प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना

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प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना
प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना

प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम-अजय) 03 केंद्र प्रायोजित योजनाओं अर्थात् प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (पीएमएजीवाई), अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीए से एससीएसपी) और बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना ( बीजेआरसीवाई) के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की एक विलय योजना है और इन्हें कौशल विकास, आय सृजन योजनाओं और अन्य पहलों के माध्यम से अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करके अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों की गरीबी को कम करने तथा पर्याप्त बुनियादी ढांचे एवं अपेक्षित सेवाओं को सुनिश्चित करके सामाजिक-आर्थिक विकास संकेतकों में सुधार करने के उद्देश्य से 2021-22 से लागू किया गया है। एससी बाहुल्य गांवों में मोटेतौर पर, इस योजना के निम्नलिखित तीन घटक हैं। प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना

  • अनुसूचित जाति बहुल गांवों का “आदर्श ग्राम” के रूप में विकास।
  • अनुसूचित जाति की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के उद्देश्य से जिला/राज्य-स्तरीय परियोजनाओं के लिए ‘सहायता अनुदान’ जिसमें आदर्श ग्राम घटक के तहत चुने गए गांवों सहित अनुसूचित जाति बहुल गांवों में बुनियादी ढांचे का निर्माण, छात्रावास/ आवासीय विद्यालयों का निर्माण, व्यापक आजीविका परियोजनाएं शामिल हो सकती हैं। इसमें कौशल विकास, संबंधित बुनियादी ढांचे का विकास, आजीविका सृजन के लिए आवश्यक संपत्तियों के अधिग्रहण / निर्माण के लिए लाभार्थियों द्वारा लिए गए ऋण के लिए वित्तीय सहायता आदि जैसे घटक शामिल हो सकते हैं।
  • ऐसे उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रावासों का निर्माण जो भारत सरकार के राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के अनुसार शीर्ष स्थान पर हैं और केंद्र/राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा पूर्ण या आंशिक रूप से वित्त पोषित हैं। इसी प्रकार, स्कूलों में छात्रावासों का निर्माण जो पूरी तरह या आंशिक रूप से केंद्र/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा वित्त पोषित हैं और शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुशंसित हैं।

आदर्श ग्राम घटक {तत्कालीन प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना} के बारे में

  • इस घटक का उद्देश्य अनुसूचित जाति बहुल गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है, ताकि अन्य बातों के साथ-साथ:
  • पर्याप्त बुनियादी ढांचा भी हो
  • इस योजना के अंतर्गत  सामाजिक-आर्थिक विकास आवश्यकताओं के लिए आवश्यक सभी आवश्यक बुनियादी ढाँचे प्रदान किए जाने हैं।
  • सामाजिक-आर्थिक संकेतकों में सुधार।
  • पहचाने गए सामाजिक-आर्थिक संकेतक, जिन्हें मॉनिटर सक्षम संकेतक के रूप में जाना जाता है, में सुधार किया जाना है ताकि अनुसूचित जाति (एससी) और गैर-एससी जनसंख्या  के बीच असमानता समाप्त हो और इन  संकेतकों का स्तर कम से कम राष्ट्रीय औसत तक बढ़ाया जा सके। अधिक विशेष रूप से, सभी गरीबी की रेखा से नीचे (बीपीएल) के  एससी परिवारों, सभी एससी बच्चों को भोजन और आजीविका सुरक्षा मिलनी चाहिए

और उनकी कम से कम माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा पूरी करनी चाहिए,  साथ ही मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के सभी कारकों पर ध्यान दिए जाने के अलावा विशेषकर बच्चों और महिलाओं में कुपोषण  के मामलों को समाप्त किया जाता है।

  1. क्षेत्रों (डोमेन) के अंतर्गत 50 निगरानी योग्य संकेतकों का विवरण इस प्रकार है:-

छ . पेयजल एवं स्वच्छता

i. शिक्षा

ii. स्वास्थ्य और पोषण

iii. सामाजिक सुरक्षा

iv. ग्रामीण सड़कें और आवास

v. बिजली और स्वच्छ ईंधन

vi. कृषि पद्धतियाँ आदि

vii. वित्तीय समावेशन

viii. डिजिटाइजेशन

ix. आजीविका एवं कौशल विकास

अनुसूचित जाति की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए जिला/राज्य-स्तरीय परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता के बारे में {अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता की पूर्ववर्ती योजना}।

इस योजना का लक्ष्य निम्नलिखित प्रकार की परियोजनाओं के लिए अनुदान के माध्यम से अनुसूचित जाति का सामाजिक-आर्थिक विकास करना है:-

