पत्रकारिता के विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा

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पत्रकारिता के विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा
पत्रकारिता के विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा

प्रिंट मीडिया में भाषा की चुनौतियां विषय पर व्याख्यान। अवनीश मिश्र ने कहा : पत्रकारिता के विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा।त्रकारिता के विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा

पंकज यादव

अयोध्या। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में सोमवार को प्रिंट मीडिया में भाषा की चुनौतियां एवं समाधान विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता साहिबाबाद, गाजियाबाद के दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ अवनीश कुमार मिश्र रहे। व्याख्यान में छात्रों को भाषा शैली पर मजबूत पकड़ रखने पर विशेष बल दिया गया।

अवनीश कुमार मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारिता में एक-एक शब्द महत्वपूर्ण है। इसके लिए विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा। कार्यक्रम में अवनीश ने कहा कि एक पत्रकार को हमेशा साक्ष्यों को आधार बनाकर खबर लिखना चाहिए। इससे खबरों में मजबूती मिलती है और समाज में पत्रकार की अलग पहचान बनती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि प्रतिदिन अखबार जरूर पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही साहित्य का अध्ययन बहुत जरूरी है। इससे भाषा में सुधार के साथ बौद्धिक स्तर का विकास होगा। कार्यक्रम में मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता के कौशल को विकसित करने के लिए विभिन्न विषयों का अध्ययन भी जरूरी है। इससे निष्पक्ष पत्रकारिता को बल मिलती है।

कार्यक्रम में एमसीजे समन्वयक डॉ विजयेन्दु चतुर्वेदी ने कहा कि पत्रकारिता में भाषा का विशेष स्थान है। विद्यार्थियों को धरातल पर रिपोर्टिंग करनी होगी। खबरों की पहचान के लिए प्रतिदिन आस-पास की समस्याओं को लिखकर लेखनी में सुधार किया जा सकता है। विभाग के शिक्षक डाॅ0 राज नारायन पाण्डेय व डाॅ0 अनिल कुमार विश्वा द्वारा अतिथि का स्वागत अंगवस्त्रम भेटकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 चतुर्वेदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर पारूल सिंह, मोहित मौर्य, अशोक चैहान, तन्या सिंह, दीक्षा गौतम, सौरभ मिश्र, श्रृष्टि त्रिपाठी, आदित्य, श्रेया मौर्या, मनीषा ओझा, प्रणीता राय, अनुश्री यादव, कल्याणी, एकता वर्मा, ग्रेसी, कल्पना पाण्डेय, गौरव, सुधांशु शुक्ला सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे। पत्रकारिता के विद्यार्थियों को शब्द साधक बनना होगा