
बिगड़ते लाइफस्टाइल और तनाव भरी जिदंगी के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं जिसमें से एक है एंडोमेट्रियोसिस। 25-30 साल की उम्र में पेट दर्द और गर्भधारण न कर पाने का सबसे मुख्य कारण यही है। इस समस्या में गर्भ (एंडोमेट्रियम) को ढकने वाले टिश्यूज ओवरीज या गर्भाशय के आसपास विकसित होने लगते हैं, जिससे पीरियड्स के दौरान ओवरीज और पेल्विक में खून के गहरे थक्के जमा हो जाते है, जोकि आंत, ट्यूब्स और ओवरीज में चिपक जाते है। इससे ट्यूब्स और ओवरीज को नुकसान पहुंचता है, जो इंफर्टिलिटी का कारण बनता है। इसका समय पर इलाज न करवाने के कारण पेल्विक में सूजन और तेज पेट दर्द प्रॉब्लम हो जाती है। जानिए क्या हैं एंडोमेट्रियोसिस सिंड्रोम..?
क्या है एंडोमेट्रियोसिस…?
गर्भाशय में होने वाली इस समस्या के कारण पेट के अंदर एक परत बनती है, जिससे एंडोमेट्रियम ऊतक में असामान्य तरीके से बढ़ने लगता है और वो गर्भाशय से बाहर फैलने लगता है। यह ऊतक गर्भाशय के अंदर ही नहीं अंडाशय, आंतो और अन्य प्रजनन अंगो तक भी फैल सकते है, जिससे इंफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
एंडोमेट्रियोसिस के कारण
- एम्ब्रोनिक कोशिकाओं का बढ़ना
- सर्जरी से हुए घाव के करण
- एंडोमेट्रियल कोशिकाओं के शरीर के अन्य भागों में फैलने के कारण
एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण
- पेट दर्द के निचले हिस्से में तेज दर्द
- पीरियड्स में तेज दर्द
- मांसपेशियों में खिचाव
- शरीर के निचले हिस्से में जकड़न.
- मल या मूत्र त्याग में समस्या
संबंध बनाने के दौरान या बाद में दर्द - पीरियड में अधिक ब्लीडिंग,थकान, तनाव
- कब्ज़
- चक्कर और उल्टी आना
एंडोमेट्रियोसिस का घरेलू इलाज जानिए क्या हैं एंडोमेट्रियोसिस सिंड्रोम..?
अलसी के बीज- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अलसी के बीज शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालते है। इसके कुछ दानें पानी में डालकर रातभर रखें और सुबह इस पानी पीएं। अलसी के बीजों का पाउडर बनाकर भी खाने से भी यह समस्या दूर हो जाती है।
शहद- औषधीय गुण होने का कारण शहद का सेवन करने से यह समस्या दूर हो जाती है। गर्म पानी के साथ शहद पीने से आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है।
हल्दी- 1 चम्मच हल्दी और नींबू के रस को पानी में अच्छी तरह उबालकर पीएं। दिन में 2 बार इसका लगातार सेवन करके इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है।
कैस्टर ऑयल- कैस्टर ऑयल को थोड़ा सा गर्म कर लें। इसे कपड़ें में लगाकर पेट के निचले हिस्से में लगाएं। इससे आपको पेट दर्द से तुरंत आराम मिल जाएगा।
अदरक- औषधि के रूप में इस्तेमाल होने वाली अदरक को पतले में टुकड़ों में काटकर चाय बना लें। इसे नियमित रूप से पीने पर आपकी यह समस्या दूर हो जाएगी।

हैवी ब्लीडिंग रोकने के उपाय
बर्फ से सिकाई करना- जब पीरियड्स आता है तो शारीर का तापमान उच्च होता है जिस कारण से पीरियड्स आता है। और जब ये तापमान अधिक बड जाता है तो खून की कोशिकाए अधिक फ़ैल जाती है जिस कारण से अधिक बिल्डिंग होने लगती है। लेकिन यदि पीरियड्स के दौरान बर्फ से सिकाई की जाये तो शारीर का तापमान निम्न हो जाता है, और खून की कोशिकाए सिकुड़ जाती है और ज्यादा बिल्डिंग होना बंद हो जाती है। बर्फ की सिकाई से केवल खून का आना कम ही नहीं होता बल्कि पेट के दर्द में भी लाभदायक होता है। बर्फ के टुकडो को लीजिये और एक टोबिल में लपेट लीजिये फिर उससे पेट की सिकाई करें। इस सिकाई को आप 10-15 मिनिट तक करें फिर कुछ समय के लिए पीठ के बल लेट कर आराम कर ले| यदि इसके बाद भी आपको आराम न मिले तो आप इसी उपाय को फिर से कर लीजियेगा और ये उपाय आप 4 घंटे के अन्तराल में ही कीजियेगा।
