आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!

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आसान नहीं होता प्रेम से दूर होना..!
आसान नहीं होता प्रेम से दूर होना..!
राजू यादव
राजू यादव

सच्चा प्यार क्या होता है, क्या आपने कभी सोचा है? क्या आप जानना चाहेंगे कि बिना शर्तों का प्यार होता भी है कि नहीं?आप जब प्यार के बारे में बात करते हैं तो ये बिना किसी शर्त के होना चाहिये। वैसे देखें तो सशर्त प्यार और बिना शर्तों के प्यार जैसी कोई चीज़ नहीं होती। बात बस ये है कि एक तरफ शर्तें होती हैं और एक तरफ प्यार। जैसे ही कोई शर्त तय कर ली जाती है तो ये प्यार नहीं रह जाता, लेन-देन का सौदा हो जाता है। आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!

जब भी हम किसी से प्यार करते हैं तो हम बच्चे उसे दूर नहीं जाना चाहते, चाहे वो हमारे माता-पिता हों, दोस्त हों, भाई-बहन हों, पड़ोसी हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो या कोई ऐसा जिसे हम दिल से प्रेम करते हों। सबको भूलना इतना आसान नहीं होता। प्यार से दूर जाना ऐसा ही होता है क्योंकि जब कोई अपना सब कुछ खो देता है तो उसके बाद दुनिया में ऐसे कई टाइप होते हैं जो सिर्फ कुछ समय के लिए ही साथ होते हैं, जैसे प्यास में डूबे अपने लोग या सड़क किनारे के लोग या कोई नेता जिससे हमारा कोई कॉमन मकसद हो या कोई दूधवाला जिससे हमारा अपना रिश्ता टूट गया तो हम बड़े दिल से साथ जुड़ जाते हैं लेकिन ये अलग-अलग चीजें जो मैं अभी बता रहा हूं वो सिर्फ कुछ समय के लिए ही होती हैं, जो बनती हैं और खत्म होती हैं, इन्हें हम रोज बनाते हैं और कभी भी खत्म कर देते हैं, खासकर जो हमारे काम से जुड़ी होती हैं उन्हें कोई काम नहीं कहते क्योंकि चाहे वो नौकरी हो या बिजनेस ये ऐसे अलग होते हैं जहां खत्म होने से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन प्यार से बना रिश्ता दिल से एक पहचान के साथ जुड़ा होता है, सिर्फ दिल से नहीं बल्कि ये हमारी रूह से जुड़ता है, प्यार में दूर जाना आसान नहीं होता, यही शायरी का मतलब है। अब हम उसके चेहरे से प्यार करना चाहते हैं, वो हमारे लिए सपने बन जाते हैं। अब घर अच्छा हो या न हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जो चेहरा हमें पसंद आता है वो हमारे लिए दुनिया का सबसे खास चेहरा बन जाता है। सांवला हो या गोरा, गोल हो या मोटा, हमें हर तरह का चेहरा पसंद आता है। चेहरा कैसा भी हो, बड़ा हो या छोटा, लंबे हो या छोटे बाल, कोई भी हमें आकर्षित करता है। चेहरा भी हमारे मन में बसने वाली घटना का मतलब है, हर बात, हर दृश्य हमारे लिए खास हो जाता है जो दिल से निकल नहीं सकता। ये था शायरी का मतलब कि हर चेहरा खास नहीं होता।

अब बात करते हैं यादों की, हमें अपना घर भी याद आता है और घर की पुरानी यादें और स्कूल के फूल भी। देखा गया है कि जब भी हम अपने सपनों भरे कल को याद करते हैं, तो हमें हवा का वो अजीब सा अहसास होता है जो पुरानी यादों में था। हमारा दिल और दिमाग ताजा हो जाता है। कई बार ऐसा होता है कि हमें घर का खाना या कभी बचपन में खाई हुई चीजें, एक अलग तरह की चटनी याद आ जाती है। हमारा दिल ठीक रहता है। यही ‘याद आता है तो रूह काप उठी है’ का मतलब है। हम सब कुछ भूल सकते हैं लेकिन हम उसे नहीं भूल सकते जो हमारी आत्मा में बसा है। भूलना भी बुरी बात है लेकिन याद रखना बुरा नहीं है, ये दिल से रिश्ता है। हम अपने घर में उस जानवर को देखना नहीं भूलते जिसे हमने बहुत पहले खोजा था। हम उस कागज़ की नाव को भी नहीं भूले जो हमारी यादों के समंदर में बहुत पहले डूब चुकी थी। हम अपने उन दोस्तों को नहीं भूलते जो अब हमारे बीच नहीं हैं या हमें बहुत सी यादों में बंद करके रखते हैं।

आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!

