हमारे दिलों में बसते हैं बाबूजी-ब्रजेश पाठक

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हमारे दिलों में बसते हैं बाबूजी-ब्रजेश पाठक
हमारे दिलों में बसते हैं बाबूजी-ब्रजेश पाठक

हमारे दिलों में बसते हैं बाबूजी। राम मंदिर के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी का किया था त्याग, प्रदेश की जनता की ओर से सादर नमन। हमारे दिलों में बसते हैं बाबूजी-ब्रजेश पाठक

लखनऊ। बाबूजी हमारे दिलों में बसते हैं। जब श्रीराम मंदिर और मुख्यमंत्री की कुर्सी के बीच कश्मकश चल रही थी तो बाबूजी ने कुर्सी को दरकिनार करते हुए प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण को अव्वल नंबर पर रखा। ऐसी महान विभूति के चरणों में मेरा सादर नमन। यह कहना है उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का। वे बुधवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और पद्म विभूषित स्व. कल्याण सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

स्व. कल्याण सिंह की तीसरी पुण्यतिथि पर आयोजित द्वितीय हिंदू गौरव दिवस के अवसर पर डिप्टी सीएम ने कहा कि यूपी की 25 करोड़ जनता की ओर से मैं उन्हें सादर नमन करता हूं। उन्होंने बाबूजी के सुपुत्र पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पूर्व में अलीगढ़ में बाबूजी के श्रद्धांजलि समारोह में जनसैलाब उमड़ता था। आज लखनऊ में भी उनके लाखों चाहने वाले पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि बाबूजी ने सदैव ही समाज के कमजोर वर्ग के लिए काम किया। राम मंदिर निर्माण के मार्ग को प्रशस्त किया। इस वर्ष 22 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का लोकार्पण किया गया तो दुनिया भर में करोड़ों लोग इसके गवाह बने। उन्होंने भारत माता की आन-बान और शान को सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया था। हमारे दिलों में बसते हैं बाबूजी-ब्रजेश पाठक