यूपी के लिए योगी है अनुपयोगी-अखिलेश यादव

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योगी, यूपी के लिए उपयोगी नही, अनुपयोगी।चुनाव में हार के डर से भाजपा भी कांग्रेस की राह पर।


अजय सिंह

लखनऊ। अखिलेश ने दावा किया कि भाजपा कुछ भी कर ले, चुनाव के बाद योगी सरकार बचेगी नहीं, क्योंकि मुख्यमंत्री पूरी तरह से ‘अनुपयोगी’ साबित हुये हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य का बहुत नुकसान किया है। इसलिये जनता अब उन्हें माफ नहीं करेगी। गौरतलब है कि शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे के शिलान्यास समारोह में योगी सरकार की तारीफ करते हुये नया नारा दिया था ‘यूपी प्लस योगी, बहुत है उपयोगी।’ अखिलेश ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा “योगी यूपी के लिये उपयोगी नहीं अनुपयोगी हैं।” 

अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव में हार के डर से भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है जो चुनाव से पहले अपने विरोधियों को डरवाने के लिये उनके खिलाफ जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करती थी। अखिलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ आयकर विभाग की छापेमारी की कार्रवाई अपेक्षित थी। उन्होंने कहा कि जैसे जैसे चुनाव करीब आयेंगे, चुनावी हार को करीब आते देख कर भाजपा केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित तमाम जांच एजेंसियों का इस्तेमाल अपने विरोधियों को डराने के लिये करेगी। उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने सपा के प्रवक्ता राजीव राय सहित पार्टी के अन्य नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार न बन जाये, इसके लिये जांच एजेंसियों को भाजपा आगे करती है। जहां जहां भाजपा को हार का डर सताने लगता है, वहां यही हथकंडा अपनाया जाता है। भाजपा भी अब कांग्रेस के रास्ते पर जा रही है।” 

सपा अध्यक्ष ने गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ को मंत्रिमंडल से बर्खास्त नहीं करने पर भाजपा की मंशा को सवालों के घेरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, ‘”टेनी के बारे में कौन नहीं जानता है कि उनके खिलाफ क्या आरोप हैं। लखीमपुर हिंसा मामले में किसानों और पत्रकारों की जान चली गयी। गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे पर उंगली उठी है, ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सरकार उन्हें क्यों बचा रही है।” निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा0 संजय निषाद द्वारा भाजपा से निषाद समुदाय के लिये आरक्षण की मांग उठाने से पीछे नहीं हटने पर अखिलेश ने कहा कि निषादों की यह मांग जायज है। उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि निषाद समाज ने अपनी मांगे नहीं छोड़ी जबकि उप्र की ‘अनुपयोगी सरकार’ ने उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिये उन पर बहुत दबाव डाला।”