योगी सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है और अपराधियों में कानून का भय समाप्त हो चुका है। राहुल जी के खिलाफ अभद्र एवं अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर हो सख्त कार्यवाही। महिलाओं के साथ बलात्कार और अपराध करने वाले अपराधियों पर बुलडोजर चलाने के बजाय भाजपा द्वारा उनका फूल मालाओं से स्वागत तो कैसे थमेगा प्रदेश में अपराध। जनता का विश्वास खो चुकी योगी सरकार- मिश्रा

ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक

लखनऊ। आराधना मिश्रा मोना ने आज प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था एवं पुलिसिया उत्पीड़न के मुद्दे पर सरकार को घेरा और प्रदेश की भाजपा सरकार अपराधियों में भेद-भाव करने जाति और धर्म देखकर कार्यवाही करने व महिला अपराध करने वाले अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और प्रदेश  सरकार द्वारा अपराध को रोक पाने में विफल रहने की बात कही। योगी सरकार जनता का विश्वास एवं अपराधियों में भय दोनों खो चुकी है। पिछले 7 साल से सत्ता में काबिज योगी आदित्यनाथ जी हमेशा जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। आत्ममुग्ध होकर खुद ही हर मंच से कानून व्यवस्था पर अपनी तारीफ करते नज़र आते रहते हैं मगर सच्चाई इसके विपरीत है। सरकारी मशीनरी का अपराधियों और अपराध को समाप्त करने को लेकर ईमानदार नीयत न होने के कारण पूरे देश में जो महिलाओं के विरुद्ध जो अपराध दर्ज हो रहे है उनमें से 25 प्रतिशत अपराध अकेले उत्तर प्रदेश से हैं, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के 65,743 अपराध दर्ज हुए, जो अन्य किसी राज्य की तुलना में सर्वाधिक है। जिनमें जघन्य, बलात्कार और बलात्कार के प्रयास, छेड़छाड़, दहेज उत्पीड़न, साइबर अपराध, पीछा करना जैसे अपराधों की देश भर में वर्ष 2023 में कुल 28,811 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 16,109 शिकायतें अकेले उत्तर प्रदेश से थी, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक थीं।

एन.सी.आर.बी. की ‘‘क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2022’’ के आंकडें हैं बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश, हत्या, बलात्कार, अपहरण, बलात्कार के बाद हत्या, गैंगरेप और महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में नंबर 1 बना हुआ है। इससे ज्यादा शर्मानाक यह है कि इन आकड़ों के आने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई ठोस पुख्ता इंतजाम अपराधों को रोकने के लिए ना करके उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार जाति और धर्म देखकर कार्यवाही कर रही है, बुल्डोजर चला रही और फर्जी एनकाउंटर करवा रही है। मुख्यमंत्री मंचों से भाषण देते रहे कि हमारी सरकार अपराधियों को पाताल से खोज लाएगी, लेकिन हकीक़त यह है कि अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिला परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस 2021 के महिलाओं के विरुद्ध अपराध से जुड़े 11732 मामलों की जांच तक नहीं पूरी कर पाई, 2022 में 66,936 मामले थाने पर ही निपटा दिए तथा महिलाओं पर अत्याचार के 13,097 मामलों में साक्ष्य ही नहीं जुटा पाई या जुटाने की कोशिश नहीं कि जबकि घटनाओं की शिकायतें सही थीं।

आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। योगी जी के शासनकाल में प्रदेश अपराध के जंगल राज में तब्दील हो गया है, कहीं भी कोई सुरक्षित नहीं है। योगी जी खुद को संत और सनातन का ध्वजवाहक बताते हैं, पर शायद वो भूल गए कि सनातन में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। दुर्भाग्य ये है कि उनके शासनकाल में सबसे ज्यादा असुरक्षित और पीड़ित महिलाएं ही हैं। मुख्यमंत्री जी सदन में ठोक डालो, मिट्टी में मिला देंगे जैसी असंसदीय भाषा का प्रयोग कर प्रदेश के एक विशेष समुदाय में डर पैदा कर पुलिस को एक तरफा कार्यवाही की असंवैधानिक छूट देकर संविधान की अवमानना भी कर रहे हैं।लोकतंत्र में भरोसा न रखने वाले मुख्यमंत्री को पुलिस राज पसंद है। क्योंकि इसके जरिए वो विपक्षी दलों के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर भी कार्यवाही कर उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। जिसकी प्रमुख घटनाओं में जनपद झांसी में चलती हुई गाड़ी में हुए बलात्कार का मामला हो, जनपद जौनपुर में मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर का मामला हो, जनपद रायबरेली में अर्जुन पासी की हत्या का मामला हो या अभी हाल ही में 11 सितंबर को जनपद कानपुर में सिर काटकर महिला की हत्या का मामला रहा हो उक्त सभी घटनाएं दर्शाती हैं कि प्रदेश में संविधान का राज नहीं बल्कि पुलिस का जंगलराज कायम है।

दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री जी खुद को बुलडोजर बाबा कहलवाना पसंद करते हैं और प्रदेश के लोगों के घर गिरा कर, महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों को सड़क पर लाकर भाजपा के लोग हंसी उड़ाते हैं। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही की दो घटनाओं ने योगी जी को पूरी तरह से बेनकाब कर दिया। गोमती नगर लखनऊ में बरसात के बाद कुछ शोहदों द्वारा एक लड़की के साथ अभद्रता की गई जिसमें 16 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया मगर सदन में योगी जी ने सिर्फ दो नाम लिये, जिसमें एक यादव और एक मुस्लिम है। दूसरी घटना जनपद सुल्तानपुर सर्राफा लूटकांड में पूर्वाग्रही कार्यवाही हुई। 3 आरोपियों को पैर में गोली मारकर पकड़ा गया, मुख्य आरोपी विपिन सिंह जो इत्तेफाक से योगी जी के सजातीय भी हैं जिन्हें पुलिस और एस0टी0एफ0 की नाक के नीचे से सरेंडर करा दिया गया। मगर मंगेश यादव के फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी गई। मुख्यमंत्री जी की यह सोच अपराधियों में भेदभाव की नीयत को दिखाती है।

आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सरकार की मंशा पर भाजपा के लोग बीएचयू आईआईटी की छात्रा के गैंगरेप के दोषियों का फूल मालाओं से स्वागत करते हैं, आखिर उन पर बुलडोजर कब चलेगा? भाजपा एक ऐसी वॉशिंग मशीन बन चुकी है जिसमें NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगे हुए अपराधी भी भाजपा में आकर अपराध मुक्त हो जाते हैं। अंत में श्रीमती मोना ने कहा कि पूरा प्रदेश अपनी सुरक्षा को लेकर सशंकित है। प्रदेश में भय का माहौल और अपराध का जंगलराज व्याप्त हो चुका है। प्रदेश की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेशवासियों को सुरक्षा तथा भयमुक्त माहौल देने में पूरी तरह से विफल हो चुके हैं। जनता का विश्वास खो चुकी योगी सरकार-मिश्रा