योगी मंत्रिपरिषद के निर्णय

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-


‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में-


मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।  उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण परिवेश से निकलकर देश के विभिन्न शहरों व विदेशों में कार्यरत हैं। ग्राम में निवासरत व बाहर गए सुविधा सम्पन्न लोग अपने गाँव के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित प्लेटफार्म उपलब्ध न होने की वजह से वांछित स्तर का सहयोग व योगदान प्रदान नहीं कर पा रहे हैं।यदि कोई व्यक्ति, निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा का विकास व पंचायतीराज अधिनियम-1947 में प्रावधानित कार्यों को कराना चाहते हैं/करना चाहते हैं और कार्य की लागत की 60 प्रतिशत धनराशि वहन करने के इच्छुक हैं, तो शेष 40 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। निर्धारित आकार व प्रकार का शिलापट्ट/प्लेक सहयोग करने वाले व्यक्ति संस्था के प्रस्तावानुसार उस भवन अथवा अवस्थापना सुविधा के ऊपर यथोचित स्थान पर प्रदर्शित किया जाएगा।


‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी’ का गठन किया जाएगा। इस सोसाइटी के अन्तर्गत गवर्निंग काउंसिल और सशक्त समिति बनाई जाएगी। गवर्निंग काउंसिल में मुख्यमंत्री जी अध्यक्ष एवं पंचायतीराज मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। इसके अतिरिक्त, सम्बन्धित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य तथा अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज विभाग सदस्य सचिव होंगे। इसके साथ कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन किया गया है। इस समिति में सम्बन्धित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य एवं निदेशक, पंचायतीराज उ0प्र0, सदस्य सचिव होंगे।योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की राशि यानि कि शेष 40 प्रतिशत या उससे कम राशि की व्यवस्था कार्य से सम्बन्धित विभागों के बजट प्रावधानों से की जाएगी।


‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी’ का पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के अन्तर्गत कराया जाएगा। सोसायटी का राज्य स्तर पर Escrow बैंक अकाउण्ट एवं जिला स्तर पर मातृभूमि योजना सोसायटी के अन्तर्गत अलग से बैंक अकाउण्ट खुलवाया जाएगा।सोसायटी को 100 करोड़ की Corpus Fund उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग किसी योजना हेतु राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा व बजट उपलब्ध होने पर इसे Reimburse किया जाएगा। इस Corpus Fund  के ब्याज से PMU के संचालन का व्यय भार वहन किया जा सकेगा।इस योजना के अन्तर्गत दानकर्ता की इच्छा के अनुसार उसकी पसंद की एजेन्सी के माध्यम से कार्य कराया जाएगा। दानकर्ता की पंसद की एजेन्सी द्वारा दिये गये कार्य के नक्शे और DPR आदि कार्य से सम्बन्धित विभाग के सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। कार्य पूर्ण होने के बाद एजेन्सी के नियमों के अनुसार भुगतान करना होगा। दानकर्ता स्वयं भी कार्य करवा सकते हैं, परन्तु ऐसे मामले में सक्षम स्तर से DPR अनुमोदित होगी व भुगतान सीधा वेण्डर्स को किया जाएगा।


निर्माण कार्यों में से कोई भी कार्य यदि कोई सरकारी या प्राइवेट कम्पनी करवाना चाहती है, तो ऐसे कार्यों के लिए सरकारी सार्वजनिक उद्यम/निजी औद्योगिक इकाइयाँ कार्य की कुल लागत का 60 प्रतिशत राशि स्वयं और शेष 40 प्रतिशत राशि उस कम्पनी के CSR के माध्यम से सरकारी अनुदान में दे सकती हैं। अर्थात् इस योजना के तहत कोई भी सरकारी या प्राइवेट कम्पनी अपने CSR में से 40 प्रतिशत इन कार्यों के लिए दे सकेगी, जिसे सरकारी अनुदान के तौर पर माना जाएगा।इस प्रस्ताव के तहत नया व्यय हेड प्राप्त करने, सरकारी संस्था/आउटसोर्स की सेवा प्राप्त करने, पी0एम0यू0 स्थापित करने, पंचायत सहायक की फीस के भुगतान, बैंक अकाउण्ट खोलने, प्रशासनिक खर्च एवं प्रचार-प्रसार के लिए व्यय आदि के लिए सरकार की स्वीकृति प्राप्त की जानी है। साथ ही, इसके लिए बजट में अलग से प्रावधान करने होंगे और उसकी सैद्धान्तिक और प्रशासनिक स्वीकृति भी प्राप्त करनी होगी। उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी का पंजीकरण भी कराया जाएगा।


