आज उत्तर प्रदेश के सभी जलकालों / जल संस्थानों के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक ऐशबाग जलकल प्रांगण में रमेश तिवारी की अध्यक्षता में हुई जिसमें यह निर्णय लिया कि शासन द्वारा पूर्व में जारी शासनादेश संख्या 380 / 9-2-2010-58मिस /2007दिनांक यू ओ-38/9-7-10, -58मिस/2007 दिनांक 20-5-2010 के द्वारा जलकल की कार्य प्रणाली के संबंध में जारी किए गए थे उनमें संशोधन किया जा रहा है। जबकि उपरोक्त शासनादेश जल संस्थानों को विघटित एवं नगर निगमों में संविलीन किए जाने के उपरांत व्यापक विचार विमर्श कर जलकल विभाग जैसे संवेदनशील विभाग की आवश्यकताओं को देखते हुए जारी किया गया था। जलकल विभाग में बिना विचार नहीं होगा संशोधन
सभी संगठनों ने सर्वसम्मत से निर्णय लिया है कि कोई भी संशोधन जलकल के अधिकारी/ जलकल श्रमिक संघों के प्रतिनिधिओ एवं जनप्रतिनिधियों से विचार विमर्श किये बगैर ना किया जाए। इस संबंध में प्रदेश के संगठनों ने सभी संगठनों को मिलाकर उत्तर प्रदेश जलकल/जल संस्थान अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का गठन किया है। जिसके माध्यम से प्रमुख सचिव नगर विकास से अनुरोध किया गया है कि इस मोर्चे से विचार विमर्श के बाद ही कोई परिवर्तन किया जाए।इस आशय का पत्र प्रमुख सचिव नगर विकास को भेजा गया है अगली बैठक पूरे प्रदेश संगठनों की दिनांक 24.9.2023 को होगी। जलकल विभाग में बिना विचार नहीं होगा संशोधन