डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें

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डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें
डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें

डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें, गंभीर होने से खुद को बचा सकते हैं। शरीर पर लाल दाने, बार-बार उल्टी, पेशाब-मल में खून, 12 घंटे से अधिक पेशाब न आने, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, झटका, बेहोशी के लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क। फौरन पास के अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं। सही समय पर इलाज मिल जाने पर रोगी 24 से 48 घंटे में हो जाते हैं ठीक। डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें

राजू यादव

लखनऊ। डेंगू सामान्य बुखार की ही तरह है। सात से 10 दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। गंभीर होने से पहले यह वार्निंग सिग्नल देता है। बस उसे पहचानने की जरूरत है। लिहाजा सतर्क और सावधान रहें। आप डेंगू से बचे रहेंगे। डेंगू के लिए अनुकूल मौसम चल रहा है। मरीज भी लगातार आ रहे हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। मच्छर के काटने से होने वाली इस बीमारी से भारत में मरने वाले एक फीसदी से भी कम हैं लेकिन जानकारी का अभाव, लापरवाही व वार्निंग सिग्नल को अनदेखा करना और अपने मन से दवाओं का सेवन इस बीमारी को गंभीर बना सकता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक पांच प्रतिशत रोगी ही गंभीर डेंगू हैमरेजिंग व डेंगू शाक सिंड्रोम में परिवर्तित होते हैं। बाकी 95 प्रतिशत मरीज सात से 10 दिन में ठीक हो जाते हैं। सामान्य डेंगू बुखार गंभीर डेंगू में परिवर्तित होने के संकेत देता है। एक्सपर्ट ने बताया कि शरीर के किसी हिस्से में लाल दाने दिखें, शरीर के किसी हिस्से में खून आए, बार-बार उल्टी, पेशाब-मल में खून आए, 12 घंटे से अधिक पेशाब न आए, पेट दर्द, सांस लेने में तकलीफ, झटका, बेहोशी, हाथ-पैर का ठंडा पड़ जाने के लक्षण दिखें तो बिना एक पल गंवाए फौरन पास के अस्पताल में मरीज को भर्ती कराएं। सही समय पर इलाज मिल जाने पर इस तरह के रोगी 24 से 48 घंटे में ठीक हो जाते हैं।

संयुक्त निदेशक डॉ विकास सिंघल ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच व इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा 108 नं एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है। कोई भी मरीज अगर डेंगू के लक्षण वाला हो तो फौरन एंबुलेस बुलाकर पास के सरकारी अस्पताल में भर्ती हो। उन्होंने अपील की कि डेंगू के लक्षण वाला प्रत्येक मरीज जल्द से जल्द जांच कराए। इससे आपको तो समय से इलाज मिल ही जाएगा। साथ ही समाज में इसका प्रसार भी रोका जा सकेगा।

डॉ. सिंघल ने बताया कि सामान्यतः डेंगू का बुखार तीन से सात दिन में उतर जाता है लेकिन आगे के कुछ दिन भी सावधान रहने की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि शरीर में पानी व नमक की कमी कतई नहीं होने देनी चाहिए।

किन्हें खतरा ज्यादा

• जिन्हें डेंगू पहले हो चुका हो।
• शिशु व 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे खासतौर पर कुपोषित बच्चे।
• 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग, मोटे लोग।
• गर्भवती महिलाएं व जिनका मासिक धर्म चल रहा हो।
• हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग।

ये बिल्कुल न करें

• अपने मन से कोई भी दवा न लें।
• बीमारी के दौरान टूथब्रश से दांत साफ न करें।
• तला-भुना, मांसाहारी भोजन का उपयोग न करें।
• प्लेटलेट बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के ज्ञान से प्रभावित न हों। वास्तव में बहुत कम रोगियों को प्लेटलेट चढ़ाने की आवश्यकता होती है।
• वार्निंग को अनदेखा न करें।
• डाक्टर की सलाह को नजरअंदाज बिल्कुल न करें।

डेंगू से बचने के आसान उपाय

  1. अपने आसपास की जगह को साफ रखें। कूलर, टायर या कबाड़ सामान में पानी जमा न होने दें।
  2. पूरी आस्तीन के कपड़ें पहनें।
  3. मच्छरदानी लगाकर सोएं।
  4. घर में कीटनाशक का छिड़काव कराएं। डेंगू के वार्निंग सिग्नल पहचानें