टाइफाइड क्या है..? जानें इसके लक्षण,कारण और उपचार

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टाइफाइड क्या है..? जानें इसके लक्षण,कारण और उपचार
टाइफाइड क्या है..? जानें इसके लक्षण,कारण और उपचार

टाइफाइड एक जीवाणु संक्रमण बीमारी है,जो साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी पाचन-तंत्र और ब्लडस्ट्री म में बैक्टीरिया के इंफेक्शन के कारण होता है। यह बैक्टीरिया आपके शरीर में मुंह के जरिए प्रवेश करते हैं। यदि आप टाइफाइड से संक्रमित किसी व्यक्ति के निकट संपर्क में आते हैं तो भी आपको टाइफाइड होने का खतरा हो सकता है। इस बीमारी से संक्रमित होने के पीछे मुख्य कारण दूषित भोजन या पानी में मौजूद बैक्टीरिया को पीना या खाना है। साल्मोनेला टाइफी नामक बैक्टीरिया पानी और सीवेज में भी हफ्तों तक जीवित रह सकता है। टाइफाइड बुखार सामान्य तौर पर बरसात के दिनों में ज्यादा फैलता है और खराब स्वच्छता भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण है।आइए जानते हैं, टाइफाइड कैसे होता है, इसके लक्षण क्या हैं? क्या टाइफाइड छूने से फैलता है? टाइफाइड बार-बार क्यों होता है..? टाइफाइड क्या है..? जानें इसके लक्षण,कारण और उपचार

टाइफाइड क्या है..?

टाइफाइड सालमोनेला बैक्टीरिया से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है। यह खाने-पीने के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश करती है और बैक्टीरिया इंफेक्शन,तेज बुखार के साथ गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल संबंधी समस्याएं उत्पन्न करती है। लोग इस बीमारी का शिकार दूषित पानी या भोजन ग्रहण करने से होते हैं। यह बैक्टीरिया आपके शरीर में जाने के बाद आपके आंतों में लगभग एक से तीन सप्ताह तक रहता है। उसके बाद आंतों की दीवारों के जरिए ब्लड स्ट्रीम में प्रवेश कर जाता है। आज के समय में टाइफाइड का बेहतर इलाज हर जगह उपलब्ध है। यदि आप इसे अनुपचारित छोड़ देते हैं तो यह आपके लिए जानलेवा साबित भी हो सकता है।

टाइफाइड के लक्षण क्या है..?

टाइफाइड के रोगियों में बैक्टीरिया प्रवेश करने के लगभग एक से तीन सप्ताह के बाद,टाइफाइड के लक्षण दिखाई देते हैं। इसके कुछ मुख्यलक्षण निम्नलिखित है:-

ठंड लगना,पेट में दर्द, कब्ज,डायरिया,सिरदर्द,तेज बुखार,कमजोरी,थकान,शरीर में दर्द,भूख में कमी।


टाइफाइड के कारण क्या है..?

टाइफाइड होने का मुख्यकारण होता है साल्मो नेला टाइफी बैक्टीरिया। टाइफाइड बुखार तब होता है, जब उसका बैक्टीरिया किसी खाद्य पदार्थ या तरल पदार्थ के जरिए आपके शरी र में प्रवेश करता है।

टाइफाइड निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:- संक्रमित व्यक्ति का जूठा खाना, खराब स्वच्छता बनाए रखना,संक्रमित के साथ निकट संपर्क बनाना,प्रभावित क्षेत्रों में बार-बार यात्रा करना।

टाइफाइड के उपचार क्या हैं..? टाइफाइड के मामलों में, एंटीबायोटिक चिकित्सा ही सबसे प्रभावी इलाज है। आमतौर पर सिप्रोफ्लैक्सिन, सेप्ट्रिएक्सोन इसके इलाज के लिए ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यदि सिप्रो फ्लैक्सिन उपलब्ध नहीं है तो इसके बदले एंजीथ्रोमाइसिन इसके दूसरे विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार आप टाइफाइड से बचाव के लिए दो तरह का टिकाकरण करा सकते हैं। पहला एक इनएक्टिव वैक्सिन शॉट और दूसरा लाइव वैक्सीन शॉट। इसके अलावा भी, टाइफाइड से बचाव के उपाय कर बचाव किया जा सकता है:- साफ-सफाई का खासख्याल रखें। खाने से पहले और वॉशरूम से आने के बाद हाथों को साबुन से धोएं।स्ट्रीट फूड खाने से परहेज करें, क्योंकिक्यों ऐसे में टाइफाइड बैक्टीरिया के मिलने की संभावना ज्यादा होती है।घर का बना ताजा खाना खाने की कोशिश करें।कच्चे फल-सब्जियों को खाने से बचें। दूषित पानी पीने से परहेज करें।

टाइफाइड को जड़ से खत्म करने का घरेलू उपाय/इलाज क्या है….?

