त्योहार मनाएं, लेकिन शरीर को सेहतमंद रखने के लिए ये फेस्टिव मंत्र भी अपनाएं। ऐसे में एसिडिटी,पेट फूलना, सिरदर्द और कभी-कभी हार्ट अटैक तक की नौबत आ सकती है। इस हार्ट अटैक को फेस्टिव हार्ट सिंड्रोम भी कहा जाता है, जो ज्यादा खानपान और हरारत की वजह से होता है। सेहतमंद शरीर के लिए फेस्टिव मंत्र अपनाएं
विजय गर्ग
इस दौरान न तो खानपान पर लोगों का कंट्रोल रह पाता है और न ही वो यह ध्यान रख पाते हैं कि उनके शरीर के लिए कौन सी चीज ठीक है और कौन सी नहीं। इस दाैरान तले-भुने पकवान, मिठाइयां और अल्कोहल का जमकर इस्तेमाल होता है। जब खाने को आसपास इतनी सारी वेरायटी की स्वादिष्ट चीजें हों तो सेहत और हाजमे का ख्याल रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। कुछ लोग तो पेट को डस्टबिन समझकर दिन भर इसमें कुछ न कुछ डालते रहते हैं। ऐसे में एसिडिटी, पेट फूलना, सिरदर्द और कभी-कभी हार्ट अटैक तक की नौबत आ सकती है। इस हार्ट अटैक को फेस्टिव हार्ट सिंड्रोम भी कहा जाता है, जो ज्यादा खानपान और हरारत की वजह से होता है।
फेस्टिव सीजन में ओवरईटिंग की दिक्कत
रांची में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर रविकांत चतुर्वेदी कहते हैं कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने त्योहारी महीने हैं। इस दौरान सबसे ज्यादा समस्या ओवरईटिंग की होती है, जिससे पेट फूलना, एसिडिटी, फूड पॉइजनिंग और उससे जुड़ी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में अल्कोहल लेने से भी एसिडिटी और गैस्ट्राइटिस की समस्या हो जाती है। ज्यादा अल्कोहल लेने से खून में शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल लेवल तेजी से बढ़ जाता है। खासकर उन लोगों में यह और भी ज्यादा देखा जाता है, जो पहले से डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज हैं।
त्योहारों में मैदे और शुगर का बहुत ज्यादा इस्तेमाल
त्योहारों में मैदे और चीनी का इस्तेमाल काफी होता है, जो हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदेह है। मिठाइयों पर चांदी का वर्क लगा होता है, जो दरअसल एल्युमिनियम का होता है। यह सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इसके अलावा, मिठाइयों को सुंदर बनाने के लिए उसमें आर्टिफिशियल कलर और केमिकल प्रिजर्वेटिव्स मिलाते हैं, जो किडनी और लिवर को डैमेज कर सकता है। मिठाइयों की जगह आजकल दोस्तों या रिश्तेदारों को ड्राईफ्रूट्स या नट्स देने का चलन काफी है, जो अच्छा विकल्प है।
जहरीले तेल में बनते हैं फूड आइटम्स, हार्ट अटैक का खतरा
त्योहारों में दुकानों में बनने वाली मिठाइयां या नमकीन बार-बार जले हुए तेल में तली जाती हैं। तेल बार-बार जलने से जहरीले केमिकल में बदल जाता है। कुकिंग ऑइल तीन से ज्यादा बार इस्तेमाल होने पर वह कार्सिनोजेनिक हो जाता है। कार्सिनोजेन ऐसा एजेंट होता है, जो कैंसर का कारण बनता है। कैंसर होने के अलावा हार्ट की नसों में ब्लॉकेज, किडनी, लिवर की बीमारियां हो सकती हैं। जला हुआ तेल शरीर में लो डेंसिटी लाइपोप्रोटीन यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। यह हार्ट अटैक, हार्ट स्ट्रोक को बढ़ाता है। जले हुए तेल में खाने से गले में जलन और एसिडिटी की शिकायत हो सकती है। मोटापे और डायबिटीज का खतरा रहता है।
ज्यादा मीठा खाने वाली महिलाओं को डिप्रेशन की समस्या
नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ की एक स्टडी में 69 हजार महिलाओं पर शुगर के असर को देखा गया। रिसर्चर ने पाया कि जो महिलाएं ज्यादा शुगर का सेवन करती थीं, उनमें डिप्रेशन का खतरा ज्यादा रहता था। जबकि जो महिलाएं कम शुगर लेती थीं, वो डिप्रेशन की चपेट में नहीं आती थीं।
त्योहार में आपकी सेहत बनाए रखेंगे ये तरीके
ओवरईटिंग: ऐसे लगाएं लगाम।
दिन भर हर थोड़ी देर में खूब पानी पिएं। शरीर में नमी बनाए रखें।
कहीं खाना खाने गए हैं तो पहले बैठ जाएं और एक ही जगह खाना खाएं।
खाने का वक्त नियत करें। हर थोड़ी देर पर मुंह में कुछ-कुछ डालते न रहें।
त्योहार पर उपहार के बतौर आए फूड पैकेट एक साथ खोलकर न बैठें। थोड़ा सा ही खाएं।
अपनी थाली में कोई भी तीन फूड आइटम्स ही लें।
आखिर में ताजा बना हुआ कोई एक मीठा या डेजर्ट लें।
अल्कोहल: दूरी बनाएं या फ्रूट जूस पिएं
किसी भी तरह का अल्कोहल नुकसान पहुंंचा सकता है। अच्छा है कि इससे दूरी बरतें।
अगर आप ड्रिंक लेना चाहते हैं तो खाना खाने के बाद ही लें।
दो ड्रिंक्स के बीच एक गिलास पानी जरूर पिएं।
अल्कोहल के बजाय फ्रूट जूस या नारियल पानी लें।
सेहत डांवाडोल हाे गई तो अगले दिन ये करें काम
नॉर्मल रूटीन अपनाएं। न तेजी से और न कम खाएं और न ही ज्यादा एक्सरसाइज करें।
दिन की शुरुआत एक गिलास पानी से करें। सिरदर्द हो तो केला खाएं।
एसिडिटी या पेट फूला हो तो गुलकंद भी खा सकते हैं।
बाजार की मिठाइयों से दूरी ही बरतें, भोजन में लें फाइबर
डॉक्टरों के मुताबिक, त्योहारों के मौसम में हमें पूड़ी-कचौड़ी, पकौड़ी, स्नैक्स, समोसे वगैरह ही खाने को मिलते हैं। एक बार खाने के बाद इनसे दूरी बरतें। खाने में दही का इस्तेमाल जरूर करें। कहीं भी जाएं, भाेजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम से कम लें।
इसके अलावा नीचे लिखी बातों का खास ख्याल रखें-
1. फाइबर और प्रोटीन वाली चीजें ज्यादा खाएं। सलाद का भरपूर सेवन करें।
2. ज्यादातर मिठाइयां दूध, मलाई और चीनी से बनाई जाती हैं। इसके बजाय, गुड़ से बनी मिठाई खा सकते हैं।
3. बाजार की मिठाइयों से बचें।
4. त्योहार के समय भी रेगुलर एक्सरसाइज न छोड़ें।
5. दिन भर खूब पानी पीते रहें। कम से कम 8 गिलास पानी जरूर पिएं।
6. घर का बना ताजा जूस, नींबू पानी, नमकीन लस्सी, छाछ, खीरा या फलों का जूस या नारियल पानी पिएं।
7. 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना चाहिए।
इससे त्योहारों में खोई हुई सेहत फिर से वापस पाई जा सकती है।
त्योहार के समय शरीर की बिगड़ी हालत को संवारने और उसे डिटॉक्स करने के लिए घर पर ही कुछ उपाय अपना सकते हैं।
बॉडी को ऐसे करें डिटॉक्स
1-सुबह उठते ही गुनगुने पानी में नींबू पिएं या रात में पानी में पुदीना भिगोकर रख दें। यह पानी पूरा दिन पिएं।
2-दिन भर घर का बना ताजा जूस, नींबू पानी, नमकीन लस्सी, छाछ, खीरा या फलों का जूस लें।
3-खाने में कोई ठोस आहार न लें। लिक्विड ही इस्तेमाल करें। खिचड़ी या दलिया ले सकते हैं, लेकिन दालें नहीं खानी हैं।
4-सब्जियों और फलों का सलाद खाएं। कच्ची सब्जी या फल न अच्छे लगते हों तो जूस, सूप या स्मूदी बनाकर पिएं।
5-दूध, पनीर जैसे डेयरी प्रोडॅक्ट न लें। अदरक और हल्दी का पानी लें। नियमित अंतराल पर फल खाएं।
6-डिटॉक्स वॉटर पिएं। इसे बनाने के लिए रात में पानी में पुदीना, खीरा और नींबू काटकर रख दें। इस पानी को दूसरे दिन थोड़ा-थोड़ा पिएं। सेहतमंद शरीर के लिए फेस्टिव मंत्र अपनाएं