दो वर्ष में गरीबों का न बना मकान

220
दो वर्ष में गरीबों का न बना एक मकान
दो वर्ष में गरीबों का न बना एक मकान

दो वर्ष में गरीबों का न बना मकान

विकास प्राधिकरण खुद ही निकला अवैध कब्जेदार।दो वर्ष से 24 विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में गरीबों के लिए नहीं बना एक भी मकान। लखनऊ में भी नहीं बने मकान, मकान बनाने में रुचि न लेने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई की तैयारी।

लखनऊ। बिल्डरों के रुचि न लेने से गरीबों के अपने आशियाने के अरमान पर पानी फिर रहा है। आलम यह है कि दो साल से हाईटेक व इंटीग्रेटेड टाउनशिप के साथ अफोर्डेबल हाउसिंग नीति के तहत 24 विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में एक भी मकान उनके लिए नहीं बनाए गए हैं। शासन अब ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। दरअसल इन योजनाओं में गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के मकान बनाने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन बिल्डरों ने इसमें कोई रुचि ही नहीं ली। प्रत्येक वित्तीय वर्ष में आवास विकास परिषद, सभी विकास 27 प्राधिकरणों और 5 विशेष विकास प्राधिकरणों को गरीबों को मकान बनाने का लक्ष्य दिया जाता है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में दिए गए मकानों के मुताबिक दो वर्ष में ईडब्ल्यूएस के 41 हजार मकान बनाने थे, लेकिन बने सिर्फ 4178 मकान। यह लक्ष्य का सिर्फ 10.19 प्रतिशत है। इसी तरह एलआईजी के 22 हजार मकान बनाने केलक्ष्य की तुलना में सिर्फ 5265 आवास बने, कै जो लक्ष्य का 23.93 प्रतिशत है। चालू वित्तीय वर्ष में तो दोनों श्रेणी के आवास बनाने की स्थिति पहले से भी खराब है। इस साल अब तक ईडब्ल्यूएस के 54,348 व एलआईजी श्रेणी के 31,854 मकान बनाने का लक्ष्य है। लेकिन अब तक ईडब्ल्यूएस के मात्र 754 और एलआईजी के 553 मकान लक्ष्य के मुताबिक दो साल में ही बन पाए हैं

दो वर्षों में एक भी मकान न बनाने वाले प्राधिकरण

ईडब्ल्यूएस- लखनऊ,आगरा,मेरठ,अलीगढ़,गोरखपुर,वाराणसी,बांदा,बुलंदशहर,अयोध्या,फिरोजाबाद,झांसी,मुजफ्फरनगर,सहारनपुर,उन्नाव,रामपुर,उरई,खुर्जा,आजमगढ़ व बागपत विकास प्राधिकरणों। कुशीनगर,शक्तिनगर,चित्रकूट,कपिलवस्तु व मिर्जापुर विशेष प्राधिकरण क्षेत्रों ने एक भी आवास नहीं बनाए हैं।

एलआईजी- गाजियाबाद,लखनऊ,मुरादाबाद,अलीगढ़,गोरखपुर,वाराणसी,बांदा,बुलंदशहर,अयोध्या,फिरोजाबाद,झांसी,मुजफ्फरनगर,सहारनपुर,उन्नाव,रामपुर,उरई,आजमगढ़ व बागपत विकास प्राधिकरणों व कुशीनगर,शक्तिनगर,चित्रकूट,कपिलवस्तु व मिर्जापुर विशेष प्राधिकरण क्षेत्रों ने एक भी आवास नहीं बनाए हैं।

यह भी पढ़ें- जातीय रैलियों पर हाईकोर्ट सख़्त मांगा जवाब

अवैध निर्माण न हो इसकी निगरानी करने वाला अयोध्या विकास प्राधिकरण खुद ही बड़ा अवैध कब्जेदार निकला। नक्शा, ले-आउट को लेकर नियमों की गिनती गिनाने वाले प्राधिकरण ने बाढ़ खंड की जमीन पर ही दुकानें बनवा डाली। बाढ़ खंड ने जब प्राधिकरण और दुकानदारों को नोटिस जारी की तब प्राधिकरण की करतूत का खुलासा हुआ, जिसके चलते करीब 28 दुकानदारों के सामने संकट खड़ा हो गया है। प्रभावित दुकानदार अब प्राधिकरण से लेकर बाढ़ खंड के चक्कर काट रहे हैं।

अयोध्या विकास प्राधिकरण ने पूरी तरह दुकानों का अवैध निर्माण कराया है। बंधे की अधीन आने वाली भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण नहीं कराया जा सकता है। प्राधिकरण और दुकानदारों को नोटिस दी गई है। अभी प्राधिकरण का कोई जवाब नहीं आया है—-एसके प्रसाद, एक्सईएन, बाढ़ खंड, अयोध्या।

बंधा तिराहा नयाघाट पर प्राधिकरण ने मार्केट बना उनकी सभी दुकानों की अलग-अलग समय और रेट पर लोगों को रजिस्ट्री भी कर दी। दुकानदारों ने भी निश्चित होकर वहां अपने जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न व्यवसाय शुरू कर दिया। इसी बीच अयोध्या-बिल्वहरिघाट बंधे के दृष्टिगत बाढ़ खंड ने रामपथ चौड़ीकरण को लेकर पड़ताल शुरू कि तो पता चला है कि उसकी भूमि पर तो दुकानें बनी हुई है।इन दुकानों के साढ़े पांच मीटर से अधिक के हिस्से को अवैध बताते हुए बाढ़ खंड ने सिंचाई विभाग की धारा 315 दफा 27 व 30 के तहत नोटिस जारी कर दी। अब इसे लेकर दुकानदारों में खलबली मची हुई है।

दुकानदारों का कहना है कि उन्होंने बाकायदा प्राधिकरण से इसकी रजिस्ट्री करवाई है, अब ऐसे में उनकी क्या गलती। दुकानें ध्वस्त होती हैं तो आजीविका का पूरा सहारा ही चला जायेगा। एक तो चौड़ीकरण को लेकर पहले से जी जंजाल में फंसा हुआ है ऊपर से प्राधिकरण की करतूत ने उनकी दिन और रात का चैन उड़ा दिया है।बाढ़ खंड का कहना है कि अवैध निर्माण खुद नहीं हटाया तो विभाग हटायेगा और खर्च दुकानदारों से अलग वसूल करेगा। दुकानदार आशुतोष पति त्रिपाठी का कहना है कि नोटिस देख कर उनके होश उड़ गये हैं। जबसे नोटिस मिली है प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिल रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी तरह सभी दुकानदार परेशान चक्कर काट रहे हैं। बाढ़ खंड के अधिकारी कहते हैं प्राधिकरण की जिम्मेदारी है वहीं सम्पर्क करें। प्राधिकरण के अधिकारी टरका कर भगा दे रहे हैं। ऐसे में अब जिलाधिकारी से गुहार लगाई जायेगी।

बाढ़ खंड की कोई नोटिस अभी तक तो नहीं मिली है। जो भी निर्माण कराया गया नियमों के तहत कराया गया होगा। कुछ दुकानदार आए थे, जिन्होंने जानकारी दी है। दुकानदारों का अहित नहीं होने दिया जाएगा—-अजय कुमार, एक्सईएन, अयोध्या विकास प्राधिकरण, अयोध्या।

दो वर्ष में गरीबों का न बना मकान