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नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने सदन में महाकुंभ को लेकर विपक्ष को आईना दिखाया। कुंभ में अमृत की तलाश में जाने वालों को मिलता है अमृत, अव्यवस्था और गंदगी ढूंढने वालों को दिखती है गंदगी और अव्यवस्था। दुनिया को महाकुंभ की दिव्यता, भव्यता, अलौकिकता के साथ भारत की विरासत और सांस्कृतिक पहचान व विराट, विकसित और आधुनिक भारत का दर्शन करना था उद्देश्य।
ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के.शर्मा ने गुरुवार को विधानसभा में महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 पर बोलते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं निर्देशन में प्रदेश सरकार सबका साथ, सबका विकास के साथ सबका कल्याण करने की भावना के तहत कार्य करते हुए प्रदेश को ऊंचाइयों पर ले जा रही है। इस बार के महाकुंभ की व्यवस्थाओं के संबंध में महामहिम जी ने भी अपने भाषण में इसकी अलौकिकता की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महाकुंभ को दिव्य, भव्य और अलौकिक रूप से संपन्न कर रही है।
पूरे देश और दुनिया से अभी तक 56.25 करोड़ श्रद्धालु संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया और 70 करोड लोग कुंभ क्षेत्र में आए गए। लेकिन विपक्ष अभी तक कुंभ के महत्व को नहीं समझ पाया, न ही सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं को देख पा रहा। प्रयागराज महाकुंभ की बहुत ही पौराणिक महिमा है। रामचरितमानस में कहा गया है कि ‘‘माघ मकर गति रवि जब होई। तीरथपतिहि आब सब कोई।। देव दनुज किन्नर नर श्रेनी। सादर मंज्जहि सकल त्रिवेणी।।’’ प्रयागराज बहुत ही पवित्र और पूण्य क्षेत्र है। महाकुंभ में इसरो के श्रेष्ठ वैज्ञानिक भी गए। समाज के सभी वर्ग के लोग प्रयाग जाकर त्रिवेणी में स्नान कर रहे। पुराणों में भी कहा गया है कि ‘‘माघमासे गमिष्यंति गंगायमुनसंगमे। ब्रह्माविष्णु महादेव रुद्रादित्य मरूदगणाः।।’’
नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि नगर विकास विभाग महाकुंभ का नोडल विभाग होने तथा विभाग का मंत्री होने से मुझे भी प्रयागराज की सेवा का अवसर मिला। विपक्ष के लिए रामचरितमानस में कहीं यह बात सही प्रतीत होती है कि ‘‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’’। उन्होंने कहा कि जो अमृत की तलाश में जाता है उसे अमृत मिलता है, जो गंदगी और अव्यवस्था ढूंढने जाते हैं उन्हें वही मिलेगा। ऐसे लोगों के लिए ही कहा गया है कि ‘जाकर जापर सत्य सनेहू, सो तेहि मिलेहि न कछु संदेहू।’’ उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आए हुए लोग दुनिया के तीसरे बड़े देश अमेरिका की आबादी की दोगुना से भी ज्यादा हैं।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमारी संास्कृतिक पहचान है। हजारों बार प्रयाग में महाकुंभ मनाया गया होगा। लेकिन इस बार का महाकुंभ अलग ही महत्व रखता है। यह आधुनिक भारत और विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश का महाकुंभ है। सबसे तेज गति से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया वाले भारत में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को तकनीक और व्यवस्था की असफलता माना जबकि कुंभ क्षेत्र में 250 सेंसर युक्त वाटर एटीएम लगे हुए हैं जिसे जितना पानी की जरूरत है उसे उतना ही मिलता है और बेहतरीन सफाई भी बनी हुई है। इसी प्रकार 3700 एआई पावर्ड कैमरे लगाए गए हैं। इस व्यवस्था से ट्रैफिक, साफ-सफाई, भीड़भाड़ और अन्य व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की जा रही है।
कुंभ क्षेत्र में 52 हजार बिजली के खंभो में लगें गूगल मैपिंग आधारित क्यू आर कोड के माध्यम से हजारों बिछड़े व्यक्तियों को मिलाया गया। नासा के वैज्ञानिक अंतरिक्ष यात्री ने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर से ट्वीट कर बताया कि प्रयाग में आयोजित हो रहा महाकुंभ बहुत ही प्रकाशमान है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वहां पर 75 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई गई। पूरे प्रयागराज में डॉकोरेटिव लाइट लगाई गई। 05 लाख से ज्यादा बिजली कनेक्शन दिए गए। महाकुंभ में पूरा एक देश ही बस गया है और बिजली की चकाचौंध से ऐसा प्रतीत होता है कि मानो कि तारे जमीन पर उतर आए हो। कुंभ की सफाइर्, स्वच्छता से प्रभावित होकर बहुत से श्रद्धालुओं ने सफाई कर्मियों के पैर छूकर और हाथ जोड़कर उनके कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने सफाई कर्मियों, विद्युत कर्मियों एवं वहां की व्यवस्था में लगे अन्य विभागों के कार्मिकों के कार्यों की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया तथा उनके प्रति अपनी कर्तज्ञता व्यक्त की।