चित्रकूट की तरह बरेली जेल में भी हो रही दोषियों पर कार्रवाई…! दोनों जेलों में परिक्षेत्र डीआईजी जेल की रिपोर्ट पर हुए निलंबन।
बरेली/लखनऊ। UP जेलों में माफिया मस्त,यह उत्तर प्रदेश है यहाँ सदन में माफिया को मिट्टी में मिलाने की बात कही जाती है। तो दूसरी तरफ भय का बुलडोजर भी लगातार गरज रहा होता है। कुख्यातों का एनकाउंटर किया जा रहा होता है। इसके दूसरे तरफ़ उसी प्रदेश की जेलों में कुख्यात अपराधियों खुली छूट भी दी जाती है। प्रदेश की जेलों ने योगी सरकार के पूरे तंत्र को हिलाकर रख देता है। उमेश हत्याकांड में बाहुबली अतीक के भाई अशरफ का बरेली जेल कनेक्शन हो या फिर माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे-बहू का चित्रकूट जेल के बंद कमरे में मिलन…! जेल प्रशासन ने योगी सरकार के सिस्टम को खुली चुनौती देते हुए बंदियों को मौज मस्ती कराने में मस्त रहा है।
बरेली और चित्रकूट जेल में होती रहीं अवैध तरीके से मुलाकातें,आंखें मूंदे रहीं पुलिस चौकियां-
उत्तर प्रदेश की जेलों में बंदी रक्षकों की मिलीभगत से नियम विरुद्ध मुलाकात करने और कराने के मामले अक्सर उजागर होते रहते हैं। चित्रकूट और बरेली का प्रकरण सामने आने के बाद एक बार फिर जेल महकमा चर्चा में है। इसमें अहम बात यह है कि जेल परिसर में मौजूद पुलिस चौकियों के पुलिसकर्मियों की जवाबदेही क्यों नहीं तय हो पा रही है।
गिरफ्तारी और निलंबन से उड़ी अफसरों की नींद–
प्रदेश की दो जेलों के निलंबन और गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने की घटनाओं से विभागीय अधिकारियों में हडक़ंप मचा हुआ है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो अधिकारियों के जेल जाने का मामला विभाग में पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले भी कई अधिकारी जेल की हवा खा चुके है। किंतु ऐसा पहली बार हृृआ है जब बंदियों की अनाधिकृत मुलाकात कराने के मामलों में अधिकारियों का निलंबन और गिरफ्तारी की कार्रवाई चल रही है। इस कार्रवाई से कई अधिकारियों की नींद उड़ी हुई। इसको देखते हुए आईजी जेल ने समस्त अधिकारियों को सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।
बरेली जेल अफसरों पर कार्रवाई भी चित्रकूट जेल की तर्ज पर ही हो रही है। चित्रकूट जेल में अनाधिकृत मुलाकात को लेकर पहले परिक्षेत्र के डीआईजी से कराई गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों को निलंबित किया गया। इसी प्रकार बरेली जेल में भी परिक्षेत्र के प्रभारी डीआईजी की रिपोर्ट मिलते ही दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। विभागीय अफसरों में चर्चा है कि निलंबन के बाद दोषी अफसरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसी तर्ज पर बरेली जेल में भी अफसरों के पर भी कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बीती 10 फरवरी को चित्रकूट जेल में विधायक अब्बास अंसारी की पत्नी निखत की अनाधिकृत तरीके से हो रही मुलाकातों का खुलासा हुआ था। इस पर विभाग के मुखिया आईजी जेल आनंद कुमार ने प्रयागराज परिक्षेत्र के तत्कालीन डीआईजी शैलेंद्र मैत्रेय को जांच सौंपकर 24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। डीआईजी की रिर्पोट मिलने के तुरंत बाद ही उन्होंने अधीक्षक, जेलर संतोष कुमार, डिप्टी जेलर पीयूष पांडे समेत सात लोगों तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। बाद में घटना के बाद से फरार चल रहे अधीक्षक एवं जेलर को जांच एजेंसी के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर घंटो पूछताछ की। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।
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चित्रकूट जेल में मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी बंद है। इस जेल में अब्बास अंसारी की पत्नी निखत अंसारी सांठगांठ कर मिलने जाती थी। इन दोनों को VIP कमरे में मिलवाया जाता था। बन्द कमरे में क्या होता है शोध का विषय है। जेल में जब डीएम और एसपी ने छापा मारते हैं तो आरोपी अब्बास अपनी बैरक में नहीं मिलता है। डीएम एसपी के पूछने पर कर्मचारी उन्हें गुमराह करने लगते हैं आखिर क्यों।जेल के जिस कमरे में बाहर से ताला लगा होता है उसी में अब्बा अब्बास और निखत मिलते हैं। जिसके बाद निखत अंसारी, ड्राइवर नियाज अंसारी को भी अरेस्ट किया जाता है। जब जांच हुई तो पता चला कि पैसे लेकर जेल प्रशासन अवैध तरह से मुलाकात कराता था। इस मामले में चित्रकूट जेल के डिप्टी जेलर को भी बाद में अरेस्ट किया जाता है। लेकिन, सवाल यह है कि जेल में पत्नी अपने विधायक पति से अलग कमरे में मिलती रही और जेल प्रशासन गुमराह करता रहा।आखिर क्यों….?
UP जेलों में माफिया मस्त,इसी प्रकार करीब एक पखवारा पूर्व प्रदेश के बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का कनेक्शन बरेली जेल से जुड़ा। बरेली जेल में माफिया अतीक के भाई अशरफ की जेल में अनाधिकृत मुलाकातों का मामले सामने आया। आनन फानन में आईजी जेल ने इस मामले की जांच बरेली जेल परिक्षेत्र के डीआईजी आरएन पांडेय को सौंपी। डीआईजी जेल की रिपोर्ट मिलते ही आईजी जेल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह समेत सात जेलकर्मियों को तत्काल निलंबित कर दिया। इसके साथ ही बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में जेल के एक वार्डर और कैंटीन सप्लायर को पहले की गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
सूत्रों का कहना है कि जेल अधीक्षक को निलंबित करने का अधिकारी सिर्फ शासन को ही है। शासन की संस्तुति मिलने के बाद ही अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जेल अफसरों में चर्चा है कि चित्रकूट जेल की तर्ज पर चल रही कार्रवाई से प्रतीत होता है कि बरेली जेल के दोषी अफसरों के खिलाफ किसी भी समय कड़ी कार्रवाई हो सकती है। उधर जेल मुख्यालय के डीआईजी जेल एके सिंह का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा।