शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला लखनऊ में प्रदर्शन

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शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला लखनऊ में प्रदर्शन
शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला लखनऊ में प्रदर्शन
अजय सिंह

69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले को लेकर किया लखनऊ में प्रदर्शन।सुबह 9:00 बजे के आसपास जब आरक्षण पीड़ित भर्ती मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए निकले तो पुलिस मुख्यमंत्री आवास पहुंचने से पहले ही उन्हें रोक लिया और बस में बैठा कर उन्हें इको गार्डन छोड आई।आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने कई बार इको गार्डन से निकलने की कोशिश की ताकि एक बार फिर मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जा सके क्योंकि अभ्यर्थियों की संख्या 11:00 बजे के बाद पड़ने लगी थी लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें इको गार्डन से बाहर नहीं जाने दिया।आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से धरना प्रदर्शन के दौरान कहना था कि सरकार ने आरक्षण घोटाला स्वीकार कर 19000 आरक्षण घोटाले के सापेक्ष 5 जनवरी 2022 को 6800 की लिस्ट निकाली थी लेकिन सरकार द्वारा हाई कोर्ट में ठीक तरह से पैरवी सरकार नहीं की गयी जिस कारण वह लिस्ट भी रद्द हो गई। शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला लखनऊ में प्रदर्शन

वहीं दूसरी तरफ लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में जस्टिस ओपी शुक्ला 13 मार्च 2023 को उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दे चुके हैं की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की 1 जून 2020 को प्रकाशित लिस्ट को मूल चयन सूची के रूप में बनाया जाए तथा उसे विभाग अपनी साइट पर अपलोड करें इस कार्य हेतु हाईकोर्ट द्वारा सरकार के लिए 3 महीने की समय सीमा निर्धारित की गई लेकिन 3 महीने से अधिक का समय बीत गया अभी तक ना तो सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने में दिलचस्पी दिखाई और ना ही बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने दिलचस्पी दिखाई और यही कारण रहा कि आज तक वह लिस्ट नहीं बनी है और इस प्रकार हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन हो रहा है ।

आज सुप्रीम कोर्ट से बीटीसी बनाम B.Ed मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आई फैसले में B.ed को प्राथमिक शिक्षक भर्ती से बाहर करने पर दुख जताया गया और स्पष्ट तौर पर कहा की सरकार की लचर पैरवी से आज B.Ed प्राथमिक से बाहर हो गया है और उत्तर प्रदेश के लाखों युवा एवं बिहार शिक्षक भर्ती में फॉर्म भर चुके लाखों की संख्या में अभ्यर्थी अब प्राथमिक में फॉर्म भरने के लिए और परीक्षा देने के लिए मान्य नहीं होंगे अब ऐसी स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह कोई ठोस निर्णय और बीएड को प्राइमरी में बहाल करने हेतु प्रयास करें ।

पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप ने कहा है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच में 22 अगस्त को सुनवाई होगी और उनका पूरी तरह से प्रयास रहेगा कि उसे दिन कुछ ना कुछ निष्कर्ष हाईकोर्ट डबल बेंच से अवश्य निकले लेकिन सरकार को भी चाहिए कि वह आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय देने के लिए कोर्ट से लंबी तारीख लेकर भागने का प्रयास ना करें। 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह 3.80% तथा एससी वर्ग को 21% की जगह 16.2% आरक्षण दिया गया है और इस प्रकार बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया गया है ।

भर्ती में ओबीसी वर्ग के 28978 अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग कराई जानी थी लेकिन इसकी जगह मात्र 13007 अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग कराई गई है और बाकी ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोक दी गई ठीक इसी प्रकार एससी वर्ग के लगभग 3500 अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोक दी गई जो बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 के नियमानुसार गलत है और इस भर्ती में आरक्षण घोटाला करके 19000 ऐसे अभ्यर्थियों को चयनित कर दिया गया जिन्हें इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होना ही नहीं चाहिए था लेकिन अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म करने के प्रयास में इस भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण घोटाला किया लेकिन आज तक इन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि यह मामला आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में भी ला चुके हैं इसके बावजूद भी इस भर्ती में आरक्षण घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई और ना ही इनकी संपत्ति की जांच की गई ।

उन्होंने कहा कि आज बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से एससीईआरटी में मुलाकात हुई जो काफी सकारात्मक रही जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जो भी निर्णय हाई कोर्ट डबल बैंच का आएगा हम उसे मान लेंगे तथा सुप्रीम कोर्ट में चलेंगे नहीं करेंगे।धरना प्रदर्शन में बलिया ,गाजीपुर कानपुर, एटा, इटावा, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, सीतापुर आदि जनपदों के तमाम अभ्यर्थी शामिल रहे। शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाला लखनऊ में प्रदर्शन