लहसुन – लहसुन किसी भी रूप में हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसमें मौजूद कई सारे पोषक तत्व के गुण टाइफाइड बुखार से राहत पाने में सहायता करते हैं। आप इसे घी में फ्राई करके खा सकते हैं।
लौंग – औषधीय गुणों से भरपूर लौंगलौं टाइफाइड बुखा र में बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए 5 कप पानी में 4-5 लौंगलौं डालकर अच्छे से उबालें और पानी आधा होने के बाद इसका सेवन कर सकते हैं।
तुलसी – सदियों से तुलसी के पौधों को बहुत से घरेलू बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है। इसी में से एक है टाइफाइड बुखार। टाइफाइड से राहत पाने के लिए आप तुलसी का सेवन भी कर सकते हैं। इसमें कई सारे पोषक तत्वों के गुण पाए जाते हैं। इसके लिए आप तुलसी पत्तियों को पानी में अच्छे से उबाल लें और फिर उसका सेवन करें।
शहद – वैसे तो शहद के कई सारे घरेलू नुस्खेंप्रचलित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं, यह टाइफाइड बुखार में भी बहुत फायदेमंद है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल जैसे गुण पाए जाते हैं जो टाइफाइड बुखार से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आप गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद डाल कर इसका सेवन कर सकते हैं।

टाइफाइड में क्या खाना चाहिए….?

टाइफाइड में शुद्ध स्वच्छ और हल्केखाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए,आसान पाचन के लिए आप उबली हुई सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। भरपूर मात्रा में प्रोटीन सोर्स वाले पदार्थों का सेवन करें। बुखार ठीक होने के लिए आप सूप का सेवन कर सकते हैं। कैल्शियम कि कमी को पूरा करने के लिए आप लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का भी सेवन कर सकते हैं। टाइफाइड में आप अच्छे जूस का सेवन कर सकते हैं।

  • पकी हुई सब्जियाँ : उबले आलू, गाजर, हरी बीन्स, चुकंदर, स्क्वैश।
  • फल : तरबूज, अंगूर, पके केले, सेब, डिब्बाबंद फल।
  • प्रोटीन : टर्की, मछली, अंडे, चिकन, टोफू, ग्राउंड मीट।
  • अनाज : दलिया, दलिया (टूटा हुआ गेहूं का दलिया), सफेद चावल, पास्ता, सफेद ब्रेड, क्रैकर्स।
  • पेय पदार्थ : नारियल पानी, नींबू का रस, रूहअफ़ज़ा, बोतलबंद पानी, हर्बल चाय, नारियल पानी, जूस, शोरबा।
  • डेयरी उत्पाद : दही, कम वसा या वसा रहित पाश्चुरीकृत दूध, छाछ, पनीर और आइसक्रीम ।

दही – एक अध्ययन के अनुसार, दही में बिफिडोबैक्टीरिया होता है जो तीन से छह सप्ताह के भीतर टाइफाइड के रोगियों में सूजन और अशांत मल त्याग में सुधार करता है। यदि आप टाइफाइड से पीड़ित हैं, तो दही खाने से आपको दस्त जैसे कुछ लक्षणों से राहत पाने में मदद मिल सकती है। दही सबसे अच्छे प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थों में से एक है और प्रोबायोटिक्स अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और कई बीमारियों पर काबू पाने में मदद करते हैं। आप अपने सुबह के आहार में दूध या दही शामिल कर सकते हैं।

तरबूज और अंगूर– आसानी से पचने वाला भोजन टाइफाइड के आहार का एक आवश्यक घटक है। तरबूज और अंगूर ऐसे फल हैं जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है और इन्हें पचाना आसान होता है। इन फलों में भरपूर मात्रा में पानी की मात्रा शरीर में पानी की मात्रा को बहाल करने में मदद करती है जो टाइफाइड के रोगियों में निर्जलीकरण के कारण बाधित हो सकती है। तरबूज और अंगूर में विटामिन सी, ए और बी6 जैसे पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं जो टाइफाइड बुखार के तापमान को कम करने में मदद करते हैं। इसलिए, इन फलों या फलों के रस को टाइफाइड के रोगी के दैनिक आहार में शामिल किया जाना चाहिए।

