ई-बाल निदान ऑनलाइन पोर्टल पर

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बाल अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शिकायतों के निवारण के लिए ऑनलाइन पोर्टल “ई-बाल निदान ” को नया रूप दिया गया। शिकायतों से निपटने के दौरान शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ आयोग के लिए भी फायदेमंद नई सुविधाओं को शामिल किया गया। ऑनलाइन पोर्टल शिकायतकर्ता के लिए शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है और आयोग द्वारा मामलों के समय पर निपटान में मदद करता है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीआर) के समन्वित कामकाज और बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) अधिनियम, 2005 की धारा 13(2) के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखते हुए, एनसीपीसीआर “ई-बाल निदान” पोर्टल पर सभी एससीपीसीआर तक पहुंच प्रदान करेगा।

 एनसीपीसीआर राज्य आयोगों को यूजर आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराएगा ताकि वे पोर्टल पर दर्ज शिकायतों को देख सकें और आवश्यक कार्रवाई कर सकें। इसके अलावा, पोर्टल के पास एनसीपीसीआर से पंजीकृत शिकायतों को संबंधित राज्य आयोग को स्थानांतरित करने का विकल्प होगा,यदि राज्य आयोग पहले ही मामले का संज्ञान ले चुका है,यदि वे शिकायत समाधान में एनसीपीसीआर की भागीदारी चाहते हैं तो राज्य आयोगों को संयुक्त जांच का विकल्प भी प्रदान किया जाएगा।

ई- बाल निदान बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 के अंतर्गत बालकों के किसी भी अधिकार के उलंघन के विरुद्ध राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को शिकायत करने के लिए एक ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन व्यवस्था है। शिकायत कर्ता को उसकी शिकायत पर की जा रही कार्यवाई के विषय में ई -मेल /एस एम एस के द्वारा सूचित किया जाता है।शिकायत की नवीनतम स्थिति ई-बाल निदान पर भी देखी जा सकती है| शिकायत कर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाती है। 

आयोग ने सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत अपने शासनादेश और कार्यों को पूरा करने के लिए 2015 में एक ऑनलाइन शिकायत प्रणाली “ई-बाल निदान” विकसित किया था,यह वेब पते के साथ एक ऑनलाइन पोर्टल है,जिसमें कोई भी व्यक्ति किसी बच्चे के खिलाफ किए गए किसी भी उल्लंघन के बारे में शिकायत दर्ज करा सकता है और इस तरह के पंजीकरण के बाद शिकायतकर्ता को शिकायत पंजीकरण संख्या मिल जाएगी, इस नंबर के माध्यम से शिकायतकर्ता द्वारा आयोग में शिकायत के निवारण की प्रगति का पता लगाया जा सकता है,पंजीकरण फॉर्म इस तरह से तैयार किया गया है कि शिकायत के सभी पहलुओं का उल्लेख किया जा सके और शिकायतकर्ता द्वारा विवरण प्रदान किया जा सके। प्रपत्र में घटना की तारीख, घटना का स्थान, पीड़ित के बारे में जानकारी, प्राधिकरण, शिकायत की प्रकृति और श्रेणी, क्या कार्रवाई शुरू की गई, आदि विवरण शामिल है।

 आयोग के साथ पंजीकृत शिकायतों की प्रक्रिया चलाई जाती है और आयोग को प्राप्त किसी अन्य शिकायत की तरह ही इसका भी निपटारा किया जाता है,रिपोर्टिंग का यह ऑनलाइन तंत्र यह सुनिश्चित करता है कि शिकायतकर्ता को बिना किसी लागत के ऑनलाइन मोड के माध्यम से आयोग को शिकायत करने में आसानी हो,यह शिकायतकर्ता के लिए शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है और आयोग द्वारा मामलों के समय पर निपटान में मदद करता है।