यूडीएसपी से डिजिटल सर्विलान्स करने वाला पहला राज्य बना यूपी

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यूडीएसपी से डिजिटल सर्विलान्स करने वाला पहला राज्य बना यूपी
यूडीएसपी से डिजिटल सर्विलान्स करने वाला पहला राज्य बना यूपी

यूडीएसपी से डिजिटल सर्विलान्स करने वाला पहला राज्य बना यूपी। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने गुरुवार को किया लांच। वैक्सीन से रोके जा सकने वाली छह बीमारियों की हो सकेगी रियल टाइम निगरानी। यूडीएसपी से डिजिटल सर्विलान्स करने वाला पहला राज्य बना यूपी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब वैक्सीन से रोकी जा सकने वाली बीमारियों (VPDs) की डिजिटल निगरानी यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (UDSP) के माध्यम से शुरू करने जा रही है। यह पहल रीयल-टाइम केस रिपोर्टिंग, सटीक और विश्वसनीय डेटा संग्रह को संभव बनाएगी, जिससे बीमारियों और प्रकोपों का समय रहते पता लगाया जा सकेगा और उनके नियंत्रण के लिए त्वरित और प्रभावी रणनीतियाँ बनाई जा सकेंगी। इस डिजिटल निगरानी के तहत छह वैक्सीन-प्रिवेन्टेबल बीमारियां – पोलियोमायलाइटिस (एक्यूट फ्लेसीड पैरालिसिस), खसरा, रूबेला, डिप्थीरिया, पर्टुसिस और टिटनेस शामिल हैं। इन बीमारियों के लिए केस-बेस्ड सर्विलांस पहले से ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य सहयोग नेटवर्क (NPSN) के अंतर्गत चल रही है।

अब पहली बार इस निगरानी प्रणाली को यूडीएसपी में एकीकृत किया जाएगा। यह पोर्टल प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के अनुभव के आधार पर विकसित किया गया एक राज्य-स्वामित्व वाला डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य प्रदेश में एकीकृत रोग निगरानी प्रणाली स्थापित करना है। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित किया है। इसे मई 2023 में प्रारंभ में 12 अधिसूचित रोगों के लिए शुरू किया गया था, और तब से यह बड़े पैमाने पर प्रभावी ढंग से कार्य कर रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा, “हमारे यूनीफाइड डिजीज सर्विलान्स पोर्टल (यूडीएसपी) के माध्यम से टीकों से रोकी जा सकने वाले रोगों की डिजिटल निगरानी (सर्विलान्स) से जिलों और राज्य के बीच तीव्र गति से संवाद संभव हो सकेगा, जिससे इन रोगों की शीघ्र पहचान और पब्लिक हेल्थ रिस्पांस की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा। इससे हमें समय पर, सटीक डेटा मिलेगा, जो हमारे टीकाकरण कार्यक्रमों की योजना और निगरानी की बेहतर योजना तैयार कर निगरानी की जा सकेगी, साथ ही टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त, इस प्लेटफ़ॉर्म का एक प्रमुख लाभ यह है कि हमारे नागरिकों को अपनी लैब रिपोर्ट ऑनलाइन आसानी से मिल जाएगी, ठीक वैसे ही जैसे कोविड रिपोर्ट मिल जाती थी। इस पहल को सफल बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य अधिकारियों और स्टाफ की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है।”

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवेल ने कहा कि, एनएचएम के शुरू होने के बाद “टीकाकरण के परिणामों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रह जाए। नियमित टीकाकरण के अलावा, हर साल सभी बच्चों तक पहुँचने पर ध्यान केंद्रित करते हुए विशेष टीकाकरण अभियान चलाते हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में, हमने डिप्थीरिया के मामलों में उम्र के हिसाब से बदलाव देखे हैं, बड़े बच्चों में इसके मामले ज़्यादा देखे जा रहे हैं, इसी कारण से हम इस वर्ष भी विशेष टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। यूडीएसपी पर वीपीडी निगरानी लाने से इन रोगों के बारे में हमारी समझ और बेहतर होगी और भविष्य की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी।”

राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. अजय गुप्ता ने कहा, “इस साल 24 अप्रैल से शुरू हुए विश्व टीकाकरण सप्ताह के तहत हम पूरे प्रदेश में स्कूल-आधारित टीडी टीकाकरण अभियान चला रहे हैं। सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में कक्षा पांच और कक्षा 10 के छात्रों को उनके स्कूलों में मुफ़्त टीडी टीके लगाए जा रहे हैं। इन प्रयासों के माध्यम से यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी बच्चा टीकाकरण के अभाव में सुरक्षित भविष्य से वंचित न रहे।

एनएचएम महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुकुल ने कहा, “हम विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान खसरा-रूबेला (एमआर) उन्मूलन के लिए विशेष अभियान भी चला रहे हैं। मार्च और अप्रैल 2025 में हुए राज्यव्यापी सर्वेक्षण में 1.7 लाख से अधिक बच्चों की पहचान की गई, जिन्होंने एमआर 1/एमआर 2 वैक्सीन की अपनी निर्धारित खुराक नहीं ली है। हम यह प्रयास कर रहे हैं कि विश्व टीकाकरण सप्ताह के दौरान चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान इन बच्चों का टीकाकरण किया जाए। हम दिसंबर 2026 तक खसरा और रूबेला को खत्म करने के भारत सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत इन बच्चों को तुरंत टीका लगाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”

राज्य निगरानी अधिकारी डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि मई 2023 में उत्तर प्रदेश ने यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल (यूडीएसपी) लॉन्च किया, जो देश का पहला ऐसा राज्य-स्तरीय डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो 12 अधिसूचित बीमारियों की निगरानी के लिए कार्य करता है। उन्होंने बताया कि अब तक इस पोर्टल पर 60 लाख से अधिक टेस्ट रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी हैं। इस प्लेटफॉर्म की मदद से राज्य को डेंगू जैसी बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए प्रभावी निगरानी व सुधारात्मक कार्रवाई करने में सहायता मिली है। डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि यूडीएसपी को राष्ट्रीय पोर्टलों के साथ सफलतापूर्वक इंटीग्रेट कर लिया गया है, जिससे केंद्र सरकार के साथ डेटा साझा करना अब सहज और प्रभावी हो गया है। अब, वैक्सीन से रोकी जा सकने वाली बीमारियों (VPDs) को भी इस पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। इससे इन छह अतिरिक्त बीमारियों के लिए रीयल-टाइम डेटा प्राप्त होगा, जिससे कार्यक्रम की गुणवत्ता और कार्यान्वयन को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। यूडीएसपी से डिजिटल सर्विलान्स करने वाला पहला राज्य बना यूपी