
स्वरोजगार के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनी योगी सरकार रोजगार के साथ ही स्वरोजगार में भी देश के लिए मॉडल बन रही योगी सरकार। प्रदेश में 2.5 लाख युवाओं के रोजगार सृजन का साधन बनी ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’। योगी के विजन ने किया कमाल, 18 से 40 आयु वर्ग के शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार के लिए किया प्रेरित। योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक 31.3 हजार से ज्यादा आवेदन हुए स्वीकृत, 758.97 करोड़ रुपए खर्च कर सरकार ने किया लाभान्वित। परियोजना लागत की सीमा को जल्द ही 4 गुना तक बढ़ाया जा सकता है जिससे बेरोजगार युवाओं को होगा फायदा। स्वरोजगार के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार न केवल पारंपरिक रोजगार सृजन में बल्कि स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने में भी पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में उभर रही है। सरकार द्वारा संचालित विविध योजनाएं—जैसे प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, ODOP (एक जनपद, एक उत्पाद), विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और स्टार्टअप नीति—प्रदेश के लाखों युवाओं, कारीगरों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में करोड़ों की संख्या में स्वरोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं, जिससे न केवल बेरोजगारी दर में गिरावट आई है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार का लक्ष्य “रोजगार देने वाली सरकार” से आगे बढ़कर “रोजगार पैदा करने वाला समाज” बनाना है। इसके तहत प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाज़ार से जुड़ाव जैसे महत्वपूर्ण घटकों को प्राथमिकता दी जा रही है।
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार रोजगार के साथ ही स्वरोजगार की दिशा में देश के लिए मॉडल बनकर उभरी है। सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश में रोजगार सृजन के साथ ही स्वरोजगार को भी बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए कई योजनाएं चलाई गईं हैं जिससे न केवल प्रदेश के युवाओं स्वावलंबन की ओर बढ़ने में मदद मिली बल्कि उनके द्वारा स्थापित किए जा रहे उद्यम व उपक्रम अन्य युवाओं के लिए भी रोजगार उपलब्ध कराने का माध्यम बन रहे हैं। इससे प्रदेश में एक फ्रेमवर्क तैयार हुआ जिसका लाभ जनता को बड़े स्तर पर मिल रहा है। ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ भी सीएम योगी की इसी दूरदृष्टि का परिणाम है। इस योजना के जरिए प्रदेश में वर्ष 2018-19 से लेकर अब तक 2.5 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ। योजना के जरिए प्रदेश में 18 से 40 आयु वर्ग के शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में मदद मिली जो अब देश के अन्य प्रदेशों के लिए भी स्वरोजगार को बढ़ावा देने का मॉडल बनकर उभरा है।
25 लाख तक का ऋण होता है योजना के जरिए उपलब्ध
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (यूपीएमवाईएसवाई) प्रदेश के युवाओ को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई एक फ्लैगशिप योजना है। योजना का उद्देश्य प्रदेश के बेरोजगार युवाओ को वित्तीय सहायता और अन्य सहयोग प्रदान करना है। इसमें राज्य सरकार पात्र आवेदकों को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 25 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराती है। ऋण धनराशि रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है जो बाज़ार की दर से कम है। इस धनराशि का उपयोग प्लांट एवं मशीनरी, कच्चे माल के क्रय व अन्य मदों के लिए किया जा सकता है। योजना का लाभ 18 से 40 वर्ष की आयु के यूपी के स्थायी निवासी ले सकते हैं, बशर्ते वह कम से कम हाईस्कूल पास हों और बैंक डिफॉल्टर न हों।
31.3 हजार से ज्यादा आवेदन स्वीकृत, 758.97 करोड़ रुपए खर्च कर पहुंचाया लाभ
उत्तर प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ने बड़ी भूमिका निभाई है। आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में अब तक कुल 31.3 हजार से ज्यादा आवेदन योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुए हैं। आवेदकों तक आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा 758.97 करोड़ रुपए मार्जिन राशि के तौर पर वितरित किया जा चुका है। खास बात ये है कि अब योगी सरकार इस योजना में जल्द ही कुछ बड़े संशोधन करने जा रहा है जिससे प्रदेश में बड़े स्तर पर युवाओं को प्रेरित करने में मदद मिलेगी।
4 गुना तक बढ़ाई जा सकती है परियोजना लागत की सीमा
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना ने प्रदेश में छोटे व मझोले उद्यम स्थापित करने के एक विस्तृत फ्रेमवर्क को प्रोत्साहित किया है। ऐसे में, योगी सरकार का फोकस अब इस योजना के दायरे को और बढ़ाने पर है। योजना में कुछ संशोधन प्रस्तावित हैं जिन्हें जल्द ही मूर्त रूप दिया जा सकता है। इन संशोधनों में परियोजना लागत को 4 गुना तक बढ़ाने का प्रावधान प्रमुख है। वहीं, सीएम युवा योजना की तरह ही इसे भी ब्याज मुक्त कर सीएम युवा योजना के तौर पर ही ब्रांड किया जा सकता है। यह सभी सुझाव मुख्यमंत्री के समक्ष रखे गए हैं जिन्हें जल्द स्वीकृति मिल सकती है। स्वरोजगार के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनी योगी सरकार