राजधानी समेत प्रदेश में अपराध चरम पर।उत्तर प्रदेश में अपराध रोकने में नाकाम योगी सरकार । मुख्यमंत्री फीता काटने और विज्ञापनों की संख्या बढ़ाने में व्यस्त हैं ।
अशोक सिंह
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आम जनमानस से जुड़े हर एक मुद्दे पर पूरी तरह से नाकाम है। कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए कहा था कि भाजपा सरकार अपराधियों के साथ जेल-जेल खेल रही है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि योगी सरकार में अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाकारापन को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार के अपराधियों पर लगाम लगाने के सारे दावे फेल हैं। सच तो यह है कि सरकार का संरक्षण प्राप्त अपराधी पूरे प्रदेश में लोगों को डराते धमकाते हैं। प्रदेश में शासन व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी है। पीड़ितों को न्याय के लिए भटकना पड़ रहा है। सुल्तानपुर में प्रधानमंत्री को काला झंडा दिखाने वाली कांग्रेस नेत्री रीता यादव को मार दी गई। बलरामपुर में नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन और लखनऊ में लापता रियल एस्टेट कारोबारी की हुई हत्याएं इसका जीता जगता प्रमाण हैं।
आज उत्तर प्रदेश में शिक्षक, कारोबारी, युवा, महिलाएं, बेटियां इस सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। शिक्षक भर्ती के अभ्यर्ती बारिश के बीच इस कड़ाके की ठंड में विधानसभा के आगे प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री फीता काटने, विज्ञापनों की संख्या बढ़ाने में व्यस्त हैं। विज्ञापनों के भरोसे चल रही योगी सरकार जनता के पैसे और सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर रही है।
प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालत इस कदर बिगड़ गए हैं कि मेडिकल उपकरण बनाने वाली कंपनी के मालिक से राजधानी लखनऊ में दस करोड़ की रंगदारी मांगी जाती है। दो नवंबर को मुकदमा दर्ज कराने के बावजूद पुलिस की और से कोई कार्रवाई नहीं होती है क्योंकि रंगदारी मांगने वाला खुद को एक राजनितिक पार्टी का नेता बताता है। व्यवसायी ने प्रदेश के चिकित्सा मंत्री से भी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थक हार कर मेडिकल व्यवसायी को प्रमुख सचिव से भी शिकायत करनी पड़ी। कार्रवाई न होने से कारोबारी और पूरा परिवार दहशत में है।
श्री लल्लू ने कहा कि पांच साल में प्रदेश में हुए क्राइम को देखें तो पता चलता है कि देश में आज भी सबसे ज्यादा हत्याएं यूपी में ही हो रहीं हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, 2016 से 2020 तक उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हत्याएं हुईं। इस दौरान अलग-अलग शहरों में वारदातों में 20 हजार से अधिक लोगों का कत्ल हुआ। जबकि 2017 से 2019 तक यहां अपहरण के 58 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। सरकार विज्ञापनों में चाहे कितने दावे कर ले, लेकिन सच न तो बदला जा सकता है और न झुठलाया जा सकता है। सच यही है कि योगी सरकार में बीते पांच साल से अपराधी हत्या, दुष्कर्म जैसे मामलों को लगातार अंजाम दे रहे हैं, सरकार उन्हें रोक पाने में नाकाम है। यह सरकार न तो रोजगार देने की दिशा में कुछ कर पाई है और न ही कानून व्यवस्था में कोई सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री सार्वजनिक मंचों पर लगातार झूठ बोल रहे हैं और अपनी नाकामियां छुपाने के लिए झूठी उपलब्धियां गिना रहे हैं।