिसेफ प्रदेश के अंदर अनेक कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है। तमाम ऐसी बीमारियां जो वर्षों से हमारे युवाओं, बच्चों को निगल जाती थीं। इंसेफेलाइटिस भी इनमें से एक था। यूनिसेफ जैसी संस्थाओं ने जब केंद्र और राज्य के साथ समन्वय किया तो आज इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियां खत्म हो गईं। हजारों ऐसे बच्चे जो असमय काल कल्वित होते थे, उन बच्चों की जान बचाई जा सकी है। याद रखिए, बीमारी के खिलाफ सरकार का यह कार्यक्रम अगर सफलता को प्राप्त कर सकता है तो कृत्रिम रूप से जो बीमारियां मनुष्य पैदा करता है उसका समाधान क्यों नहीं हो सकता। जिस जवानी में व्यक्ति को स्वयं, समाज और देश के भविष्य के बारे में चिंतन करते हुए नए सपनों को बुनना और उसके अनुसार आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन उस समय यदि वो नशे का आदी हो जाएगा तो जैसै दीमक अंदर ही अंदर व्यक्ति को खोखला बना देता है, ऐसे ही नशा व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला बना देता है। इसके बाद वह व्यक्ति किसी काम का नहीं रहता। वह परिश्रम नहीं कर सकता, उसके चिंतन की व्यवस्था समाप्त हो जाती है, किसी अभियान में जिस दृढ़ शक्ति के साथ उसे जुड़ना चाहिए, वो नहीं जुड़ सकता और अंततः वह एक समय काल कल्वित हो जाता है।
9 करोड़ युवाओं के सपनों को देनी है नई उड़ान
मुख्यमंत्री योगी ने उदाहरण देते हुए कहा कि लोग तंबाकू, खैनी खाते हैं तो कुछ लोग ऐसा मसाला खाते हैं जो उनकी आदत का हिस्सा बन जाता है। उसके दांत खराब हो जाते हैं, सड़ जाते हैं। जो चीज खाने से दांत जैसी सॉलिड चीज नष्ट हो जाती है तो उसका जिह्वा पर क्या असर पड़ता होगा, लंग्स पर क्या असर पड़ता होगा, खाने की नली पर क्या असर पड़ता होगा, अमाशय पर क्या असर पड़ता होगा, आप सहज अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए नशे से जितना दूर रह सकते हैं उतना ही उपयोगी होगा और उतना ही क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए लाभदायक होगा। सौभाग्य से दुनिया के अंदर सबसे ज्यादा 65 करोड़ युवा भारत के अंदर हैं। उत्तर प्रदेश के अंदर 9 करोड़ युवा हैं। इन 9 करोड़ युवाओं के सपनों को नई उड़ान देनी है, उनके सपनों का उत्तर प्रदेश बनाना है तो उन्हें नशा मुक्त बनाने के इस पवित्र अभियान के साथ जोड़ना ही होगा। इसके लिए प्रदेश का युवा कल्याण विभाग जहां एक तरफ यूनिसेफ के साथ मिलकर व्यापक जनजागरूकता का अभियान चला रहा है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के अंदर अपने युवाओं को इस रचनात्मक कार्यक्रमों से जोड़ने का अभियान चल रहा है। हर गांव में खेल का मैदान, हर ब्लॉक स्तर पर एक मिनी स्टेडियम, हर जनपद में एक स्टेडियम हो, ये सभी कार्यक्रम खेलकूद की रचनात्मक भावना पैदा करते हैं।
पढ़ाई के साथ ही खेलों के लिए भी युवाओं को प्रोत्साहित कर रही सरकार
जो युवा पढ़ाई लिखाई में अच्छा है, उसको कंप्टीशन की तैयारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उसके लिए कोचिंग की व्यवस्था है। एससी-एसटी के साथ ही शेष अन्य बच्चों के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की व्यवस्था है। दो करोड़ युवाओं को प्रदेश सरकार टैबलेट व स्मार्टफोन देकर तकनीक से जोड़ने का कार्य कर रही है। स्किल डेवलपमेंट का कार्य कर रही है। हमारा युवा स्वावलंबी बने और उसके स्वावलंबन से हमारा प्रदेश और देश आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त कर सके, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के स्तर पर कई प्रयास किए गए हैं। ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले एकल खिलाड़ी को प्रदेश सरकार अपने स्तर पर 6 करोड़ रुपए की नगद राशि दे रही है। 3 करोड़ रुपए सिल्वर मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को मिलते हैं तो ब्रांज मेडल जीतने पर भी खिलाड़ी को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जाती है। टीम गेम पर भी बहुत अच्छी राशि दी जाती है। इसीलिए खेल और खिलाड़ी इन दोनों के लिए जो मंच डबल इंजन की सरकार उपलब्ध करा रही है, उस मंच का बेहतर उपयोग करके अपनी ऊर्जा का प्रयोग रचनात्मकता के साथ करते हुए आगे बढ़ेंगे तो हमारा भविष्य उज्ज्वल होगा। युवाओं के सपनों को देनी है नई उड़ान-योगी