जानें गणतंत्र का उद्देश्य
गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर बनाया गया संविधान लागू किया गया था और हमारे देश भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया। वेसे तो हमारा देश 15 अगस्त 1947 को अंग्रेज़ों के चंगुल से आज़ाद हो गया था परंतु इस आज़ादी को रूप 26 जनवरी को दिया गया। तब से अब तक हम इस दिवस को आज़ादी के दिन के रूप मे मनाते है आज हमे आज़ादी मिले हुए पूरे 75 साल हो चुके है।हमारे देश की आज़ादी किसी भी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुई हमारे देश की आज़ादी बहुत सारे भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, अशफ़ाक उल्ला खां, आज़ाद आदि जैसे महान पुरूषो के बलिदान का परिणाम है। देश भक्त अपने देश को गुलामी की ज़नज़ीरो से बंधा ना देख सके अपने देश को आज़ाद कराने के लिए उन्होने अपने प्राण तक त्याग दिये उनके बलिदानों के कारण अंग्रेज़ों को अपने घुटने टेकने पड़े और उन्होने भारत को आज़ाद कर दिया।
गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2023 में भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह अल-सीसी वर्ष 2023 के मुख्य अतिथि हैं। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। यह भारत के तीन राष्ट्रीय अवकाशों में से एक है, स्वतन्त्रता दिवस संविधान के रचियता डाॅ. भीमराव अम्बेडकर हैं।एक स्वतन्त्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसे लागू करने के लिये 26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
इस दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। स्कूलों, कॉलेजों आदि मे कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत के राष्ट्रपति दिल्ली के राजपथ पर भारतीय ध्वज फहराते हैं। राजधानी दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली को अच्छी तरह सजाया जाता है कर्त्तव्यपथ पर बड़ी धूम-धाम से परेड निकलती है जिसमें विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियाँ होतीं हैं। देश के कोने कोने से लोग दिल्ली मे 26 जनवरी की परेड देखने आते हैं। भारतीय सेना अस्त्र-शस्त्रों का प्रदर्शन होता है। 26 जनवरी के दिन धूम-धाम से राष्ट्रपति की सवारी निकाली जाती है तथा बहुत से मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।देश के हर कोने मे जगह जगह ध्वजवन्दन होता है और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। विश्व भर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्षोल्लास के साथ मनातें हैं। भारत के हर कोने कोने में मनाया जाता है, और देश के प्रति एक नई उमंग देखने को मिलती है ।
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74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कई राष्ट्र प्रमुखों ने भारत को बधाई दी है। इस मौके पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भारत को शुभकामनाएं देते हुए साथ काम करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और भारत और रूस के द्विपक्षीय सहयोग को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा- कृपया गणतंत्र दिवस की बधाई स्वीकार करें। भारत की उपलब्धियों को आर्थिक, सामाजिक,वैज्ञानिक,तकनीकी और अन्य क्षेत्रों में व्यापक रूप से जाना जाता है। आपका देश अंतरराष्ट्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने और क्षेत्रीय व वैश्विक एजेंडे पर महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिए पर्याप्त योगदान दे रहा है। पुतिन ने आगे कहा, मुझे विश्वास है कि एक साथ काम करके हम सभी क्षेत्रों में परस्पर लाभकारी द्विपक्षीय सहयोग की निरंतर वृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं। यह निस्संदेह रूस और भारत के मित्रवत लोगों के मौलिक हितों को पूरा करेगा। वही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं दी हैं।
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