  1. व्यापक आजीविका परियोजनाएँ: ऐसी परियोजनाएँ जो केवल तभी शुरू की जाएंगी जब वे स्थायी आय उत्पन्न करने अथवा अनुसूचित जातियों की सामाजिक उन्नति के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करती हों। ये परियोजनाएँ अधिमानतः निम्नलिखित में से दो या अधिक का संयोजन होनी चाहिए:
  1. कौशल विकास: एमएसडीई के मानदंडों के अनुसार कौशल पाठ्यक्रम। सरकार द्वारा संचालित कौशल विकास गतिविधियों के संचालन के लिए संबंधित सुविधाएं और बुनियादी ढांचा। कौशल विकास संस्थानों को भी वित्त पोषित किया जा सकता है।
  2. लाभार्थियों/परिवारों के लिए परिसंपत्तियों के निर्माण/अधिग्रहण के लिए अनुदान: योजना के अंतर्गत एकल व्यक्तिगत परिसंपत्ति वितरण होगा। हालाँकि, यदि परियोजना में लाभार्थियों/परिवारों के लिए आजीविका सृजन के लिए आवश्यक परिसंपत्तियों के अधिग्रहण/निर्माण का प्रावधान है, तो ऐसी परिसंपत्तियों के अधिग्रहण/निर्माण के लिए लाभार्थी द्वारा लिए गए ऋण के लिए वित्तीय सहायता, प्रति लाभार्थी/घर 50,000 रुपये या परिसंपत्ति लागत का 50 प्रतिशत तक जो भी कम हो, तक होगी।

 बुनियादी ढांचे का विकास- परियोजना से संबंधित बुनियादी ढांचे और छात्रावासों और आवासीय विद्यालयों का विकास।

अन्य बुनियादी ढाँचा- अनुसूचित जाति बहुल गाँवों में विभिन्न अन्य बुनियादी ढाँचा विकास परियोजनाएँ।

विशेष प्रावधान:

  • अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए कुल अनुदान का 15 प्रतिशत तक विशेष रूप से व्यवहार्य आय उत्पन्न करने वाली आर्थिक विकास योजनाएं / कार्यक्रम।
  • बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कुल अनुदान का 30 प्रतिशत तक उपयोग किया जाएगा  और जो कौशल विकास के लिए कुल निधि का कम से कम 10 प्रतिशत हो
  • उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन और विपणन में लगी अनुसूचित जाति महिला सहकारी समितियों को बढ़ावा देना।
  • छात्रावास घटक {बाबू जगजीवन राम छात्रवास योजना की पूर्ववर्ती योजना}।

उद्देश्य:-

  • अनुसूचित जाति के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने और उनकी स्कूल छोड़ने की दर को कम करने में सक्षम और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए छात्रावासों के निर्माण की योजना।
  • राज्य सरकारों, केंद्रशासित प्रदेश प्रशासनों और केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों/ संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित किया गया।
  • निर्माण हेतु स्वीकार्य केन्द्रीय सहायता,पूर्वोत्तर  क्षेत्र: रु. 3.50 लाख प्रति,उत्तरी हिमालयी क्षेत्र: 3.25 लाख रुपये प्रति।
  • गंगा के मैदान और निचले हिमालयी क्षेत्र: रु. 3.00 लाख प्रति,खाट, मेज आदि की व्यवस्था के लिए प्रति छात्र 5000/- रु. रुपये का एकमुश्त अनुदान।
  • योजना के अंतर्गत  निर्मित 50 छात्रों के छात्रावास के लिए 5 वर्षों में एक बार मरम्मत और रखरखाव की लागत 5.00 लाख रुपये तक होती है।
  • इन छात्रावासों को 27 महीने की निर्दिष्ट अवधि के भीतर पूरा किया जाना है।
  • हाल के परिवर्तन (2021-22 से) लड़कों के छात्रावासों के लिए भी 100 प्रतिशत केंद्रीय सहायता – पहले इसे  राज्यों  के साथ लागत साझा किया जाता था।
  • कार्यान्वयन एजेंसियों को पीएमएजेएवाई पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन प्रस्ताव भेजना होगा।

चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान उपलब्धियाँ

  • आदर्श ग्राम घटक के अंतर्गत  वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 1834 गांवों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया है।
  • योजना के छात्रावास घटक के अंतर्गत  कुल 15 नए छात्रावास स्वीकृत किए गए हैं।
  • चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अनुदान सहायता घटक के अंतर्गत 17 राज्यों के लिए परिप्रेक्ष्य योजना को मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना