
अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी सैनिक प्रकोष्ठ के नेतृत्व में पूर्व सैनिकों ने कारगिल विजय दिवस पर प्रदेश के सभी जिलों में काली पट्टी बांधकर कैंडल मार्च निकाला और मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए अन्याय अत्याचार पर विरोध जताया। पूर्व सैनिको ने कहा कि कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले एक सूबेदार की पत्नी को मणिपुर में जिस तरह सैकड़ों की भीड़ ने सड़क पर निर्वस्त्र करके घुमाया और एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पत्नी को जला कर मार दिया वह बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। मणिपुर की घटनाओं से पूर्व सैनिक समाज बेहद आहत है। फौजी भाइयों ने भाजपा की केंद्र एवं मणिपुर सरकार तथा सैनिक कल्याण से सम्बंधित सभी विभागों से मणिपुर की घटनाओं पर नाराज़गी जतायी।
सभी पूर्व सैनिकों ने मणिपुर की घटनाओं से जनता को परिचित कराने के लिए कैंडल मार्च निकाली और कहा कि भारतीय सेना के शौर्य और युद्ध में शहादत को भाजपा ने जिस तरह अपने शौर्य और बलिदान की कहानी बनाकर चुनाव में इस्तेमाल किया, उससे पूर्व सैनिक दुखी हैं और ठगा सा महसूस करते हैं। जब सैनिकों के परिवार ही इस सरकार में सुरक्षित नहीं हैं, तो फिर सेना और राष्ट्रभक्ति की बात करना एक राजनैतिक छलावा ही तो है।
समाजवादी सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष शरद सरन ने कहा कि भारतीय सेना के फौजी बलिदान के लिए सदैव तत्पर थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने मणिपुर में कारगिल योद्धा और स्वतंत्रता सेनानी के परिवारों तथा महिलाओं को न्याय दिलाने की मांग दुहराई। इस अवसर पर सभी पूर्व सैनिकों ने सरहद की सेवा के बाद अब आजीवन समाज की सेवा, फौज की “सर्वधर्म समभाव“ की परम्परा के अनुसार करने का वादा किया। मणिपुर की घटनाओं से सैनिक समाज आहत