प्रदेश के अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, खाद्य तेल एवं खाद्यान्न के निःशुल्क वितरण के सम्बन्ध में


मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, खाद्य तेल (यथा-सरसों तेल/रिफाइण्ड ऑयल) एवं खाद्यान्न के निःशुल्क वितरण सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।विगत वर्ष से प्रदेश में वैश्विक महामारी कोविड-19 का आर्थिक दुष्प्रभाव निम्न मध्यम वर्ग एवं निम्न वर्ग पर अधिक पड़ा है, जिसके कारण रोजगार के अवसर सीमित हुए हैं एवं उनका जीवन स्तर प्रभावित हुआ है तथा उनके स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ा है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत आच्छादित अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को आयोडाइज्ड नमक (1 कि0ग्रा0 प्रति कार्ड), दाल/साबुत चना (1 कि0ग्रा0 प्रति कार्ड), खाद्य तेल (यथा-सरसों तेल/रिफाइण्ड ऑयल 1 लीटर प्रति कार्ड) एवं खाद्यान्न का निःशुल्क वितरण माह दिसम्बर, 2021 से माह मार्च, 2022 तक किया जाएगा। इस निर्णय से आम लोगों का जीवनयापन सरल होगा। इस निर्णय से 1200.42 करोड़ रुपए प्रतिमाह के आधार पर कुल 4801.68 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है।


उ0प्र0 अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 में संशोधन के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने संकल्प पत्र 2017 में की गई घोषणा के क्रियान्वयन हेतु उ0प्र0 अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में पंजीकृत अधिवक्ताओं को, पंजीकरण से 30 वर्ष पूर्ण करने पर लगभग 5,848 अधिवक्ताओं को 1.50 लाख रुपए से 05 लाख रुपए एकमुश्त दिए जाने हेतु उ0प्र0 अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 की धारा-13 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल का सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने की स्थिति में मंत्रिपरिषद ने प्रस्तावित संशोधनों को अध्यादेश के माध्यम से कराए जाने का निर्णय लिया है। तद्नुसार उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम (संशोधन) अध्यादेश-2021 को प्रख्यापित कराए जाने तथा इसके प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख्य पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन के पश्चात उसे आगामी राज्य विधान मण्डल सत्र में पुरःस्थापित किए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने अनुमोदित कर दिया है।


वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से हिन्दू बंगाली परिवारों की पुनर्वासन योजना स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिन्दू बंगाली परिवारों के लिए ग्राम भैंसाया, तहसील रसूलाबाद, जनपद कानपुर देहात में पुनर्वास विभाग के नाम उपलब्ध 121.41 हे0 भूमि पर प्रस्तावित पुनर्वासन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित योजना इस प्रकार है:-
(1) कृषि कार्य हेतु प्रति परिवार भूमि आवंटन – 2.00 एकड़
(2) आवास हेतु भूमि प्रति परिवार – 200 वर्ग मीटर
(3) आवास निर्माण हेतु प्रति परिवार – 1.20 लाख रुपए
(मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत)
(4) भूमि सुधार व सिंचाई सुविधा – आवश्यतानुसार मनरेगा
योजना के अन्तर्गत क्रियान्वित किया जाएगा।
यह 2.00 एकड़  एवं 200 वर्ग मीटर भूमि 1 रुपए की लीज रेण्ट पर प्रथम 30 वर्ष के लिए पट्टे पर दी जाएगी। यह पट्टा अधिकतम दो बार 30-30 वर्ष के नवीनीकरण के साथ अधिकतम 90 वर्ष तक के लिए रिन्यु किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन के लिए व्यवस्था की गई थी। यह पुनर्वासन The Displaced Persons (Claims) Act, 1950 & The Displaced Persons (Compensation and Rehabilitation) Act 1954 के प्राविधानों के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 332 परिवारों को सहायता देकर उड़ीसा एवं बदायूं में आवासीय एवं कृषि भूमि उपलब्ध कराकर पुनर्वासित किया गया था।
अवशेष 65 हिन्दू बंगाली परिवारों को मदन सूत मिल, हस्तिनापुर, जनपद मेरठ में नौकरी देकर पुनर्वासित किया गया था। इस मिल के दिनांक 08 अगस्त, 1984 को बन्द हो जाने के कारण 65 परिवारों, जिसमें 02 परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। अतः 63 परिवार पुनर्वासन हेतु प्रतीक्षित हैं।


उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माणकी परियोजना की पुनरीक्षित लागत को स्वीकृति


मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण की परियोजना की पुनरीक्षित लागत को स्वीकृति प्रदान कर दी है। निर्णय के अनुसार उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा के अन्तर्गत 500 बेडेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के निर्माण कार्यों की पुनरीक्षित प्रायोजना हेतु 48988.61 लाख रुपये (04 अरब 89 करोड़ 88 लाख 61 हजार रुपये) के व्यय को अनुमोदित करते हुए सम्पूर्ण प्रायोजना को अनुमोदन प्रदान कर दिया है। पुनरीक्षित प्रायोजना में टेराकोटा क्लेडिंग, वुडेन फ्लोरिंग, ग्रेनाइट, विनायल फ्लोरिंग, वॉल पैनेलिंग, ग्लास पैस फिटिंग, जी0आई0 मेटल सीलिंग, मिनरल फाइबर एकॉस्टिकल सीलिंग आदि उच्च विशिष्टियों के प्रयोग पर भी मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।इस प्रायोजना की मूल लागत 33356.43 लाख रुपये थी। इस परियोजना का प्रथम पुनरीक्षण वर्ष 2016 में हुआ था, जिसमें इसकी लागत बढ़कर 46328.29 लाख रुपये हो गयी। पुनः वर्ष 2018 में प्रायोजना की लागत 53726.45 लाख रुपये संशोधित की गयी। संशोधित लागत काफी अधिक थी, जिसके क्रम में प्रायोजना को जनोपयोगी बनाए जाने हेतु दिनांक 25 मार्च, 2019 को एक समिति का गठन किया गया था। समिति द्वारा दी गयी संस्तुतियों के आधार पर प्रायोजना का पुनः परीक्षण किया गया, जिसके आधार पर प्रायोजना की लागत 53726.45 लाख रुपये से घटकर 48988.61 लाख रुपये हो गयी है। प्रायोजना की इस लागत को मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।इस प्रायोजना के पुनरीक्षण के उपरान्त कम धनराशि में जनोपयोगी परियोजना पूरी हो सकेगी तथा जनता को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा में उच्चस्तरीय/सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी के अन्य पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जा सकेंगे।


भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत किंग जॉर्ज चिकित्साविश्वविद्यालय, लखनऊ में नवस्थापित स्पोर्ट्स मेडिसिनविभाग के संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी


मंत्रिपरिषद ने भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (के0जी0एम0यू0), लखनऊ में नवस्थापित स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग के संचालन सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।इस निर्णय के अनुसार भारत सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता के 05 वर्षों के उपरान्त अर्थात 20 अक्टूबर, 2022 से के0जी0एम0यू0, लखनऊ में नवस्थापित स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग का संचालन राज्य सरकार के बजट से किया जाएगा। इस विभाग के संचालन हेतु भारत सरकार द्वारा अनुमन्य/सृजित 13 पदों को पूर्ववत जारी रखा जाएगा तथा उस पर होने वाले व्यय भार को राज्य सरकार के आय-व्ययक के सुसंगत मदों से वहन किया जाएगा। स्पोर्ट्स मेडिसिन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए जाने हेतु नेशनल मेडिकल कमीशन, नई दिल्ली के मानकों के अनुरूप पद सृजन किए जाने की कार्यवाही पृथक से नियमानुसार की जाएगी।
इस निर्णय से प्रदेश अथवा प्रदेश के बाहर के खिलाड़ियों को खेल के दौरान लगने वाली चोट तथा शारीरिक समस्याओं के सम्बन्ध में समुचित उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।  


जनपद मेरठ के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की क्षमता दोगुना किएजाने हेतु आवासीय भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति के सम्बन्ध में


मंत्रिपरिषद ने जनपद मेरठ के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय (पी0टी0एस0) की क्षमता दोगुना किए जाने हेतु आवासीय भवनों के निर्माण कार्य की स्वीकृति सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। निर्णय के अनुसार जनपद मेरठ के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की क्षमता दोगुना किए जाने के लिए सम्पूर्ण प्रायोजना प्रस्ताव एवं प्रायोजना के आवासीय भवनों के निर्माण कार्य हेतु 22359.33 लाख रुपये की लागत पर प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति तथा इस सीमा तक विस्तृत आगणन (डी0पी0आर0) के आधार पर पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन से निर्गत किए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है। इस निर्णय से आमजन को त्वरित एवं बेहतर सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किया जाना सम्भव हो सकेगा। प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या एवं बदलते सुरक्षा परिदृश्य में आमजन को बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराने एवं पुलिस तथा आमजन के अनुपात को संतुलित रखे जाने के दृष्टिगत व्यापक स्तर पर पुलिस कर्मियों की भर्तियां की जा रही हैं। वर्तमान में विभिन्न आपराधिक घटनाओं तथा कानून व्यवस्था की चुनौतियों का सामना किए जाने के लिए पुलिस कर्मियों को कुशल प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। पुलिस कर्मियों की व्यापक भर्ती एवं कार्यरत पुलिस कर्मियों को रिफ्रेशर कोर्स तथा इन सर्विस ट्रेनिंग प्रदान कर उनकी कार्य कुशलता को बढ़ाए जाने के दृष्टिगत पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय की क्षमता बढ़ाए जाने से बड़ी संख्या में प्रशिक्षित पुलिस कर्मी उपलब्ध हो सकेंगे।


जनपद अमेठी में पुलिस लाइन में आवासीय/अनावासीयभवनों के निर्माण कार्य का स्वीकृति सम्बन्धी प्रस्ताव मंजूर


मंत्रिपरिषद ने जनपद अमेठी में पुलिस लाइन में आवासीय/अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य के स्वीकृति सम्बन्धी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके अनुसार जनपद अमेठी में पुलिस लाइन के निर्माण कार्य हेतु सम्पूर्ण प्रायोजना प्रस्ताव एवं प्रायोजना के आवासीय भवनों के निर्माण कार्य हेतु 11053.00 लाख रुपये एवं जनपद अमेठी में पुलिस लाइन के अनावासीय भवनों के निर्माण कार्य हेतु 11475.16 लाख रुपये कुल धनराशि 22528.16 लाख रुपये की लागत पर प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति तथा इस सीमा तक पुनरीक्षित प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन से निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इस निर्णय से जनपद मुख्यालय में पुलिस लाइन होने से कानून व्यवस्था की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी तथा आमजन को त्वरित एवं बेहतर सुरक्षा व्यवस्था प्रदान किया जाना सम्भव हो सकेगा। आकस्मिक परिस्थितियों में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की आवश्यकता होती है, जिसे पुलिस लाइन में रिजर्व पुलिस बल से पूरा किया जा सकेगा।

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