उबले आलू– लक्षणों से निपटने के लिए डॉक्टर कार्बोहाइड्रेट का सेवन बढ़ाने की भी सलाह देते हैं। और, आलू का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह कार्ब्स का अच्छा स्रोत है। इसलिए, टाइफाइड के मरीज़ के लिए अचानक वज़न घटने की समस्या से निपटने के लिए उबला हुआ आलू बहुत मददगार हो सकता है क्योंकि इसमें उच्च कैलोरी मान होता है। आलू उबालने से वे कीटाणु और बैक्टीरिया भी मर सकते हैं जो आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं। आलू आयरन, पोटैशियम और विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं और आपकी प्रतिरक्षा के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप टाइफाइड बुखार से तेज़ी से रिकवरी होती है। इसके अलावा, टाइफाइड से ठीक होने के अन्य लक्षणों में दस्त और कब्ज में कमी और पेट दर्द में कमी शामिल है । डॉक्टर यह पुष्टि करने के लिए कुछ प्रयोगशाला परीक्षण भी सुझा सकते हैं कि शरीर से बैक्टीरिया समाप्त हो गए हैं।

दलिया और दलिया – टाइफाइड के मरीज़ों को अपने आहार में दलिया भी शामिल करना चाहिए। यह एक ठोस भोजन है जो टाइफाइड के दौरान कमज़ोरी से उबरने में मदद कर सकता है। दलिया और दलिया घने कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ हैं और इनमें अच्छी मात्रा में प्रोटीन होता है जो टाइफाइड से पीड़ित व्यक्तियों में पाचन को आसान बनाने और कमज़ोरी से निपटने में मदद करता है। इसके अलावा, ये खाद्य पदार्थ आपकी ताकत बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं।

भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ लें – टाइफाइड के मरीज़ को घर पर ही भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है। अगर आप इस बीमारी से पीड़ित हैं तो नारियल पानी, नींबू का रस, रूहअफ़ज़ा और छाछ जैसे तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करना चाहिए। तरल पदार्थ ज़्यादा ज़रूर होने चाहिए क्योंकि आपको ज़्यादा भूख नहीं लगती इसलिए आप उनसे ऊर्जा और पोषक तत्व प्राप्त कर सकते हैं। अगर मरीज़ अस्पताल में भर्ती है, तो डॉक्टर IV तरल पदार्थ दे सकते हैं।

केले– केले को उच्च कैलोरी वाले आहार में शामिल किया जाता है, और इस प्रकार यह टाइफाइड के रोगियों के लिए वजन बढ़ाने में फायदेमंद हो सकता है। बहुत सारे स्वास्थ्य लाभों के लिए इस फल को अपने फलों के सलाद में शामिल करना चाहिए। केले अत्यधिक पौष्टिक होते हैं, पोटेशियम, विटामिन सी जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और वे आपको और भी अधिक ऊर्जा और कई एंटीऑक्सिडेंट देंगे जो टाइफाइड के लक्षणों को दूर करने के लिए ताकत प्रदान करते हैं।

सफेद चावल– इसमें कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में होता है और यह पाचन में भी सहायता करता है। यह टाइफाइड के दौरान खोई हुई ऊर्जा की भरपाई करता है और रिकवरी प्रक्रिया को तेज़ करता है।

बोतलबंद पानी – इसमें शुद्धतम रूप में आवश्यक खनिज होते हैं और यह हानिकारक बैक्टीरिया और कीटाणुओं से मुक्त होता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए पुनर्जलीकरण करता है और जीवाणु संक्रमण की संभावना को कम करता है।

हर्बल चाय– इसमें मसालों, जड़ी-बूटियों, फलों और चाय की पत्तियों का मिश्रण होता है। इसके अलावा, इसमें कैफीन नहीं होता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और विषहरण में मदद करता है।

नारियल पानी– इसमें स्वास्थ्यवर्धक खनिज होते हैं। इसमें कैलोरी और चीनी कम होती है। यह पोटेशियम, मैग्नीशियम और सोडियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स को बढ़ाता है और टाइफाइड के दौरान खोए पोषक तत्वों की पूर्ति करता है।

