अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी का बयान,24 घंटे में 5463 कोरोना के नये मामले,52309 कोरेाना के एक्टिव केस,152893 मरीज ठीक होकर घर जा चुके,कोरेाना से अब तक 3217 लोगो की मौत,कल 138378 सैंपल की जांच हुई,प्रदेश में अब तक कोविड-19 के 50 लाख 80 हजार से अधिक टेस्ट किए जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कोरोना पोस्टिव, हुए होम कोरेन्टीन,अपने मिलने वालो से की जाँच कराने की अपील। लखनऊ में पंचायती राज मंत्री और सांसद सहित 759 लोगों की कोरोना रिपोर्ट बुधवार को पॉजिटिव आई। वहीं, आठ मरीजों ने दम तोड़ दिया। अब तक मरने वालों की संख्या 311 हो गई है। वहीं, कुल मरीजों की संख्या 23,872 हो गई है।
पंचायती राज मंत्री ने ट्वीट कर संपर्क में आए लोगों से भी जांच कराने की अपील की है।
वहीं, सांसद मंगलवार को तबीयत खराब होने पर आशियाना के अस्पताल में भर्ती हुए थे। वहां कोरोना की जांच के दौरान उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सांसद ने वीडियो जारी कर खुद के पॉजिटिव होने की जानकारी दी। वहीं, एलडीए के एक और बाबू अतुल कपूर पॉजिटिव हो गए।
उत्तर प्रदेश में कोरोना के सामुदायिक संक्रमण का पता लगाने के लिए शुक्रवार से 11 जिलों में सीरो सर्वे शुरू होगा। लखनऊ में सीएमओ समेत कई अधिकारी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। लिहाजा यहां सर्वे का काम फिलहाल टाल दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि लखनऊ, कानपुर, मुरादाबाद, मेरठ, कौशांबी, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, बागपत व गाजियाबाद में सीरो सर्वे कराया जाएगा।
विकासशील देशों में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैला जितना विकसित देशों में फैला। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुए एक रिसर्च में यह पाया गया कि वेंटिलेशन इसकी सबसे बड़ी वजह है, विकसित देशों में घरों में वेंटिलेशन न होना कोरोना के फैलने की एक सबसे बड़ी वजह है। राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के ओंकोलॉजी डिपार्टमेंट में एक रिसर्च एनालिसिस किया गया जिसमें यह पाया गया कि विकसित देश जैसे अमेरिका और यूरोप में जनवरी से मार्च के महीनों में कोरोना काफी तेजी से फैला,वहीं विकासशील देश जैसे भारत और श्रीलंका जैसे देशों में उस रफ्तार से नहीं फैला न ही इतनी मौतें हुईं। रिसर्च में पाया गया कि इसकी सबसे बड़ी वजह वेंटिलेशन यानी हवा के आने जाने का रास्ता नहीं होना है। रिसर्च में पाया गया कि यूरोप और अमेरिका जैसे देशों में इमारतों में वेंटिलेशन सही तरीके से न होने की वजह से कोरोना वायरस से फैला।
महानिदेशक के मुताबिक खून का नमूना लिया जाएगा। इससे कोरोना एंटीबॉडी, हेपेटाइटिस बी व सी की जांच होगी। केजीएमयू पर जांच की जिम्मेदारी है। 20 हजार लोगों पर यह सर्वे कराया जाएगा। सीरो सर्वे से यह पता लगाने मदद होगी किस अनुपात में आबादी कोरोना से संक्रमित हुई है। सीरो सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है। लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी के साथ ही यह पता चल जाता कि कौन व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित था और अब ठीक हो चुका है।