जेल मुख्यालय में प्रधान सहायक को बना दिया स्टेनो…! एक-एक प्रशासनिक अधिकारी को दो-दो महत्वपूर्ण अनुभाग। पटल परिवर्तन में पक्षपात होने से बाबू संवर्ग में आक्रोश। जेल मुख्यालय में प्रधान सहायक को बना दिया स्टेनो..!
लखनऊ। प्रदेश के कारागार मुख्यालय में कई स्टेनो खाली होने के बाद भी प्रधान सहायक को स्टेनो बना दिया गया। यह बात सुनने और पढ़ने में भले ही अटपटी लगे लेकिन मुख्यालय के बाबुओं के पटल परिवर्तन ने इस बात को सच साबित कर दिया। पटल परिवर्तन में अनाप शनाप तरीके से हुए बदलाव से विभागीय बाबुओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। मामला विभाग के मुखिया से जुड़ा होने की वजह से बाबू संवर्ग इस गंभीर मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहा है।
जुलाई माह के अंतिम दिन डीजी पुलिस/आईजी जेल के निर्देश पर एआईजी कारागार प्रशासन मुख्यालय के 15 बाबुओं के पटल परिवर्तन का आदेश जारी किया। आदेश में सामान्य अनुभाग एक में तैनात प्रधान सहायक को डीआईजी जेल मुख्यालय कैंप कार्यालय, आधुनिकीकरण का प्रभार देख रहे प्रशासनिक अधिकारी को आधुनिकीकरण के साथ नजारत, गोपनीय, निर्माण और नजारत का प्रभार संभाल रहे प्रशासनिक अधिकारी को गोपनीय के साथ आईजी कैंप कार्यालय का प्रभार दिया गया। संपरीक्षा का कार्य देख रहे प्रशासनिक अधिकारी को निर्माण का काम दे दिया गया। एक साल पहले सामान्य अनुभाग एक से हटाकर नजारत भेजे गए वरिष्ठ सहायक को नजारत से हटाकर प्रोबेशन में भेज दिया गया। एक डिप्टी जेलर को जेल में काम कराने के बजाए मुख्यालय में लगा रखा है। विधि प्रकोष्ठ का प्रभार देख रहे डिप्टी जेलर को विधि के साथ तकनीकी अनुभाग का प्रभार दिया गया है। इनके सहयोग के लिए लंबे समय से आधुनिकीकरण में जमे वरिष्ठ सहायक और दो जेल वार्डर लगाए गए हैं।
खाली बैठे स्टेनो को नहीं दी गई तैनाती….!
कारागार मुख्यालय में वर्तमान समय में पांच व्यक्तित्व सहायक (स्टेनो) ऐसे हैं जिनके पास काम न के बराबर है। यह दिनभर खाली बैठे रहते है। प्रमुख सचिव/महानिदेशक कारागार जो कभी कभार मुख्यालय आते हैं उनका स्टेनो सुनील सिंह को बना रखा गया है। इसी प्रकार अधीक्षक मुख्यालय जिन्हे स्टेनो अनुमन्य नहीं है। विनोद यादव को इनका स्टेनो बना रखा है। भोला सिंह को फाइनेंस कंट्रोलर का और दीपा लोहानी को जेल प्रशिक्षण संस्थान में तैनात कर रखा है। इसी प्रकार विमल यादव को कानपुर परिक्षेत्र का प्रभार संभालने वाले डीआईजी का स्टेनो बना रखा है। डीआईजी आगरा में बैठते है। कभी कभार ही वह मुख्यालय आते हैं। इन स्टेनो में ज्यादातर खाली ही रहते है। इन्हे तैनात करने के बजाए अन्य बाबुओं को स्टेनो बना दिया गया है।
सूत्रों का कहना आईजी जेल ने लंबे समय से एक ही पटल पर जमे बाबुओं को हटाकर सराहनीय पहल की, वही विवादित बाबुओं को महत्वपूर्ण अनुभागों में तैनात कर कई सवाल खड़े कर दिए। पीएफ के भुगतान में गड़बड़ी के आरोप में हटाए गए प्रधान सहायक को डीआईजी मुख्यालय कैंप कार्यालय में तैनाती पर सवाल उठ रहे है। इसी प्रकार एक-एक प्रशासनिक अधिकारी को दो-दो महत्वपूर्ण (कमाऊ) अनुभाग दिए गए जबकि अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को कोई भी प्रभावी प्रभार नहीं दिया गया। मुख्यालय में कई स्टेनो ऐसे हैं जिनके पास कोई काम नहीं है वह खाली बैठे रहते है। स्टेनों होने के बाद यह काम अन्य बाबुओं को सौंप दिया गया है। इससे विभागीय बाबुओं में खासा आक्रोश व्याप्त है। आक्रोशित बाबुओं का आरोप है जब उनका काम अन्य बाबुओं से कराना है तो इस संवर्ग को समाप्त कर देना चाहिए। उधर इस संबंध में जब आईजी जेल पीवी रामाशास्त्री से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। भेजे गए मैसेज का भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जेल मुख्यालय में प्रधान सहायक को बना दिया स्टेनो..!