किसी शायर ने बहुत खूबसूरती से कहा है कि देखो ये ब्लॉग यादों में बना है, कोई किसी की याद में कुछ लिखता है, कोई किसी की याद में कुछ करता है, अगर मैं कुछ कहता हूँ तो लोग एक दूसरे की याद में बातें करते हैं, उनके लिए संवेदना व्यक्त करते हैं, गरीबों को कुछ पैसे या कपड़े दान करते हैं, यही उसूल है कि जो व्यक्ति इस दुनिया से चला गया उसकी आत्मा को शांति मिले। याद रखो लोग क्या नहीं करते, शायद हर मूड की बुनियाद ऐसी ही होती है। मुगल काल में लोग नहीं थे, बहुत सी इमारतें बनी हैं जो आज भी यादों की अनूठी मिसाल हैं। जैसे आपने दिल्ली हुमायूँ का शहर देखा होगा और मैंने भी इसके बारे में सुना होगा। मुगलों से पहले शशांक माई ने अपने धार्मिक रीति रिवाजों और रस्मों को व्यक्त करने के लिए कहा था मुगलों से पहले शशांक ने कुतुब मीनार की स्थापना की थी और उसके बाद मुगलों शशांक कुतुबुद्दीन अहबाक ने इसे पुनर्जीवित किया, नया बनाया और अपना झंडा फहराया, इसलिए सभी ने अपनी यादों को ताजा किया। इसे सबसे आगे रखा गया है और हमें जीना अच्छा लगता है दोस्तों, सबको याद रखना, भूलना आसान नहीं है, मतलब याद रखना, यही इस शायरी का मतलब है।

यादें एक अहसास है जो वक्त के साथ नहीं चलती

यादें… ये वो पुल हैं जो हमें अतीत से जोड़ते हैं, वो धागे हैं जो बीते हुए पलों को हमारे वर्तमान में बुनते हैं। यादें हमें जीवन के उन पलों में वापस ले जाती हैं जो कभी खुशी, कभी ग़म, कभी प्रेम और कभी संघर्ष से भरे होते हैं। ये एक ऐसा अहसास है जो समय से परे होता है, जिसे न हम देख सकते हैं, न छू सकते हैं, लेकिन फिर भी ये हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होती हैं।हमारा मस्तिष्क एक अद्भुत संरचना है। यह हर उस चीज़ को संजोकर रखता है, जिसे हम अपने जीवन के सफर में महसूस करते हैं। यादें एक तरह की संपत्ति होती हैं, जो हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। कुछ यादें हमें सिखाती हैं, कुछ हमें हंसाती हैं और कुछ हमारे जीवन को एक नई दिशा देती हैं।

जैसे जैसे उम्र बढती है एक लड़का लडकी की तरफ या लड़की लड़के की तरफ आकर्षित होने लगती है, ये बात सामान्य है लेकिन हम इसे प्रेम का नाम देकर गलती कर देते हैं। हम समझ नहीं पाते की शरीर में कुछ हारमोंस बढने का मतलब यह नहीं होता की हमें आचानक किसी से प्यार हो जाता है। इसे हम वासना कह सकते हैं पर प्रेम ये बिलकुल नहीं होता की 16 साल के हो गए तो अचानक प्रेम आ गया, अगर यही प्रेम है तो ये आपको 8 साल की उम्र में क्यों नहीं हो गया….!

प्यार में दूर जाना आसान नहीं होता,हर चेहरा यूँ ही खास नहीं होता। याद आती है तो रूह कप जाती है,हर किसी को भूलना आसान नहीं होता।।

यादें सिर्फ़ घटनाओं का संग्रह नहीं होतीं, बल्कि ये वो भावनाएँ होती हैं जो उन घटनाओं के साथ जुड़ी होती हैं। उदाहरण के लिए, किसी खास इंसान के साथ बिताए गए समय की यादें उस इंसान के व्यक्तित्व, उसकी मुस्कान, उसकी बातें, उसकी खुशबू से जुड़ी होती हैं। जब भी हम उस इंसान को याद करते हैं, तो हमें वो सभी भावनाएँ महसूस होती हैं जो हमने उस समय महसूस की थीं।कई बार, यादें हमें उस समय में वापस ले जाती हैं जब हम अपने प्रियजनों के साथ थे। उन पलों की यादें हमें सुकून देती हैं, जब हमें लगता है कि हमने वो समय पूरी तरह से जिया। लेकिन यादें हमेशा सुखद नहीं होतीं। कुछ यादें दर्द से भरी होती हैं, जिन्हें याद करते ही हमारे दिल में एक चुभन सी महसूस होती है।

यादें एक अदृश्य धागा होती हैं, जो हमारे भूत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ती हैं। यह धागा हमें उन सभी चीज़ों से जोड़ता है, जो हमने अपनी ज़िंदगी में अनुभव की हैं। चाहे वो पहली बार स्कूल जाना हो, दोस्तों के साथ बिताए वो अनमोल पल हों, या फिर किसी प्रियजन का खोना हो। हर याद हमें जीवन की एक नई परिभाषा सिखाती है। जीवन की यात्रा में, हम नए अनुभवों से गुज़रते हैं और नई यादें बनाते हैं। कुछ यादें समय के साथ धुंधली हो जाती हैं, लेकिन कुछ यादें हमेशा के लिए हमारे दिलों में बसी रहती हैं।

