जब कोई हमें दर्द देता है..!

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जब कोई हमें दर्द देता है..!
जब कोई हमें दर्द देता है..!
राजू यादव
राजू यादव

जब कोई हमें दर्द देता है,आहत करता है तो ऐसा लगता है कि हमारे दिल में गाँठ सी बन गई है और गाँठ दिन-प्रतिदिन और भी मजबूत होती जाती है। यदि हम उसे नहीं खोलते हैं और उसे यूँ ही बना रहने देते है तो परेशानी बढ़ जाती है। यदि हम उस व्यक्ति को माफ कर दें तो हमें लगता है कि जैसे भूमि पर नये पुष्पों का सृजन हुआ। उन पुष्पों की कोमलता व सुन्दरता हमारे दिमाग व दिल को ठंडक पहुँचा रही है। हम अपने भीतर एक नये ‘स्व’ का सृजन होते हुए पाते हैं, जो कुछ नया सोचता है, कुछ नया कर दिखाने की चाह रखता है । जो हमें दोबारा नयी उम्मीद देता है-खुद को महसूस करने की। यदि किसी की कही बात आपके मन को दुःख पहुँचा रही है और आपको लगता है कि वो आपका भला नहीं चाहता है। आपका शत्रु है तो ऐसी भावना आपके मन को विष से भरने का कार्य करती है,जो सिर्फ एक ही कार्य से ठीक हो सकती है कि उस इन्सान को माफ कर दिया जाये, जिसने आपको दुःख पहुँचाया है। पर पूरे हृदय से और पहचान करिये उन शक्तियों को जो ईश्वर ने जन्म के बाद निरन्तर आपको प्रदान की है। खुद को मोटीवेट कीजिये। हमारा जीवन हमारे विचारों और नजरिये का ही तो प्रतिबिम्ब है। हम जैसा सोचते हैं वैसा करते हैं एवं वैसे ही साँचे में ढ़लते जाते हैं। किसी को माफ कर देना खुद के मन को औषधी देने के समान है। किसी के सोच व नजरिये को बदलना आसान नहीं है पर अपने-आप पर हमारा कन्ट्रोल तो हो ही सकता है कि किसी की कही हुई बुरी बात या हरकत को मन में रखकर दुःखी रहने की बजाय हमें खुद को पाॅजिटिव रखकर अपने कार्यों पर फोकस करना चाहिए। अपने मन को उन कार्यों में व्यस्त रखना चाहिए, जो हमें और भी बेहतर बनाये, हमें खुशी दे और कुछ सार्थक करना इतना भी मुश्किल नहीं होता। ये मन हमारा है, हम इसके स्वामी हैं, बस अपनी आवाज इस तक हमें पहुँचाना होता है। किसी की गलत बातों से खीजकर,गुस्सा कर अपने मन को दुःख पहुँचाना गलत है। ऐसे व्यक्ति को माफ कर देना और कुछ नहीं, एक नवीन मन का सृजन करना ही तो है। जब कोई हमें दर्द देता है..!

गलती करना आदमी का स्वभाव है और उससे जाने-अनजाने कभी न कभी ये गलतियां होती ही रहती हैं। लेकिन गलती करना उतना बुरा नहीं है,जितना कि गलती करने के बाद उसे स्वीकार न करना या फिर उसके लिए माफी न मांगना है। हालांकि जीवन में की जाने वाली गलती को स्वीकार करना और और उसके लिए खुद आगे बढ़कर माफी मांगना भी बहुत बड़ी बात होती है। लेकिन उससे भी बड़ी बात होती है आदमी के द्वारा की गई गलती के लिए दूसरे व्यक्ति को माफ करना। जीवन में माफी मांगने की कला बहुत लोगों काे बहुत अच्छे से आती है तो वहीं कुछ लोगों को माफी मांगना उतना ही कठिन लगता है। दरअसल माफी मांगना या फिर किसी को क्षमा करना उतना भी सीधी-सादी बात नहीं है। लेकिन ऐसा करने के बाद व्यक्ति को बड़ा सुकून मिलता है। किसी मित्र को क्षमा करने की अपेक्षा किसी शत्रु को क्षमा कर देना अधिक सरल होता है। क्षमा वो खुशबू है जो फूल उन पैरों पर बिखेरता है जिसने उसे कुचल दिया हो। जब कभी भी आप किसी को माफ करते हैं तो आप अपना भूत नहीं बल्कि अपने भविष्य को बदल देते हैं। इंसान की गलतियां हमेशा क्षम्य होती हैं, बशर्ते आदमी के भीतर उन्हें स्वीकार करने का साहस हो। जो व्यक्ति पहले क्षमा मांगता है, वह सबसे बहादुर है, लेकिन जो सबसे पहले क्षमा करता है वो सबसे शक्तिशाली होता है। हमारे यहां क्षमा को वीरों का आभूषण माना गया है क्योंकि कमजोर व्यक्ति किसी दूसरे को कभी माफ नहीं कर सकता है। क्षमा करने से हमें खुद को पहचानने की समझ व कुछ नया करने की शक्ति मिलती है। राजू यादव आपसे निवेदन करता है कि निगेटिव एनर्जी को बाॅय-बाॅय और जिन्दगी को पूरे उत्साह के साथ जीना शुरु कीजिये। इसके साथ-साथ आप सभी अपना और अपनों का भी ख्याल रखिये। जब कोई हमें दर्द देता है..!