दिग्गज नेता भी नहीं बचा सके अपनी सीट

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[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”]केशव प्रसाद मौर्य अपने गढ़ सिराथू से चुनावी मैदान में थे, जहां उनके समर्थकों ने उन्हें जिताने के लिए मतगणना स्थल पर पहुंचकर हंगामा तक किया। लेकिन आखिरकार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। समाजवादी की डॉ पल्लवी पटेल ने केशव प्रसाद मौर्य को 7 हज़ार 337 वोटों से हरा दिया।उत्तर प्रदेश योगी सरकार के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित 10 दिग्गज नही बचा सके अपनी सीट उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत में बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे।वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत में बड़ी भूमिका निभाकर उप मुख्यमंत्री बने केशव वर्ष 2022 के चुनाव में अपना ‘घर’ नहीं बचा सके। भाजपा के स्टार प्रचारक होने के नाते उनके ऊपर प्रदेश में भाजपा उम्मीदवारों को जिताने का बड़ा जिम्मा था,लेकिन वह अपने जिले की तीन सीटों में चायल और मंझनपुर सीट को जिताना तो दूर, वह सिराथू में खुद भी चुनाव हार गए।उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के शानदार प्रदर्शन के बावजूद उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत राज्य के 10 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा है।

उप मुख्‍यमंत्री ही नही कई दिग्गज नही बचा पाए अपनी सीट-

ग्राम्‍य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह-योगी सरकार में ग्राम्‍य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ जिले की पट्टी विधान सभा सीट से समाजवादी पार्टी के राम सिंह से 22,051 मतों से पराजित हो गये।योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से चुनाव हार गए हैं प्रदेश के दिग्गज नेताओं में उनकी गिनती होती रही है।

थानाभवन से गन्ना मंत्री सुरेश राणा-राज्य सरकार के गन्ना मंत्री सुरेश राणा शामली जिले की थानाभवन सीट पर सपा समर्थित राष्‍ट्रीय लोकदल के अशरफ अली खान से 10 हजार से अधिक मतों से चुनाव हार गये। चुनाव में गन्ना -जिन्ना खूब चर्चा में रहा लेकिन थानाभवन में जिन्ना जीत गया गन्ना हार गया ।थाना भवन विधानसभा में गन्ना मंत्री सुरेश कुमार राणा को राष्ट्रीय लोक दल के अशरफ अली खान ने 10,806 मतों के अंतर से हरा दिया। थाना भवन सीट शामली जिले में आती है, यूपी में कई बहुचर्चित सीटों में एक थाना भवन का भी नाम है।
राज्‍य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार-बरेली जिले की बहेड़ी विधान सभा सीट से राज्‍य मंत्री छत्रपाल सिंह गंगवार समाजवादी पार्टी के अताउर्रहमान से 3,355 मतों से पराजित हो गए.
राज्‍य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय-राज्‍य मंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सीट पर सपा के अनिल कुमार से 20,876 मतों से पराजित हो गये।

बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी-विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार माता प्रसाद पांडेय ने सिद्धार्थनगर जिले की इटवा सीट पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी को 1,662 मतों से हराया।

राज्‍य मंत्री आनन्‍द स्‍वरूप शुक्‍ला-राज्‍य मंत्री आनन्‍द स्‍वरूप शुक्‍ला को बलिया जिले की बैरिया सीट पर समाजवादी पार्टी के जयप्रकाश अंचल ने 12,951 मतों से पराजित कर दिया।

राज्‍य सरकार के मंत्री रणवेन्द्र सिंह धुन्नी-समाजवादी पार्टी की उषा मौर्या ने फतेहपुर जिले की हुसैनगंज सीट पर भाजपा उम्मीदवार और राज्‍य सरकार के मंत्री रणवेन्द्र सिंह धुन्नी को 25,181 मतों से पराजित कर दिया।
राज्‍य मंत्री लाखन सिंह राजपूत-औरैया जिले की दिबियापुर सीट पर राज्‍य मंत्री लाखन सिंह राजपूत सपा के प्रदीप कुमार यादव से मात्र 473 मतों के अंतर से हार गये।

खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी-बलिया जिले की फेफना सीट पर खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संग्राम सिंह से 19,354 मतों से पराजित हो गये।