यादों का अहसास-

यादें हमें एहसास दिलाती हैं कि जीवन का हर क्षण महत्वपूर्ण है। हमें अपने वर्तमान को पूरी तरह से जीना चाहिए, क्योंकि यही वर्तमान कल की यादें बनेगा। हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना चाहिए, उनसे बातें करनी चाहिए, उनके साथ हंसना और रोना चाहिए। क्योंकि यही पल हमें आने वाले समय में सुकून देंगे। जब हम अकेले होते हैं, तो यादें हमारे साथ होती हैं। जब हम खुश होते हैं, तो हम उन पलों को याद करते हैं जिनमें हमें खुशी मिली थी। जब हम दुखी होते हैं, तो हम उन पलों को याद करते हैं जिनमें हमें सुकून मिला था। यादें हमारे जीवन की वो किताब होती हैं, जिसे हम बार-बार पढ़ सकते हैं, बिना उसे बंद किए। यादें हमें समय-समय पर जीवन का अर्थ समझाती हैं।  आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!

वे हमें सिखाती हैं कि समय किसी का इंतजार नहीं करता, लेकिन हम उन पलों को हमेशा के लिए अपने दिल में संजो सकते हैं। यादें हमें सिखाती हैं कि हर चीज़ की अपनी एक मियाद होती है, लेकिन वो मियाद हमें उन चीज़ों से अलग नहीं कर सकती जो हमारे दिल के करीब हैं। यादें एक ऐसी दौलत होती हैं जिसे हम जीवन भर संजोकर रख सकते हैं। चाहे वो कितनी भी छोटी या बड़ी क्यों न हो, हर याद का अपना एक महत्व होता है। हमें जीवन के हर पल को पूरी तरह से जीना चाहिए, क्योंकि यही पल हमारी यादों की धरोहर बनेगा। इसलिए, जीवन के हर क्षण को संजोएं, हर रिश्ते को महत्त्व दें और हर अनुभव को दिल से जिएं। क्योंकि यही यादें हैं, जो हमें जीवन का सच्चा अर्थ समझाती हैं।

आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!

अत: वैसे तो याद शब याद से बना है जो एक ऐसा ताना-बाना है जो हमारी जिंदगी को एक साथ परफेक्ट बनाता है, ये बताता है कि हम कौन हैं और हम दुनिया को कैसे देखते हैं। हाँ अनुभवो के मानसिक संग्रह से कहाँ अधिक है; याद एक गतिशील प्रक्रिया है जो हमारी प्रगति को प्रभावित करती है और हमारे निर्णयों को प्रभावित करती है।

 प्रतीक स्मृति अपने साथ एक पल की भावनाओं, गंधों, ध्वनियों और दृश्यों को लेकर चलती है, जो प्रतीक व्यक्ति के झूठ एक अनूठी व्यक्तिगत कथा का निर्माण कराती है। स्मृति एक उपहार और चुनौतियाँ हो सकती हैं। हां हमने पिछले अनुभव से सीखे, खुशी के पलों को संजोने और प्रियजनो के साथ संबंध बनाए रखने की अनुमति देते हैं जो अब मौजूद नहीं हो सकते। हालांकी, याह हमन पिछाले अघाटन और पछतावों से भी जोड़ सकते हैं, जिसे आगे बढ़ाना मुश्किल हो जाता है। जिस तरह से हम अपनी यादों से जुड़ना चुनते हैं, वह अक्सर हमारी मानसिक और भावनात्मक भलाई को निर्धारित करता है। व्यापक अर्थों में, संस्कृति, इतिहास और ज्ञान की निरंतरता के झूठ स्मृति अवश्यक हैं। यह समाज की सामूहिक स्मृति है जो परंपरा, कहानियां और ज्ञान को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचने में सक्षम बनाती है। चाहे व्यक्तिगत हो या सामूहिक, स्मृति एक शक्तिशाली शक्ति है जो हमारे आज और हमारे आने वाले कल दोनों को एक नई दिशा देता है। आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!

सच्चा प्यार मन की वो अवस्था है जब आपके लिए आपका निजी सुख दूसरे की भलाई के आगे बहुत छोटा हो जाता है। सच्चे प्रेम में किसी से कुछ पाने की कोई कामना या उम्मीद नहीं रहती अतः सच्चे प्रेम को नि:स्वार्थ प्रेम भी कहा जाता है। सच्चा प्यार कोई विरला ही कर सकता है, जो व्यक्ति बिना किसी से कुछ चाहे किसी इंसान को बेहतर बनाना चाहता हो, उसके जीवन में डर, लालच, निर्भरता को कम कर उसे ऊँची उड़ान देना चाहता हो अर्थात उसे वो सब कुछ देना चाहता हो जिससे वो एक बेहतर से बेहतर इंसान बने यही सच्चा प्यार है। आसान नहीं प्रेम से दूर होना..!