हाईकोर्ट के आदेश के बाद जारी नई सूची को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिक दाखिल कर दी गई है.
उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से पंचायत चुनाव को लेकर लगातार चर्चा चल रही है. फिलहाल, आरक्षण की नई सूची जारी कर दी गई है. लेकिन अभी भी प्रत्याशियों के दिल में धुक-धुकी बनी हुई है. क्योंकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद जारी नई सूची को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी गई है.
कब होगी सुनवाई?
कहीं जगह ये अफवाह फैली है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2015 को आधार वर्ष मानते हुए जारी की गई सूची को खारिज कर दिया है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ इलाकों में याचिका खारिज होने की भी अफवाह फैली है. लेकिन सच्चाई अलग है. दरअसल, दिलीप कुमार की याचिका पर 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. इसके बाद ये तय होगा कि नई सूची का क्या होने वाला है.
दोबार जारी कई गई सूची
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले सरकार और आयोग को 30 अप्रैल तक चुनाव कराने के निर्देश दिए थे. ऐसे में मार्च के पहले सप्ताह में 1995 को आधार वर्ष मानते हुए, सूची जारी की गई. लेकिन एक याचिका की सुनवाई करते हुए, हाईकोर्ट ने आरक्षण सूची को रद्द कर दिया. और 2015 को आधार वर्ष मानते हुए, नई सूची जारी करने का निर्देश दिए. अब नई सूची जारी कर दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में सीटों के लिए आरक्षण लागू करने का आदेश दिया गया था। वास्तव में इस फैसले को लेकर कुछ लोग खुश हैं और कुछ इसके विरोध में हैं। इस व्यवस्था से कई ग्राम पंचायत के समीकरण ही बदल गए हैं।
दिलीप कुमार नामक युवक ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर विचार किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट में उनका पक्ष नहीं सुना गया। बता दें कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर प्रदेश में पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था और 25 मई तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने के लिए कहा था।
ज्यादातर जिलों में आरक्षण की संशोधित सूची जारी
उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों ने 2015 के चक्रानुक्रम को आधार मानते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सीटवार संशोधित अनंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। अन्य जिलों में भी कल तक सूची जारी कर दिए जाने की संभावना है। इस संशोधन से प्रदेश भर में सीटों के आरक्षण में भारी बदलाव हुआ है। सीतापुर में 99 फीसदी से ज्यादा सीटें प्रभावित हुई हैं।
सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशानुसार जिलाधिकारियों को प्रधानों व क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के पदों के आरक्षण तथा जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत वार्डों के आरक्षण व आवंटन की प्रस्तावित सूची 20 से 22 मार्च तक प्रकाशित किए जाने के निर्देश दिए थे। अवध के सीतापुर, अमेठी, रायबरेली, अंबेडकरनगर, अयोध्या, गोंडा-बलरामपुर, श्रावस्ती व बाराबंकी में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधानों के पदों के लिए आरक्षण का निर्धारण कर शुक्रवार को सूची जारी कर दी गई।
इसके अनुसार अंबेडकरनगर में आधे से ज्यादा सीटों पर आरक्षण बदल गया है। गोंडा व बाराबंकी में यह करीब 60 प्रतिशत है। अब सभी जिलों के डीएम 23 मार्च तक प्राप्त आपत्तियों का 24 व 25 के बीच निस्तारण करेंगे और 26 को अंतिम सूची जारी करेंगे।