टाइफाइड में परहेज करने योग्य खाद्य पदार्थ

  1. ज्यादा फाइबर वाले खाद्य पदार्थ: जिन खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है, वह ना खाएं क्योंकि उन्हें पचाना मुश्किल होता है और आपके पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है। टाइफाइड के दौरान मरीजों का पेट खराब हो जाता है और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से पेट खराब हो जाता है। कच्चे फल, सब्जियाँ, जई, जौ, बीज, साबुत अनाज, मेवे और फलियाँ खाने से बचें।
  2. मसालेदार भोजन: टाइफाइड इन्फेक्शन के दौरान मसालेदार भोजन न खाएं। सभी प्रकार के मसालेदार भोजन जैसे कि गर्म मिर्च, जलेपीनो, लाल शिमला मिर्च, लाल मिर्च, मिर्च, सिरका आदि से बचें, क्योंकि ये पाचन तंत्र को परेशान करते हैं और सूजन को बढ़ाते हैं।
  3. ऑयली और तला हुआ भोजन: टाइफाइड के दौरान सभी प्रकार के तला हुआ और ऑयली भोजन से बचें। इन खाद्य पदार्थों को पचाना मुश्किल होता है और ये आपके पेट पर दबाव डालते हैं। अपने डाइट से चिप्स, पकौड़े, फ्रेम आदि को हटा दें।
  4. कुछ सब्जियां: कुछ सब्जियां जैसे पत्तागोभी, ब्रोकोली, फूलगोभी और शतावरी पेट में गैस और सूजन का कारण बनती हैं। यह आपके पेट पर दबाव बढ़ाता है और आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
  5. सूखे मेवे: सूखे मेवे स्वास्थ्यवर्धक होते हैं लेकिन इनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। टाइफाइड के दौरान अपने पेट पर दबाव कम करने के लिए अखरोट, बादाम और पिस्ता जैसे सूखे मेवे खाने से बचें।

उपरोक्त खाद्य पदार्थों के अलावा,आप टाइफाइड के दौरान कुछ टिप्स फॉलो कर सकते हैं:

  • मक्खन और घी से बचें क्योंकि इन्हें पचाना कठिन होता है।
  • टाइफाइड के दौरान दाल, चना और राजमा जैसी फलियां खाने से बचें क्योंकि ये पेट में गैस पैदा करते हैं।
  • सूजन को कम करने के लिए प्याज और लहसुन वाले खाद्य पदार्थों हटा दें।
  • कद्दू के बीज, सन बीज और चिया बीज ना खाएं।
  • फैटी खाद्य पदार्थों जैसे मोज़ेरेला स्टिक, डोनट्स, आलू के चिप्स, तला हुआ चिकन, प्याज के छल्ले आदि ना खाएं।

टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए….?

ऐसे में तेज गंध वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। मसाला खाने से बचें। गैस बनाने वाले भोजन से दूर रहें। पेस्ट्री, तली हुए चीजें इत्यादि से टाइफाइड में परहेज परहेज करें। मांसाहारी भोजन न करें। उच्च रेशे युक्त आहार से बचें।

टाइफाइड बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होने वाली एक बहुत ही गंभीर बीमारी है। यह संक्रमित खाद्य पदार्थें या पेय पदार्थों के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करता है। बैक्टीरिया के शरीर में जाने के 1-2 सप्ताह में लक्षण दिखाई देने लगते हैं। डॉक्टर की सलाह और दवाईयों के माध्यम से टाइफाइड का इलाज पूरी तरह से किया जा सकता है। अनुपचारित टाइफाइड के नुकसान भी बहुत हैं, ऐसे में कुछ खाने-पीने की चीजों का भी परहेज करना बहुत जरूरी है, जिसे उपरोक्त भागों में बताया गया है। आप घरेलू उपचार के द्वारा भी टाइफाइड का इलाज कर सकते हैं।
ऐसे गंभीर बीमारियों में अस्पताल के खर्चों से बचने के लिए आप अपना स्वास्थ्यबिमा भी करा सकते हैं। आप केयर हेल्थ इंश्योरेंस के केयर एडवांटेज प्लान को खरीद सकते हैं और अस्पताल के वीत्तिय बोझ के संकट को कम कर सकते हैं। सही हेल्थ इंश्योरेंस प्लान आपको ऐसे मुश्किल समय में वीत्तिय रूप से डटे रहने के लिए बहुत जरूरी होता है। टाइफाइड क्या है..? जानें इसके लक्षण,कारण और उपचार


डिस्क्लेमर: किसी भी तरह के नुस्खें या दवा को आजमाने से पहले डॉक्टर से आवश्य परामर्श करें।