अलवर के सरकारी स्कूल में छात्राओं के साथ शिक्षकों ने ही किया गैंगरेप।भिवाड़ी के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने स्कूल की छात्राओं से संवाद किया।बीकानेर में स्कूली शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को मदरसा पैराटीचर्स से बचने के लिए पुलिस वाहन में शरण लेनी पड़ी।कांग्रेस की रैली से पहले जयपुर में कोरोना संक्रमण का विस्फोट।
एस0 पी0 मित्तल
माता-पिता अपनी बेटियों को शिक्षित बनाने के लिए स्कूलों में पढ़ने भेजते हैं। अब हर अभिभावक चाहता है कि उसकी बेटी भी पढ़ लिखकर अफसर बने। लेकिन यदि किसी सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल और शिक्षक ही छात्राओं के साथ बलात्कार करने लगे तो यह बेहद शर्मनाक बात है। रेप की घटनाओं वाला यह सरकारी स्कूल राजस्थान के अलवर जिले के मांढण थाना क्षेत्र के एक गांव में पकड़ा गया है। स्कूल की अनेक छात्राओं ने प्रिंसिपल जितेंद्र कुमार, अध्यापक सुरेश मीणा, राजकुमार तथा प्रमोद कुमार पर बलात्कार करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि अध्यापकगण पिछले एक वर्ष से यौनशोषण कर रहे हैं। सवाल उठता है कि ऐसे स्कूल के शिक्षक छात्राओं को पढ़ाने का काम करते हैं या फिर बलात्कार करने का काम। उन छात्रों की पीड़ाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है जो स्कूल में बलात्कार की शिकार हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूल ही पढ़ाई का मुख्य केंद्र होता है। बेटियों को स्कूल भेजने में पहले ही अनेक पारिवारिक और सामाजिक कठिनाइयां हैं, ऐसे में यदि सरकारी स्कूल में बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होंगी तो फिर बेटियों के प्रवेश का प्रतिशत घट जाएगा। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। गहलोत को उन छात्राओं की पीड़ा का अहसास होना चाहिए जो पिछले एक वर्ष से बलात्कार की शिकार हो रही हैं।
एसपी का स्कूली छात्राओं से संवाद
बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद 8 दिसंबर को अलवर जिले के भिवाड़ी के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने गांव में पहुंचकर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली सभी छात्राओं से संवाद किया। जोशी ने बताया कि उन्होंने छात्राओं से सामूहिक तौर पर और अलग अलग संवाद किया है। यह संवाद पुलिस की जांच का अंग है। संवाद की जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। लेकिन प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि एक वर्ष पहले इसी स्कूल के एक शिक्षक को अनैतिक काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक वर्ष पूर्व दर्ज मुकदमे में जो शिक्षक गवाह हैं, उन्हीं पर अब बलात्कार करने का आरोप लगा है। हो सकता है कि ताजा मामले में पूर्व शिक्षक की ही भूमिका हो। लेकिन पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। छात्राओं की ओर से जो रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। उसकी जांच सभी एंगल से हो रही है। इस मामले में किसी भी दोषी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा।
शिक्षा मंत्री का घेराव
राजस्थान की सरकारी स्कूलों में बेटियां निडर होकर पढ़े इसकी जिम्मेदारी स्कूली शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला की है। लेकिन राजस्थान के ऐसे हालात हैं कि खुद शिक्षा मंत्री कल्ला को पुलिस की शरण लेनी पड़ रही है। 8 दिसंबर को कल्ला अपने गृह जिले बीकानेर के दौरे पर थे, तभी मदरसा पैराटीचर्स ने अपनी मांगों को लेकर कल्ला का घेराव किया। नाराज पैराटीचर्स से बचने के लिए कल्ला जब तेजी से चलने लगे तो पैराटीचर्स ने भी दौड़ लगा दी। ऐसे में कल्ला को बचने के लिए पुलिस वाहन में बैठना पड़ा। लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारियों ने घेराव जारी रखा। बाद में बड़ी मुश्किल से पुलिस ने कल्ला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पैराटीचर्स लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। विगत दिनों जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी राजस्थान के पर्यटन स्थल रणथम्भौर परिवार के साथ आई थी, तब भी होटल के बाहर मदरसा पैराटीचर्स ने प्रदर्शन किया था।
जयपुर में कोरोना विस्फोट
जयपुर में 12 दिसंबर को कांग्रेस की राष्ट्रीय रैली हो रही है, इस रैली को सफल बनाने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार रात और दिन मेहनत कर रही है। इधर, रैली में अधिक से अधिक भीड़ जुटाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं तो वहीं जयपुर में कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 8 दिसंबर को भी जयपुर में एक साथ 25 व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिले हैं। इससे पहले भी जयपुर में ओमिक्रॉन वेरिएंट के मरीजों की पहचान भी की गई है। असल में जो व्यक्ति बाहर से आ रहे हैं, वे ही संक्रमण फैलाने में सहायक हो रहे हैं।