सुभासपा व निषाद पार्टी बाप बेटा पत्नी की पार्टी-लौटनराम निषाद

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साल छमासा रहो भर टोला, तब समझो भरवन का बोला-लौटनराम निषाद

विधानसभा चुनाव के बाद ही ओमप्रकाष राजभर भाजपा के सम्पर्क में आ गए थे।

लखनऊ। भारतीय पिछड़ा दलित महासभा के राष्ट्रीय महासचिव चौ.लौटनराम निषाद ने सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की प्रेसवार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त किया है।उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने प्रेसवार्ता में फार्च्यूनर गाड़ी के सम्बंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि राजभर को पकड़ना कठिन है।इसके सम्बंध में निषाद ने कहा कि पूर्वांचल में बुजुर्ग एक कहावत कहते हैं-“साल छमासा रहा भर टोला,तब समझा भरवन का बोला”,इस कहावत को ओमप्रकाश राजभर जी आज भी चरितार्थ करते हैं।उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से ही राजभर भाजपा से सम्बन्ध में जुट गए थे और मार्च में ही गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात किये थे।ओमप्रकाश राजभर बार बार सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए एसी से बाहर निकलने व पसीना बहाने का बयान मीडिया व सार्वजनिक सभा में दे रहे थे जो एक गठबंधन के साथी का चरित्र नहीं है।जब राजभर पहले ही योगी के यहाँ डिनर पार्टी में चले गए थे,तब यसवंत सिन्हा जी के आगमन पर उन्हें सपा कार्यालय की प्रेस में बुलाने का औचित्य नहीं था।राजभर जी को तो सिर्फ बहाना चाहिए था गठबंधन से अलग होकर भाजपा से सौदेबाजी करने व राजग गठबंधन में जाने का।


निषाद ने कहा कि सुभासपा व निषाद पार्टी बाप बेटा पत्नी की पार्टी है।अनुसूचित जाति आरक्षण के मुद्दे पर पैदा ये दोनों दल भोले भाले समाज को झूठा सपना दिखाकर भीड़ दिखा सौदेबाजी कर अपना घर भरने व समाज को गुमराह करने का काम करते आ रहे हैं।इन दोनों नेताओं से आम राजभर व निषाद समाज को नुकसान उठाने के सिवा एक पैसे का लाभ नहीं हुआ है।आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय निषाद संघ का प्रतिनिधि मंडल 12,तुग़लक़ लेन में राहुल गाँधी जी से मिला।इसी दिन ओमप्रकाश राजभर भी गए थे।राहुल गांधी जी के सचिव ने कहा कि निषाद व राजभर समाज की मांग अनुसूचित जाति में शामिल करने की ही है,दोनों लोगों का मुद्दा एक है तो साथ में ही वार्ता कर लीजिए।हमने कहा कि हमारा सामाजिक संगठन है और राजभर जी राजीतिक हैं,दोनों की अलग-2 अपेक्षाएं हो सकती हैं।जब राजभर जी राहुल गांधी जी से मिले तो आरक्षण को दरकिनार के 28 टिकट,5 करोड़ रुपया व प्रचार के लिए एक हेलीकॉप्टर की माँग किये।


निषाद ने बताया कि 2016 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी के साथ के मऊ के रेलवे मैदान में सभा किये।इन्होंने घोषणा किये कि अनुसूचित जाति में शामिल करने के मुद्दा पर सहमति के आधार पर सुभासपा का भाजपा से विधानसभा चुनाव में गठबंधन हो रहा है।प्रदेश में भाजपा गठबंधन की सरकार बन गयी और ये मंत्री बन गए।अब ये 17 अतिपिछड़ी जातियों के अनुसूचित जाति के आरक्षण मुद्दे को छोड़कर ओबीसी के बंटवारे की आरएसएस की भाषा बोलने लगे।उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बन गयी होती तो मलाई खाते,भाजपा के यहाँ हाथ पैर नहीं मारते।ये अपने व अपने परिवार के साथ अब्बास अंसारी व वेदीराम को ईडी से बचाने के लिए ही भाजपा की धमकी से डरकर भाजपा के शरणागत हुए हैं।