धनिया के बीज- धनिया के बीज इस परेशानी से राहत दिलाने में काफी हद तक सही है धनिया के बीज का उपयोग आयुर्वेद में भी किया जाता है। आयुर्वेद में धनिया के बीज को गर्भाशय को सही से काम करने और महिलाओ में उचित हारमोंस संतुलन बनाये रखने के लिए औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। एक गिलास पानी ले और उसमे एक चम्मच धनिया पाउडर को डाले और इन्हें गर्म करे तब तक जब तक पानी आधा न हो जाये। फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दे और जब ये हल्का गर्म रह जाये तब इसमें शहद मिला ले और इसे सेवन करे इसका सेवन पीरियड्स के दौरान 2-3 करे इससे आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी
सेब का सिरका- सेब का सिरके का सेवन हैवी बिल्डिंग को रोकने में ही किया जाता है। ये सिरका आपके शारीर में बनाने वाले हानिकारक विषेले पदार्थो को बाहर निकल देता है जिससे उचित हारमोंस बैलेंस रहता है।और हैवी बिल्डिंग नहीं होती है साथ ही ये सिरदर्द, थकान, पेट दर्द को भी कम करता है। एक गिलास पानी ले ले और उसमे एक से दो चम्मच सेब के सिरके को डाले।और उसे मिक्स करने पी ले इसे आप दिन में 3 बार सेवन करे इससे आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
लाल मिर्च- लाल मिर्च शारीर में खून के दौरे को बनाने में मददगार होती है। और साथ ही हारमोंस का संतुलन भी बनाये रखती है जिससे पीरियड्स के समय हैवी बिल्डिंग नहीं होती है ये शारीर के लिए लाभदायक होती है। एक गिलास पानी ले ले किसी बर्तन में, और उसमे आधा चम्मच लाल मिर्च डाले और अच्छे से मिला ले। फिर आधा चम्मच शहद भी डाले और मिक्स करे और इन्हें उबल ले और इस को आप दिन में 2 पिए ये आपके लिए लाभदायक होगी।
आयरन युक्त डाईट- हमारे शारीर में खून की जरुरत होती है और खून को लाल रखने के लिए उसमे आयरन होता है। और पीरियड्स के समय खून के ज्यादा आने से शारीर में खून की कमी हो जाती है। जो की आयरन की कमी होने वाले एनीमिया से बनता है इसलिए आपको पीरियड्स के दौरान आयरन युक्त खाना को लेना चाहिए। जिन भी फलो व सब्जियों में आयरन होता है उनका सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए। जैसे हरी सब्जी, लाल मांस, किशमिश, खरबूज, अंडे, आदि उचित मात्रा में लेना चाहिए। ओमेघा 3 भी पीरियड्स की परेशानी से छुटकारा पाने से मददगार होता है। इसके लिए आप मछली का तेल या फिर अलसी के बीज का सेवन कर सकती है।पीरियड्स के दौरान करेले की सब्जी को खाना सबसे सही माना जाता है करेले में वे सब गुण पाए जाते है जो पीरियड्स के दौरान हैवी बिल्डिंग को रखते है। आवला और आवले का रस लेने से भी हैवी बिल्डिंग को रोका जा सकता है आवला भी इसमें लाभकारी माना जाता है। 40 ग्राम राइ पीसकर इसका पाउडर बना ले और अब रोजना 2 ग्राम पाउडर दिन में 2 बार दूध के साथ ले। जानिए क्या हैं एंडोमेट्रियोसिस सिंड्रोम..?
नोट- डॉ. से सलाह जरूर ले प्रकाशन समूह इसका दावा नहीं करता है।