
[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”] पंजाब में खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का विरोध किया तो तलवारबाजी के साथ फायरिंग। अब पटियाला में कर्फ्यू ।राजस्थान में गर्मी का पारा 46 डिग्री के पार, लेकिन जयपुर में हजारों अकीदतमंदों ने खुले में नमाज पढ़ी।महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा से ही सांसद और विधायक पर राजद्रोह का मुकदमा।आखिर हिन्दुस्तान किस दिशा में जा रहा है….?

29 अप्रैल को पंजाब के पटियाला में उस समय कर्फ्यू लगाना पड़ा जब कुछ देशभक्त लोग खालिस्तान का स्थापना दिवस मनाने का विरोध कर रहे थे। लेकिन सिक्ख समुदाय के अनेक लोग स्थापना दिवस मनाने पर अड़े रहे। दो गुटों में पहले तलवारबाजी हुई और फिर फायरिंग। अब पटियाला में कर्फ्यू लगा हुआ है। सब जानते हैं कि डेढ़ माह पहले ही पंजाब विधानसभा के चुनाव हुए हैं। इसमें आश्चर्यजनक तरीके से 117 में से 92 सीटें अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को मिली है। मौजूदा समय में भगवंत मान पंजाब के मुख्यमंत्री हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी कवि कुमार विश्वास (आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य) और कांग्रेस की नेता अलका लांबा ने आप पर अलगाववादियों से मिलीभगत का आरोप लगाया था। सूत्रों की मानें तो पंजाब में आप की सरकार की मौजूदगी के कारण ही इस बार खालिस्तान स्थापना दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाने का निर्णय लिया गया था। कवि कुमार विश्वास और अलका लांबा के आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह तो वही जाने, लेकिन 30 अप्रैल को पटियाला में जो कुछ भी हुआ, वह सीमावर्ती पंजाब के लिए अच्छा नहीं है। अनुच्छेद 370 को हटा कर जम्मू कश्मीर के हालात बड़ी मुश्किल से नियंत्रण में किए जा रहे हैं। अब यदि पंजाब में खालिस्तान के समर्थक मजबूत होंगे तो हालात और बिगड़ेंगे। देखना होगा कि 92 सीटें लेने के बाद गौरवान्वित हो रहे अरविंद केजरीवाल और उनके मुख्यमंत्री भगवंत मान किस तरह खालिस्तानियों से निपटते हैं। अलगाववादियों के प्रति नरम रुख देश के लिए घातक होगा। पंजाब के ताजा घटनाक्रम पर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को भी अपनी पार्टी की स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि खालिस्तान आंदोलन की वजह से उनकी दादी और देश की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या हुई थी।
जयपुर में सड़क पर नमाज:-
29 अप्रैल को रमजान माह के आखिरी शुक्रवार को राजस्थान के जयपुर के जौहरी बाजार में खुले आसमान के नीचे हजारों मुसलमानों ने जुमे की नमाज अदा की। इसके लिए बाजार में ऊंची आवाज वाले अनेक लाउडस्पीकर लगाए गए। बाजार की सड़कों पर नमाज तब अदा की गइ्र, जब राजस्थान में गर्मी का पारा 46 डिग्री के पार है। गर्मी की वजह से सामान्य आदमी का हाल बेहाल है। रमजान माह में रोजा (व्रत) रखने वाले अधिकांश मुसलमान दिन में पानी भी नहीं पीते हैं। भीषण गर्मी में प्यासा रह कर रोजा रखने वाले यदि खुले में नमाज अदा करते हैं तो इससे धर्म के प्रति उनकी अकीदत का अंदाजा लगाया जा सकता है। अब भाजपा के नेता खुले में नमाज का विरोध कर रहे हैं, लेकिन अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की पुलिस और प्रशासन ने भी नमाजियों की सहूलियतों का पूरा ख्याल रखा। नमाज के लिए जौहरी बाजार का ट्रैफिक करीब चार घंटे तक बंद रखा गया। यह बात अलग है कि 8 अप्रैल को एक आदेश निकाल कर गहलोत सरकार ने ही धार्मिक आयोजन पर अनेक प्रतिबंध लगाए थे। ऐसे प्रतिबंध धारा 144 के अंतर्गत लगाए गए।
