उम्मीद की किरण हैं बनारस के अस्पताल

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उम्मीद की किरण हैं बनारस के अस्पताल
उम्मीद की किरण हैं बनारस के अस्पताल

कई प्रदेशों और नेपाल तक के मरीजों के लिए उम्मीद की किरण हैं बनारस के ये अस्पताल। पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल दूसरे प्रदेशों व नेपाल तक की जनता को दे रहा राहत। कैंसर को मात देने के लिए पीएम के संकल्प को योगी आदित्यनाथ तेजी से सिद्धि की ओर ले जा रहे। कैंसर के इलाज का बड़ा केंद्र बना बनारस, पहले जाना होता था मुम्बई। बीते 5 साल में 71 हजार से अधिक मरीजों ने बनारस में कराया कैंसर का इलाज। उम्मीद की किरण हैं बनारस के अस्पताल

निष्पक्ष दस्तक ब्यूरो

वाराणसी। कभी असाध्य रोग माने जाने वाले कैंसर को मात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तेजी से सिद्धि की ओर ले जा रहे हैं। वाराणसी में 2019 से शुरू हुआ पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल उत्तर प्रदेश समेत प्रदेश के सीमा से लगे कई प्रदेशों और नेपाल तक की जनता को राहत दे रहा है। पिछले 5 साल में पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या में 3 गुना वृद्धि हुई है। जिसमे मरीजों के ठीक होने की तादाद काफी अच्छी है। वैसे तो लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल 2018 से मरीजों को सेवा दे रहा है, लेकिन दोनों ही अस्पताल, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल का औपचारिक उद्घाटन 19, फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है। 

कभी कैंसर का पर्याय मौत हुआ करता था, जिसका इलाज मुंबई में जाकर कराना पड़ता था। जहां इलाज से ज्यादा परेशानी और पैसा मरीज के साथ ही तीमारदारों का वहां जाने और रहने में खर्च हो जाता था और मुसीबतें अलग से रहती थीं। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र का कायकल्प करना शुरू किया, जिसको दोगुनी रफ्तार 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के बनने के बाद मिली।

उम्मीद की किरण हैं बनारस के अस्पताल


पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल प्रशासन के मुताबिक़ यहाँ इलाज के लिए उत्तर प्रदेश के ही नहीं बल्कि बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल और नेपाल के मरीज इलाज के लिए आते हैं। पिछले पांच साल में 71,725 मरीजों ने यहाँ पंजीकरण कराया है। 2018 के मुकलबले 2022 में लगभग 25 गुना कैंसर के मरीजों की सर्जरी हुई है। 9 गुना से अधिक कीमोथेरपी और 6 गुना रेडियोथेरपी की गई है। कैंसर अस्पताल में दुनिया के सबसे आधुनिक उपकरणों से इलाज की  सुविधा है। चिकित्सकों  का कहना है कैंसर का इलाज यदि शुरुआती समय में शुरू हो जाये तो इसके ज्यादा प्रभावी परिणाम देखने को मिलते हैं। 

पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र और होमी भाभा कैंसर अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक –

मरीजों का पंजीकरण   

वर्ष –      संख्या
2018 –  6250 
2019 – 12292    
2020-  14438
2021- 17894 
2022 – 20851 

सर्जरी
वर्ष –      संख्या 
2018 –   478 
2019 –   4098 
2020-   6162 
2021-  11583 
2022-   12294 

कीमोथेरेपी
वर्ष –      संख्या 
2018 –   6376 
2019 –   25189 
2020-   31455 
2021- 44908 
2022-   56373 

रेडियोथेरपी
वर्ष –      संख्या 
2018 –   532 
2019 –  1153 
2020-   2079  
2021- 2354 
2022-   3259 उम्मीद की किरण हैं बनारस के अस्पताल