
राजेन्द्र चौधरी
प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर संगम में अखिलेश यादव ने आस्था की डुबकी लगाई। सूर्य को अर्घ्य दिया और 11 संकल्पों के साथ 11 डुबकी लगाई। उन्होंने कहा कि महाकुंभ की जो आस्था और परम्परा है उसी के तहत वे यहां स्नान करने आए है। इस मौके पर उनके सुपुत्र अर्जुन यादव और पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी भी मौजूद रहे। महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है, वो भी संगम के किनारे ही, मतलब जीवन में एक बार और वो भी नदियों के मिलन स्थल पर, इसीलिए इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि हमें जो जीवन मिला है वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ और मायने पा सकता है। हमें संगम की तरह जीवन भर मेलजोल का सकारात्मक संदेश देना चाहिए। सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा तब-तब हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे। अखिलेश यादव ने आस्था के संगम में 11 डुबकी लगाई
महाकुंभ के पावन अवसर पर ‘संगम’ में एक डुबकी माँ त्रिवेणी को प्रणाम की, एक डुबकी आत्म-ध्यान की, एक डुबकी सर्व कल्याण की, एक डुबकी सबके उत्थान की, एक डुबकी सबके मान की, एक डुबकी सबके सम्मान की, एक डुबकी सर्व समाधान की, एक डुबकी दर्द से निदान की, एक डुबकी प्रेम के आह्वान की, एक डुबकी देश के निर्माण की, एक डुबकी एकता के पैगाम की लगाई। भाजपा वालों के लिए तो यही कहना है कि कुंभ में आए तो सहनशीलता के साथ स्नान करे। यहां लोग पुण्य और दान के लिए आते है, वाटर स्पोर्ट्स के लिए नहीं। यहां जो व्यवस्था होनी चाहिए थी उसका 20 फीसदी भी काम नहीं हुआ। भाजपा सरकार ने पूज्य शंकराचार्य और अन्य प्रमुख साधु संतों के बजाय सरकार के मंत्रियों के ही पोस्टर लगा रखे है। आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा कि हमें याद है जिस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी हमें महाकुंभ का आयोजन करने का मौका मिला था। हमारी सरकार और सम्बन्धित विभागों ने कम से कम संसाधन में महाकुंभ पर्व का बेहतर तरीके से आयोजन किया था। उस महाकुंभ के समय जो काम किया गया था उसका हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के दल ने भी अध्ययन किया था। वैसे तो कुंभ पर्व का पौराणिक वर्णन है परन्तु सम्राट हर्षवर्धन के समय से कुंभ में स्नान और दान करने का लिखित विवरण मिलता है। महाकुंभ प्रयागराज में परम्परा के अनुसार हमेशा से होता आया है। इस बार भी महाकुंभ में लाखों, करोड़ों श्रद्धालु देश, विदेश से आकर स्नान, दान करके पुण्य अर्जित कर रहे हैं।अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र को उत्तर प्रदेश सरकार को और अधिक जन सुविधा के लिए धनराशि देनी चाहिए ताकि महाकुंभ पर्व की व्यवस्था और अच्छी हो। बुजुर्गो को दूर से सामान लेकर न आना पड़े। सभी श्रद्धालुओं और संतों, महात्माओं के लिए और अधिक सुविधाएं हो। कुंभ क्षेत्र में स्थित किला केन्द्र सरकार से उत्तर प्रदेश को मिलना चाहिए। यही अक्षयवट भी है।
अखिलेश यादव महाकुंभ में कई धार्मिक संस्थानों में भी गए। उन्होंने लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन पूजन किया। हिमालय शंकराचार्य शिविर में जाकर ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से भेंट की। इससे पूर्व स्वयं शंकराचार्य जी ने अखिलेश यादव को अपने रथ कैरावैन डीसी पर बैठाकर उन्हें सम्मान दिया। शिविर में हो रहे हवन में भी हिस्सा लिया। थानाराम आश्रम, हरिद्वार के सतपाल ब्रह्मचारी जी से भी मिले। मुलायम सिंह यादव स्मृति संस्थान द्वारा सेक्टर 16 में स्थापित नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव की मूर्ति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसकी व्यवस्था संदीप यादव देख रहे है। महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा में उन्होंने कौशल्यानंद गिरि से आशीर्वाद लिया। स्वामी अड़गड़ानंद आश्रम में भी गए वहां उन्हें यथार्थगीता भेंट की गई। इस्कॉन मंदिर में जाकर उन्होंने श्रीराधाकृष्ण के दर्शन किए तथा प्रसाद भी ग्रहण किया।अखिलेश यादव महाकुंभ क्षेत्र में जिधर भी गए साधुसंतों के साथ जनसामान्य ने भी उनका जोशखरोश के साथ उनका स्वागत अभिनंदन किया। तमाम राज्यों से आए श्रद्धालु भी अखिलेश जी का अभिवादन कर रहे थे। बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सभी जाते-जाते अखिलेश यादव जी को देखने के लिए ठहर गए। उनकी लोकप्रियता की पराकाष्ठा दिख रही थी। इस अवसर पर अखिलेश यादव के प्रयागराज प्रवास के दौरान संदीप पटेल विधायक, डॉ0 मान सिंह एमएलसी, गीता पासी, विजमा यादव विधायक तथा निधि यादव भी साथ रही। अखिलेश यादव ने आस्था के संगम में 11 डुबकी लगाई