समाजवादी विजय रथ यात्रा के दसवें चरण में एच.सी.एल. आई.टी. चकगंजरिया से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे महुराकलां गांव में नवनिर्मित भगवान परशुराम जी के मंदिर तक यात्रा की। इस दौरान रास्ते भर भारी जनसमुदाय ने जोश और उत्साह के साथ स्वागत किया। उन्होंने आई.टी. सिटी चकगंजरिया, रोहतास के मैदान और करीमपुर में विशाल जनसभाओं को सम्बोधित किया। अमूल दुग्ध प्लांट के पास बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने झण्डे बैनर और पोस्टर के साथ स्वागत किया। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पास समाजवादी विजय रथ यात्रा का स्वागत अखिलेश यादव जिंदाबाद के जोरदार नारों के साथ हुआ।उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव बेहद नजदीक है। चुनाव तारीखों के ऐलान से पहले ही प्रचार अभियान बेहद तेज हो चुका है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि यूपी की जनता का मूड क्या है? एक बार फिर योगी मुख्यमंत्री बनेंगे या अखिलेश यादव, मायावती या प्रियंका गांधी वाड्रा उनसे सत्ता छीनने में कामयाब रहेंगे?
भाजपा सरकार ने प्रदेश को पीछे धकेल दिया है। भाजपा राज में हर वर्ग अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। अब नए वर्ष में उत्तर प्रदेश में बदलाव होगा। सभी लोग बदलाव चाहते हैं। समाजवादी सरकार ने उत्तर प्रदेश को विकास और रोजगार का मॉडल दिया। लखनऊ में आई.टी. सिटी की स्थापना की, अत्याधुनिक और विश्वस्तरीय स्टेडियम दिया, एक्सप्रेस वे बनाया, पार्क, कैंसर इंस्टीट्यूट दिया। भाजपा सरकार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया है।
अखिलेश यादव ने जनसभाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि नए साल में समाजवादियों ने संकल्प लिया है कि प्रदेश में सपा सरकार बनने पर 300 यूनिट घरेलू बिजली फ्री होगी और किसानों को सिंचाई पूरी तरह से मुक्त होगी। उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी किसानों की मदद करना चाहती हैं। किसान अन्नदाता है। देश का पेट भरता है। किसानों ने कोरोना काल में देश की अर्थव्यवस्था बचाने का काम किया। भाजपा सरकार ने किसानों को अपमानित किया। काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में सात सौ से ज्यादा किसान शहीद हो गए। किसान भाजपा सरकार के अन्याय और अत्याचार को कभी नहीं भूल सकता है। भाजपा के लोगों ने किसानों की जीप से कुचलवा कर हत्या करा दी।बाबा मुख्यमंत्री विकास के साथ-साथ अल्पसंख्यकों के भी दुश्मन हैं। यूपी विधानसभा में एंग्लो इंडियन के लिए एक सीट रिजर्व थी, बाबा मुख्यमंत्री ने उसे खत्म कर दिया। जैन समाज मेहनती है, अल्पसंख्यक है। उसकी संख्या पचास लाख ही होगी। भाजपा सरकार उन पर छापे डलवा रही है। प्रताड़ित करा रही है। भाजपा नहीं चाहती कि जैन समाज आगे बढ़े और विकास करें।
दहसत लाल टोपी की-
अनुराग यादव ने कहा कि दरअसल सियासत में शब्दों के अपने मायने हैं। उस डर के अपने मायने हैं । ये डर लाल टोपी का नहीं बल्कि एक्सप्रेसवे पर रातों खड़़ी उस भीड़ का है, सूखे से ग्रस्त बुदेंलखण्ड में उमड़ती भावनाओं के ज्वार का है। ये डर उन युवाओं का है जो रोजगार मांग रहे हैं। ये डर उस आम जनमानस की चित्कारों का है जो अपनी मूल-भूत आवश्यकताओं की मांग कर रहा है। ये डर पांच साल पहले किये गये भरोसे का है। ये डर उन किसानों का है जिन्हे डीएपी खाद, पानी और फसलों के दाम न मिल पाने का है। ये डर गंगा में तैरती लाशों का है। ये डर झूठा खाकी है और उसके द्वारा किये गये अपराधों का है। डर आ रहे उन सन्देशों का है जो बता रहे हैं की अबकी बार वोट धर्म की चासनी पर नहीं बल्कि मुद्दों पर होगा। और इसी डर में उनकी हार है तो किसकी जीत क्योंकी बुलंदी देर तक किस शख्स के हिस्सें में रहती है, बहुत उंची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है। औरों के खयालात की लेते है तलाशी, और अपने गरेबान में झाकां नही जाता।
उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव 2022 होने जा रहा है । उत्तर प्रदेश का सत्ता दल एवं केंद्रीय सत्ता दल उत्तर प्रदेश के भीम (अखिलेश यादव) से टक्कर लेने जा रहा है । भीम ने भी ठान लिया है की वह सत्ता दल को बेदखल करेगा यह चुनावी रण किसी महाभारत से कम नहीं होगा । प्रधानमंत्री मोदी जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव पर आक्रमक हमला बोल रहे हैं वह भी भय से ग्रस्त नजर आते हैं । मोदी ऐसा नहीं चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का चुनाव योगी या भाजपा से हो वह उत्तर प्रदेश के चुनाव को मोदी वर्सेस अखिलेश यादव करने की ओर अग्रसर है । जिस प्रकार मोदी ने योगी के कंधे पर हाथ रखकर समझा रहे थे उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह यही बता रहे हैं अब आपकी विदाई यहां से तय है । उत्तर प्रदेश की जनता ही यह तय करेगी कि बाबा उत्तर प्रदेश चलाएंगे या फिर वापस जाकर मठ की मठाधीश पद की शोभा बढ़ाएंगे । आज उत्तर प्रदेश में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। अखिलेश यादव की रैली से भयभीत होकर रातो रात किसान बिल वापस किया गया जिस तरह से किसान बिल बिना चर्चा के लाया गया था ठीक उसी प्रकार से किसान बिल बिना चर्चा के वापस हुआ है । इस पर मोदी कैबिनेट को जवाब देना पड़ेगा कि वह इस 1 वर्ष में हुई राजस्व क्षति के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का बुलडोजर किसके ऊपर चलवायेगा इस धरना के दौरान हुई राजस्व की छत पूर्ति कहां से होगी क्या इसकी जिम्मेदारी भाजपा लेगा या फिर उन पर योगी का बुलडोजर चलेगा?पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उद्घाटन के बाद जिस प्रकार से अखिलेश यादव के भीड़ रातों टिकी रही उससे भाजपा की रातों की नींद उड़ गई । अखिलेश के भीड़ के भय से ग्रसित प्रधानमंत्री लगभग प्रत्येक सप्ताह उत्तर प्रदेश का दौरा करने को आतुर है अभी तो प्रधानमंत्री स्वयं उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं आचार संहिता के बाद मोदी की पूरी कैबिनेट उत्तर प्रदेश के आगे नतमस्तक होने जा रही है।
भाजपा सरकार में किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों को रोजगार और नौकरी नहीं मिली। भाजपा सरकार की गलत नीतियों से व्यापार नहीं बढ़ पा रहा है। महंगाई बहुत बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश हर आंकड़े में पीछे दिखाई दे रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश पीछे चला गया है। कोरोना काल से प्रदेश में पढ़ाई ठप है।सपा सरकार ने राजधानी लखनऊ में विकास के लिए बहुत कार्य किए। चकगंजरिया आई.टी. सिटी और उसके आस-पास जो विकास दिखाई दे रहा है, वह समाजवादी सरकार में हुआ। भाजपा सरकार उसे आगे नहीं बढ़ा पायी। समाजवादियों ने एचसीएल लाकर दुनिया से जोड़ने का काम किया। एचसीएल के आने से बंगलुरु, हैदराबाद में नौकरी करने वाले और पढ़ाई के लिए जाने वाले बच्चों को यहां सुविधा मिली। सपा सरकार ने कैंसर इंस्टिट्यूट बनाया था। भाजपा सरकार ने इसकी उपेक्षा की। अगर कैंसर संस्थान को ठीक से चलाया होता तो कैंसर के इलाज के लिए गरीबों को मुंबई और अन्य जगहों पर नहीं जाना पड़ता।
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सरकार ने लखनऊ को आधुनिक और विश्वस्तरीय स्टेडियम बनाकर दिया। मुख्यमंत्री जी अपने सरकारी कार्यक्रम भी आकर इसी स्टेडियम में करते हैं। उनके पास कोई दूसरा स्थान नहीं है। समाजवादी लोग खेल और खेल भावना को पहचानते हैं इसीलिए स्टेडियम बनाया। बाबा मुख्यमंत्री को किसी खेल के बारे में जानकारी नहीं। श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश तभी खुशहाली के रास्ते पर जाएगा, जब योग्य सरकार बनेगी। सपा सरकार ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए डायल 100 और पुलिस मुख्यालय दिया। श्री यादव ने कहा कि जिस तरह का समर्थन दिखाई दे रहा है। यह ऐतिहासिक बदलाव के संकेत है। आने वाले समय में साइकिल की सरकार बनेगी और विकास को रफ्तार मिलेगी।