केजरीवाल की चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों-सुप्रीम कोर्ट

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पत्रकारों की स्वतंत्रता को बल देती सुप्रीम टिप्पणी
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केजरीवाल की चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों. सुप्रीम कोर्ट ने ED से पूछे 6 सवाल.

सुप्रीम कोर्ट में आज फिर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान SC ने आम चुनाव से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग समेत कुछ सवालों पर ईडी से जवाब मांगा है.

सर्वोच्च अदालत में सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि स्वतंत्रता बहुत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते. फिर अंत में जस्टिस खन्ना ने गिरफ्तारी की टाइमिंग के संबंध में पूछा. दरअसल केजरीवाल की ओर से कहा गया कि उनकी गिरफ्तारी का समय आम चुनाव से ठीक पहले है.

शीर्ष अदालत ने ईडी से जवाब देने और कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच होने वाले समय के अंतर के बारे में बताने को कहा. ED को इस बात पर भी जवाब देना होगा कि क्या कोई न्यायिक कार्यवाही चल रही है, क्या आप आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं.

जस्टिस संजीव खन्ना ने आम चुनावों से पहले गिरफ्तारी के वक्त पर ईडी से पूछा कि बताएं,

  1. आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों?
  2. क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना यहां जो कुछ हुआ है उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं?
  3. इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई है. यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल हैं?
  4. जहां तक मनीष सिसोदिया मामले की बात है तो इसमें पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं. हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है? उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा, जो अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है, न कि आरोपी पर. इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती. क्योंकि वे धारा 45 का सामना कर रहे हैं. जिम्मेदारी उन पर आ गई है.
  5. अब ईडी बताए कि हम इसकी व्याख्या कैसे करें? क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है उसका पता लगाने के लिए मानक समान हों.
  6. कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों?

ईडी ने शुक्रवार दोपहर को जवाब देने को कहा है. बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 3 मई को होगी.

अदालत में अरविंद केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की शुरुआत की. SC ने पूछा कि क्या कोई दस्तावेज है जिससे साफ हो सके कि किस पर भरोसा किया गया, किस पर नहीं. सिंघवी ने कहा कि ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है.इस दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने अभिषेक सिंघवी से कुछ सवाल भी पूछे जैसे कि गोवा चुनाव की तारीख क्या है? शराब नीति कब तैयार हुई और कब लागू हुई? सिंघवी ने कहा, नीति लागू होने के 1 साल से पहले, यानी 2021 में तैयार हुई.

बताते चलें कि अदालत में सोमवार से यह सुनवाई जारी है. बीते दिन अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि ईडी ने आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया. या तो उसके पास पर्याप्त सबूत हैं, या कोई ऐसा आधार है जिसके बारे में हमें नहीं पता. जिन बयानों के आधार पर केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है वे 7 से 8 महीने पुराने हैं. राघव मगुंटा ने 4 बयान दिए- सभी बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अगर ईडी को लगता है कि अरविंद केजरीवाल मामले में दोषी हैं तो जांच एजेंसी ने उन्हें इतने समय तक खुला घूमने दिया? सितंबर 2022 में मामला सामने आया, तबसे कोई कार्रवाई नहीं की, अचानक गिरफ्तार किया. वह कोई दुर्दांत अपराधी या आतंकवादी नहीं हैं जो फ्लाइट पकड़ कर भाग जाएंगे.

इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि ईडी ने केजरीवाल को 9 बार नोटिस भेजा, उन्होंने हर बार क्यों टाल दिया? अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘जब सीबीआई ने बुलाया तो वह गए. अरविंद केजरीवाल ने ईडी के नोटिस का विस्तार से जवाब दिया. लेकिन ईडी यह नहीं कर सकती कि आप समन भेजने पर नहीं आए, इसलिए हमने गिरफ्तार किया. ईडी दफ्तर न जाना उनका अधिकार है. इस पर अलग से मुकदमा चलाया जा रहा है. यह गिरफ्तारी का आधार या कारण नहीं हो सकता. ईडी ने गिरफ्तारी से पहले पीएमएलए की धारा 50 के तहत केजरीवाल का बयान दर्ज नहीं किया. संजय सिंह के मामले में भी ऐसा ही हुआ था. केजरीवाल की चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों-सुप्रीम कोर्ट