गौरव वर्मा– बहराइच जिले की कैसरगंज सीट से योगी सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहारी वर्मा के बेटे गौरव वर्मा विधानसभा में अपनी सीट पक्की नहीं कर पाए। मुकुट बिहारी वर्मा ने अपनी जगह अपने बेटे को चुनाव लड़ाया था।

चिल्लूपार सीट पर विनय तिवारी –गोरखपुर जिले की चिल्लूपार सीट पर बाहुबली हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय तिवारी को 21,645 वोट से हरा दिया। इस सीट पर बीजेपी के राजेश त्रिपाठी को 96,777 वोट मिले। विनय को 75,132 वोट मिले। बसपा के राजेंद्र सेठी को 45,729 वोट मिले।


स्वामी प्रसाद मौर्य- दलबदुओं की गिनती में शामिल और खुद को ओबीसी समुदाय का कद्दवार नेता कहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। योगी सरकार में श्रम मंत्री रहे स्वामी प्रसाद ने सपा में शामिल होते ही खुद को नेवला और भाजपा को सांप बता डाला था, लेकिन शायद जनता को ये बात पसंद नहीं आई और वो फाज़िलनगर सीट पर 45014 हज़ार वोटों से हार गए। हालांकि उन्होंने इस हार को स्वीकार किया और कहा कि ‘’मैं हिम्मत नहीं हारा हूं’’

रामगोविंद चौधरी- बलिया जिले की बांसडीह सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी पिछले कई चुनावों से लगातार जीतते आ रहे थे, लेकिन इस बार उन्हें भाजपा की केतकी सिंह ने मात दे दी है। राम गोविंद चौधरी को भाजपा-निषाद पार्टी गठबंधन की उम्मीदवार केतकी सिंह ने 21352 वोटों से हरा दिया।

धर्म सिंह सैनी-योगी सरकार में मंत्री रहे और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा को तिलांजलि देने वाले धर्म सिंह सैनी चुनाव हार गए हैं, वे नकुड विधानसभा से सपा के कैंडिडेट थे।

संजय सिंह-अमेठी राजघराने से ताल्लुक रखने वाले संजय सिंह भी चुनाव हार गए हैं। 2017 में उनकी पत्नी जागृति सिंह अमेठी से भाजपा के सिंबल पर चुनाव जीती थी। इस बार उनकी जगह संजय सिंह को भाजपा ने लड़ाया था। संजय सिंह को सपा सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी महराजी प्रजापति ने मात दी है।

अजय कुमार लल्लू-उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कुशीनगर स्थित तमकुहीराज सीट से चुनाव हार गए। उनके खिलाफ मैदान में उतरे बीजेपी उम्मीदवार असीम कुमार को करीब 115123 वोट मिले। वहीं अजय कुमार लल्लू को सिर्फ 33449 वोट से संतोष करना पड़ा। अजय कुमार लल्लू 81,674 वोट से चुनाव हार गए।

धनंजय सिंह- जौनपुर की मल्हनी सीट पर लकी यादव ने एकबार फिर से बाहुबली धनंजय सिंह को 17,527 वोटों से हरा दिया। शुरुआती राउंड में धनंजय सिंह करीब 4 हजार वोट से आगे हो गए थे। लेकिन उसके बाद पिछड़ते चले गए। लकी को 97,357 वोट और धनंजय सिंह को 79,830 वोट मिला। यहां बीजेपी प्रत्याशी कृष्ण प्रताप सिंह 18,319 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी कर इतिहास रच दिया है।37 सालों में ऐसा पहली बार होगा जब कोई सरकार अपना कार्यकाल दोहराने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में दोबारा बहुमत हासिल कर लिया है।ये कहना ग़लत नहीं होगा कि कोई भी पार्टी या दिग्गज नेता इस बार जनता का मूड पूरी तरह से भांप नहीं पाई। यही कारण है कि हर पार्टी के दिग्गज नेताओं को करारी शिकस्त झेलने पड़ी है।कई दिग्गजों को देखना पड़ा हार का मुंह, नहीं बचा सके अपनी सीट फिर भी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा की वापसी हो गई है। [/Responsivevoice]