पुलिस हमारे देश की, हँस-हँस सहती वार।
परिजनों से दूर रहे, ले कंधे पर भार।। पुलिस हमारे देश की
होली या दीपावली, कैसा भी हो काम।
पुलिस रक्षक दल बने, बिना करे विश्राम।।
हम रहते घर चैन से, पहरा दे दिन रात।
पुलिस सामने आ अड़े, सहने हर आघात।।
अमन शांति कायम रहे, प्रतिपल है तैयार।
सतत, सजग हो कर करे, अपराधी पर वार।।
विपदा में बेख़ौफ़ हो, देती अपनी जान।
ऋणी हैं सभी पुलिस के, देते हम सम्मान।
सीटी मारे जब पुलिस, बजे हृदय में तार।
अभी तुम्हारी ले खबर, उठती एक पुकार।।
ये भी माँ के लाडले, इनके भी परिवार।
होली क्या दीपावली, ड्यूटी पर हर बार।। पुलिस हमारे देश की
—– डॉo सत्यवान सौरभ