समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा प्रोपगंडा की मास्टर है। एक झूठ ऊपर से बोला जाता है और वही नीचे तक चलता है। उसकी भेदभाव और नफरत की राजनीति से सभी लोग नाराज हैं। हर स्तर पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। भाजपा सरकार में किसानों के धान की लूट हो रही है। बड़े पैमाने पर बेरोजगारी है, सरकारी सम्पत्तियाँ बेची जा रही है। महंगाई बढ़ी है। भाजपा के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश है। समाजवादी साइकिल ही अब उत्तर प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाएगी।
अखिलेश यादव आज पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में पैदा हुए कानपुर देहात के खजांची का पांचवां जन्मदिन मनाए जाने के बाद मीडिया से वार्ता कर रहे थे। श्री यादव ने कहा कि कायदे से तो भाजपा को खजांची का जन्मदिन मनाना चाहिए। उन्होंने कहा भाजपा सरकार के गलत फैसलों से अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई है। लोगों को अपने पैसों के लिए लाठियां खानी पड़ी। अपमानित होना पड़ा। लोगों की जानें चली गई। देश में बड़े पैमाने पर बेरोजगारी फैली।
नोटबंदी करते समय भाजपा सरकार ने भरोसा दिलाया था कि काला धन आएगा, भ्रष्टाचार खत्म होगा। भाजपा सरकार बताए कि काला धन लेकर कौन चला गया? भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि नोटबंदी के क्या फायदे हुए? सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार ने सभी संस्थाओं को नष्ट कर दिया है। भाजपा ने यूपी को बर्बाद कर दिया। साढ़े चार साल में प्रदेश को पीछे धकेल दिया। आज किसान व्यापारी, नौजवान, छात्र आत्महत्या करने पर विवष है। भाजपा सरकार ने नोटबंदी बड़े लोगों और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने, जनता को परेशान करने और अपनी तानाशाही जताने के लिए किया है।
नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की आलोचना की-
उन्होंने सरकार के नोटबंदी के इरादे और उसे लागू करने के तरीके पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है यह “निरंकुश कार्रवाई” जैसी है।केवल एक सत्तावादी मानसिकता वाली सरकार ही लोगों को इस तरह की तकलीफ दे सकती है, लोगों को अचानक बताना कि उनके पास जो करेंसी है उसका इस्तेमाल नहीं हो सकता, सत्तावादी प्रवृति को जाहिर करता है।लाखों बेगुनाह लोग अपने खुद के पैसे वापस लाने की कोशिश में पीड़ा,असुविधा और अपमान झेल रहे हैं।
इस सरकार के रहते किसानों को न्याय नहीं मिलेगा। आज सुप्रीम कोर्ट ने भी लखीमपुर मामले में एसआईटी की जांच पर सवाल उठाए हैं। भाजपा की ट्रिपल इंजन की सरकार केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और लखीमपुर की सरकार ने कानून व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है। बीजेपी सरकार अपने लोगों को बचाने और विरोधियों को फंसाने के लिए एसआईटी बनाती है। किसे फंसाना है और किसे बचाना है, जांच की क्या दशा होगी यह एसआईटी नहीं भाजपा तय करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर की रात 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का ऐलान किया था । नोटबंदी के फ़ैसले पर किसी ने सवाल उठाए तो किसी ने समर्थन किया.जहां तक देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों की बात है, वे नोटबंदी के मसले पर बंटे हुए हैं।पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने कहा मैं नोटों को रद्द किए जाने के उद्देश्यों से असहमत नहीं हूं, लेकिन इसे ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दलील दे रहे हैं कि काले धन पर लगाम कसने, जाली नोटों के प्रसार को रोकने और चरमपंथी गतिविधियों को मिलने वाले पैसों को नियंत्रित करने का यह तरीका है। मैं इन उद्देश्यों से असहमत नहीं हूं, लेकिन मैं इतना जरूर कहना चाहूंगा कि नोटबंदी की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर कुप्रबंधन किया गया है। इसके बारे में समूचे देश में कोई दो राय नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि आज हर वर्ग भाजपा से परेशान है। उत्तर प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए थे। उत्तर प्रदेश सरकार पर आज किसी को भरोसा नहीं है। मुख्यमंत्री जी को अपना काम बताना चाहिए। यह सरकार अभी तक समाजवादी सरकार के कार्यों का ही उद्घाटन कर रही है। कुशीनगर का एयरपोर्ट समाजवादी सरकार में दिए गए बजट से बना है। समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे समाजवादी सरकार ने शुरू कराया था। मेट्रो भी सपा सरकार में ही चली। 2022 में बदलाव होना तय है। समाजवादी पार्टी पर जनता का भरोसा है। अगली सरकार समाजवादी पार्टी की ही बनना तय है।