मुख्यमंत्री ने ई0पी0सी0 व्यवस्था में परिवर्तन/सुधार/सरलीकरण की समीक्षा की। परियोजनाओं के निर्माण कार्य को पूरी पारदर्शिता के साथ तय समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश। प्रोजेक्ट के शिलान्यास की तारीख से ही कार्य पूर्ण होने की अवधि निर्धारित कर दी जाए। विकास परियोजनाओं के समय से पूर्ण होने पर जनता के पैसे की बचत होती है और लोगों को भी इन परियोजनाओं का समय से लाभ मिलता है। ई0पी0सी0 मोड में सुधार की आवश्यकता पर बल, इस सम्बन्ध में एक कार्यकारी समिति का गठन किया जाए। परियोजनाओं का बजट पुनरीक्षण बिल्कुल न किया जाए। परियोजनाओं की सतत निगरानी करने के निर्देश। पारदर्शी तरीके से डी0पी0आर0 बनाया जाए। जो भी संस्था डी0पी0आर0 तैयार कर रही हो वो टेंडर प्रक्रिया में भाग न ले। बड़े प्रोजेक्ट्स के डी0पी0आर0 के लिए 06 माह का समय निर्धारित करते हुए 18 से 24 माह में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाए। सही कॉन्ट्रैक्टर का चयन किया जाए तथा कॉन्ट्रैक्टर की क्षमता अनुसार ही उन्हें कार्य आवंटित किए जाएं।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परियोजनाओं के निर्माण कार्य को पूरी पारदर्शिता के साथ तय समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रोजेक्ट के शिलान्यास की तारीख से ही कार्य पूर्ण होने की अवधि निर्धारित कर दी जाए। उन्होंने इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट कन्स्ट्रक्शन (ई0पी0सी0) मोड में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में एक कार्यकारी समिति का गठन किया जाए। प्रमुख सचिव नियोजन की अध्यक्षता में गठित होने वाली इस समिति में वित्त विभाग, लोक निर्माण विभाग, गृह विभाग और प्रशासनिक विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव सदस्य होंगे। एक बैठक में ई0पी0सी0 व्यवस्था में परिवर्तन/सुधार/सरलीकरण की समीक्षा कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि निर्माण कार्य की लागत में पुनरीक्षण होने के कारण विलम्ब होता था, जिस कारण टाइम ओवर रन एवं फास्ट ओवर रन की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी। इस समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश में 50 करोड़ रुपये से अधिक लागत के शासकीय भवनों का निर्माण लोक निर्माण विभाग के माध्यम से ई0पी0सी0 मोड में सम्पन्न किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने ई0पी0सी0 मोड में सुधार के सम्बन्ध में कहा कि परियोजनाओं का बजट पुनरीक्षण बिल्कुल न किया जाए। पारदर्शी तरीके से डी0पी0आर0 बनाया जाए और उनकी समय सीमा भी निर्धारित की जाए। इस पर विशेष ध्यान दिया जाए कि जो भी संस्था डी0पी0आर0 तैयार कर रही हो वो टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं ले।जनहित की परियोजनाओं के लिए सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि कार्य समय पर प्रारम्भ होने के साथ ही निर्धारित समय पूरा हो। विकास परियोजनाओं के समय से पूर्ण होने पर जनता के पैसे की बचत होती है और लोगों को भी इन परियोजनाओं का समय से लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि बड़े प्रोजेक्ट्स के डी0पी0आर0 के लिए 06 माह का समय निर्धारित करते हुए 18 से 24 माह में प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाए। ऐसी ही व्यवस्था छोटे प्रोजेक्ट्स के लिए भी लागू करते हुए उनके पूर्ण होने की समय सीमा भी निर्धारित की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों के लिए सही कॉन्ट्रैक्टर का चयन किया जाए तथा कॉन्ट्रैक्टर की क्षमता अनुसार ही उन्हें कार्य आवंटित किए जाएं। उन्होंने प्रदेश में चल रही जनहित की विभिन्न परियोजनाओं में देरी करने वाली कम्पनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी कंपनियों को हर हाल में ब्लैक लिस्ट कर देना चाहिए, क्योंकि यह लोग नशे के सौदागरों से कम नहीं है। उन्होंने परियोजनाओं की सतत निगरानी करने के निर्देश भी दिए। विभिन्न जनपदों में क्रियान्वित की जा रही अटल आवासीय विद्यालय, सैनिक स्कूल, राजकीय विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज आदि परियोजनाओं के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि यह परियोजनाएं प्रदेश के बच्चों और युवाओं के बेहतर भविष्य से जुड़ी हैं। इसलिए प्रदेश में जो भी नये विश्वविद्यालय या मेडिकल कॉलेज बने, उनकी वास्तुकला आकर्षक हो और उनमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखे। उन्होंने अमेठी मेडिकल कॉलेज और पुलिस लाइन का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ कराने तथा प्रदेश में ई0पी0सी0 मोड की परियोजनाओं से जुड़े स्टेक होल्डर्स की फॉरेंसिक ऑडिट कराने के निर्देश दिए।बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि ई0पी0सी0 मोड पर प्रदेश में अक्टूबर, 2020 से अगस्त, 2022 तक 74 परियोजनाओं के डी0पी0आर0 बन गए हैं। 63 परियोजनाओं का ई0एफ0सी0 (एस्टिमेटेड फाइनल कॉस्ट) निर्धारित हो चुका है। 53 परियोजनाओं को प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 48 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है।