

अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय आर भूसरेड्डी का विदेश जाना और संयुक्त प्रबंध निदेशक आर0पी0 सिंह का सीयूजी नंबर और गाड़ी वापस करना अपर मुख्य सचिव गन्ना का विदेश से फिर वापस आना और संयुक्त प्रबंध निदेशक आर0पी0 सिंह का पुन: विभाग में ज्वाइन करना यह बताता है की भय में हैं चीनी मिल अधिकारी. भय में कार्य कर रहे चीनी मिल अधिकारी….!
आज के दौर में उत्तर प्रदेश हो या देश बेरोजगारी बढ़ी हुई है लेकिन उस पर उत्तर प्रदेश सरकार हो या देश की सरकार सब आंख मूंद कर बैठे हैं. एक तरफ जहां आम जनता बेरोजगारी के दौर से गुजर रही है वहीं विभागीय सेटिंग से सेवा विस्तार का काला कारनामा लगातार जारी है. रिटायर कर्मचारी को यह कहते हुए कि हमारे पास योग्य कर्मचारी नहीं है उनका सेवा विस्तार कर दिया जाता है.उनके अधीनस्थ को जो मौका मिलना चाहिए या उनके रिटायर होने के बाद जिस पद पर उनका जूनियर आता उससे पहले ही वह रिटायर हो जाता है. अर्थात किसी न किसी की हकमारी लगातार जारी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ के संयुक्त प्रबंध निदेशक का सेवा विस्तार हुआ था. सेवा विस्तार समाप्त हुआ और फिर हुआ लेकिन आशा के अनुरूप कम हुआ. इससे रुष्ट होकर उन्होंने विभाग आना ही छोड़ दिया यही नहीं उनका विभागीय सीयूजी नंबर नॉट रीचबल रहा और उन्होंने सरकारी गाड़ी भी वापस कर दी थी। अर्थात सरकारी सुविधाएं लेने से मना कर दिया सेवा विस्तार के दौरान उन्होंने क्रीम पद पर कार्य किया जो निराले भी रहे हैं. सेवा विस्तार अधिकारी के पास बहुत सारे कार्य थे.उत्तर प्रदेश सहकारी संघ में संयुक्त प्रबंध निदेशक आरपी सिंह सेवा विस्तार पर कार्य कर रहे थे इस दौरान उन्होंने विभाग में काफी कुछ अपना वर्चस्व और हस्तक्षेप रखा था.
अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय आर भूसरेड्डी इन्वेस्टर समिट की तैयारी एवं इन्वेस्टमेंट लाने के लिए विदेश दौरे पर थे. उनकी अनुपस्थिति में उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड मैं तैनात संयुक्त प्रबंध निदेशक आरपी सिंह भी कार्यालय से लापता रहते हैं. सूत्रों के हवाले से ज्ञात हुआ कि उन्होंने अपना सीयूजी नंबर और गाड़ी भी विभाग को वापस कर दी थी. सहकारी चीनी मिल संघ में ऐसा कुछ चमत्कार नजर आया कि विदेश से संजय आर भूसरेड्डी के वापस आने के बाद पुन आरपी सिंह संयुक्त प्रबंध निदेशक उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ लिमिटेड अपने कार्यालय में बैठे हुए नजर आते हैं. लेकिन ऑफिस से लापता होने के दौरान उनकी नेम प्लेट उनके रूम में लगी रहती है और आज ऑफिस आने के बाद उनकी नेम प्लेट गायब मिलती है. निष्पक्ष दस्तक संपादक से वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि हम छुट्टी पर थे. छुट्टी पर होने के दोरान न हमने विभागीय गाड़ी और न सीयूजी नंबर वापस कर दिया था.अवकाश के दौरान सीयूजी नंबर वापस करना कहीं न कहीं संसय उत्पन्न करता है. अगर आप सेवा में हैं और विभाग को आपकी जरूरत पड़ती है तो आप से कैसे संपर्क करेगा। यह बात कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है का संसय उत्पन्न करती है. निष्पक्ष दस्तक संपादक ने जब उनसे सेवा विस्तार पर चर्चा की तो उन्होंने कहा हां विभाग में कुछ अनुभवी अधिकारियों की कमी होने के कारण सेवा विस्तार किया जाता है परंतु उसे कुछ दिन में ट्रेंड कर पुनः नई भर्ती के माध्यम से पूर्ण भी किया जाता है. लेकिन संयुक्त प्रबंध निदेशक संपादक के सवाल पर हिचकिचाते नजर आए. जब आपको पता है कि सेवा एक निश्चित आयु सीमा तक ही ली जा सकती है तब उससे पहले क्यों न अधीनस्थ या नए को ट्रेंड कर उसके लायक बनाया जाए.इस पर आरपी सिंह साहब बगले झांकते नजर आए नजर आए.


यह जो नेम प्लेट आप देख रहे हैं, यह उत्तर प्रदेश सहकारी चीनी मिल संघ मुख्यालय के संयुक्त प्रबंध निदेशक आर0 पी0 सिंह की हैं जो रिटायर हो चुके है. रिटायर होने के बाद भी न तो इनके रुतबे में कोई फर्क आया और न ही इनके अधिकार कम हुए है. हकीकत यह है कि इनके पास वह अधिकार हैं जो रिटायर अधिकारी को दिए ही नही जा सकते है। इससे भी रोचक बात यह है ये साहब अपर मुख्य सचिव गन्ना के विदेश यात्रा के दौरान लापता रहे हैं.आलम यह है कि एसीएस गन्ना की साठ गांठ से चीनी मिल संघ ऐसे रिटायर अफसरों के भरोसे चल रहा है.