आईजी-एआईजी जेल को गुमराह कर कराए पटल परिवर्तन..! विभागीय अधिकारी ने सेवानिवृत होने बाबू से तैयार कराया प्रस्ताव। विवादित बाबुओं को मिली महत्वपूर्ण पटल पर तैनाती। पटल परिवर्तन से मुख्यालय के बाबू संवर्ग में आक्रोश। आईजी-एआईजी जेल को गुमराह कर पटल परिवर्तन..!
राकेश यादव
लखनऊ। जेल मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने महानिरीक्षक (आईजी) जेल को गुमराह कर बाबुओं के मनमाफिक पटल परिवर्तन करा दिए। मातहत बाबू के सहारे काम निपटाने वाले इस अधिकारी ने रिटायर होने वाले बाबू से ही पटल परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार करवाया और आईजी जेल के समक्ष रखकर उसका अनुमोदन करा लिया। प्रस्ताव में स्टेनो होने के बाद भी प्रधान सहायक और प्रशासनिक अधिकारी को स्टेनो की कुर्सी पर बैठवा दिया गया। चहेते बाबू से तैयार किए गए प्रस्ताव का यह मामला मुख्यालय के बाबुओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि आईजी जेल को यथास्थिति बताए बगैर ही बाबुओं के पटल परिवर्तन कर दिए गए। पटल परिवर्तन में विवादों में घिरे रहने वाले बाबुओं को कमाऊ पटल पर भेज दिया गया।
कनिष्ठ सहायक की जनसूचना में हुई वापसी
कारागार मुख्यालय में विवादित बाबुओं के महत्वपूर्ण स्थानों पर भेजे जाने के साथ सेटिंग वालों के पटल परिवर्तन का सिलसिला जारी है। 31 जुलाई को पटल परिवर्तन की जारी सूची में जनसूचना अनुभाग देख रहे कनिष्ठ सहायक को सामान्य अनुभाग दो भेजा गया है। दो दिन पहले इसको परिवर्तित कर पुनः जनसूचना में वापस कर दिया गया। इस संबंध में जब एआईजी प्रशासन धर्मेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कनिष्ठ सहायक के वापस किए जाने की पुष्टि की। स्टेनो के स्थान पर अन्य बाबूओ की तैनाती के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी आईजी साहब देंगे।
बीती 31 जुलाई को कारागार मुख्यालय में तैनात आईजी जेल और डीआईजी मुख्यालय के स्टेनो सेवानिवृत हुए। स्टेनो के सेवानिवृत होने की जानकारी होने पर विभाग के एक वरिष्ठ विभागीय अधिकारी को बाबुओं के पटल परिवर्तन का निर्देश दिया। निर्देश के बाद हरकत में आए इस अधिकारी ने अपने चहेते सेवानिवृत होने वाले बाबू से पटल परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। पिछले लंबे समय से मुख्यालय और लखनऊ परिक्षेत्र कार्यालय में डेरा जमाए रखने वाले बाबू ने एक अन्य बाबू के सहयोग से आनन फानन में पटल परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार कर विभागीय अधिकारी के समक्ष पेश कर दिया।
सूत्रों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों ने सेवानिवृत होने बाबू के तैयार इस प्रस्ताव को बगैर कोई पड़ताल किए ही 31 जुलाई को ही आईजी जेल के सामने रख दिया। विभाग में बाबुओं की गतिविधियों से अनजान आईजी जेल ने विभागीय अधिकारी पर विश्वास जताते हुए प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। विभागाध्यक्ष का अनुमोदन मिलते ही 31 जुलाई को ही अपर महानिरीक्षक कारागार (प्रशासन) ने मुख्यालय के 15 बाबुओं के पटल परिवर्तन का आदेश जारी कर दिया। आदेश जारी होते ही मुख्यालय के बाबुओं में हड़कंप मच गया। बाबुओं की मानें तो यह आदेश आईजी और एआईजी प्रशासन को गुमराह करके कराया गया है। आईजी और एआईजी दोनों ही विभाग में नए हैं। इन्हें आए हुए अभी कुछ ही समय हुआ। मुख्यालय बाबुओं की गतिविधियों से वाकिफ नहीं होने की वजह से उनसे विवादित बाबुओं को महत्वपूर्ण (कमाऊ) पटल पर तैनात करा दिया गया। आईजी-एआईजी जेल को गुमराह कर पटल परिवर्तन..!