निजी क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को आरक्षण

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निजी क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को आरक्षण

निजी क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को आरक्षण2006 में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा निजी क्षेत्र में सकारात्मक कार्रवाई के लिए एक समन्वय समिति गठित।

निजी क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को आरक्षण,उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के अनुसार, वर्ष 2006 में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा निजी क्षेत्र में सकारात्मक कार्रवाई के लिए एक समन्वय समिति गठित की गई थी। सचिव (डीओपीटी), सचिव (एसजेएंडई), सचिव (जनजातीय कार्य) तथा सचिव (डीपीआईआईटी) समिति के सदस्य हैं।  डीपीआईआईटी इस समिति को सचिवालयी सहायता उपलब्ध कराता है। अभी तक, इस समन्वय समिति की 9 बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। समन्वय समिति की पहली बैठक में यह उल्लेख किया गया था कि सकारात्मक कार्रवाई के मुद्दे पर प्रगति प्राप्त करने के लिए सर्वोत्कृष्ट तरीका स्वयं उद्योग जगत द्वारा स्वैच्छिक कार्रवाई करना है।

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तदनुसार, शीर्ष उद्योग एसोसिएशनों नामतः भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल महासंघ (फिक्की), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) तथा भारतीय दलित वाणिज्य और उद्योग मंडल (डीआईसीसीआई) ने अपनी सदस्य कम्पनियों द्वारा समावेशन प्राप्त करने हेतु शिक्षा, नियोज्यता और उद्यमिता पर केन्द्रित स्वैच्छिक आचार सहिंता (वीसीसी) तैयार की है। उद्योग संघों के सदस्यों द्वारा किए गए उपायों में, अन्य बातों के साथ-साथ, छात्रवृत्तियां, व्यावसायिक प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कोचिंग आदि शामिल हैं।  तथापि, उनके पास निजी क्षेत्र के उच्च पदों पर आसीन समाज के लाभवंचित वर्ग की स्थिति के संबंध में  कोई आंकड़ा नहीं है।यह जानकारी सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय मंत्री ए.नारायणस्वामी ने आज राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। निजी क्षेत्र में उपेक्षित वर्गों को आरक्षण