डॉ.नर्मदेश्वर प्रसाद चौधरी
हमारे देश में एक पुरानी कहावत है कि ईश्वर जब तक नहीं चाहेंगे, तब तक कोई किसी का बाल बांका भी नहीं कर सकता। इसी तरह हिटलर ने यहूदियों के वजूद को मिटाने के लिए बहुत प्रयास किये। नाजियों ने जर्मनी यहूदियों पर तमाम तरह के ज़ुल्म ढ़ाये लेकिन ये कहा जाता है कि कौम कभी नहीं मिटती। प्रकृति में लुप्तप्राय जीव भी हजार दो हजार साल के बाद पुनः पुनर्जीवित हो जाती हैं। ये प्रकृति का अपना करिश्मा है। यहूदियों ने अपने वर्तमान देश के जमीन को अपने पैसे से खरीदा और वहीं बस गए. उनके लिए कोई अलग राष्ट्र नही था लेकिन अपने बलबूते अपने लिये एक राष्ट्र का निर्माण कर लिया लेकिन वे जिस जगह पर बसे, उसके चारों ओर मुस्लिम राष्ट्र थे जो उनके कट्टर दुश्मन थे। इसके बावजूद यहूदियों ने अपने साहस और पराक्रम के बदौलत अपना वजूद बनाये रखा। आज जब हमास, हिजबुल्लाह और हूती जैसे आतंकवादी संगठन इजरायल के ख़िलाफ़ जंग लड़ रहे हैं तो इजरायल को अपने स्तित्व को बचाये रखने की चुनौती है। इजराइल को अपने अस्तित्व बचाए रखने की गंभीर चुनौती
अभी हाल में ईरान ने भी इजरायल पर हमला किया। दरअसल ईरान ही हमास, हिजबुल्लाह या हूती के पीछे परोक्ष रूप से खड़ा है. ये संगठन ईरान के प्रॉक्सी संगठन हैं जिसका मकसद सिर्फ इजरायल के वजूद को मिटाना है।ईरान के सीधे इजरायल के ख़िलाफ़ युद्ध में उतरने से मध्यपूर्व में अराजकता का माहौल उत्पन्न हो गया है।ये तो तय है कि इजरायल ईरान के खिलाफ कुछ बड़ा करेगा क्योंकि इजरायल यही चाहता था कि ईरान कब उसपर हमला करे तो उसके बदले इजरायल को ईरान के परमाणु ठिकाने पर हमला करने का बहाना मिल जाये और हुआ वही, जैसा इजरायल चाहता था। ईरान ने इजरायल पर हमला करके बहुत बड़ी गलती कर ली है। इजरायल का ख़ुफ़िया तंत्र इतना मजबूत है कि वह अपने दुश्मनों को पाताल से भी ढूंढ निकालने में सक्षम हैं। हाल में हिजबुल्लाह के चीफ़ नसरुल्लाह का मारा जाना इसका ताजा उदाहरण है. ईरान में हानिया का मारा जाना इजरायल के ख़ुफ़िया तंत्र की सफलता को दर्शाता है। इजरायल बहुत छोटा देश है लेकिन इजरायल के लोग अपने देश के लिए मर मिटने वाले लोग हैं। दुनिया के सबसे बुद्धिमान कौम में यहूदियों का शुमार होता है। बहुत सारे ईजाद यहूदियों ने ही किया है।
इजरायल जहाँ बसा है, वहाँ एक जमाने सिर्फ रेत ही रेत थी लेकिन आज वहाँ क्या नहीं है। ये इजरायलियों के दृढ़ संकल्प को इंगित करता है। पिछले वर्ष हमास ने इजरायल पर जो हमले किये थे, उसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी और ये मोसाद की सबसे बड़ी चूक थी। अभी भी इजरायल अपने नागरिकों को हमास के कब्ज़े से छुड़ाने में सफल नहीं हो सका है। एक साल से हमास के खिलाफ युद्ध चल रहा है।हजारों निर्दोष लोगों की जान इस युद्ध में जा चुकी है। अब इजराइल ने लेबनान में अपना ग्राउंड ऑपरेशन शुरू कर चुका है और इसमें हिजबुल्लाह आतंकवादियों का सफाया तय है। बेरूत में लगातार हवाई हमले जारी है। हिजबुल्लाह के नए चीफ हाशिम के भी मारे जाने की ख़बर है।
इजरायल के ये कदम आतंकवाद के खात्मे के लिए बहुत जरूरी है। आज तमाम यूरोपीय देशों पर इस्लामीकरण का खतरा मँडरा रहा है। इसके लिए अमेरिका से लेकर यूरोपीय देशों और भारत को भी इजरायल को हर तरह से मदद करनी चाहिए। भारत में रहने वाले कुछ लोग नसरुल्लाह के मरने पर शोक व्यक्त कर रहे हैं. भारत को अपने विदेश नीति में बदलाव करने की जरूरत है। अब हमें फिलिस्तीन और लेबनान का समर्थन कतई नहीं करना चाहिए। ईरान का सर्वोच्च नेता शुक्रवार के जुम्मे की नमाज के बाद अपने तकरीर में मुसलमानों के बीच भाईचारे की बात करता है और बाकी कौम को दुश्मन करार देता है।
आज रूस और चीन विस्तारवादी नीतियों पर चल रहे हैं। रूस का यूक्रेन पर हमला उसका ही परिणाम है। चीन पाकिस्तान से लेकर नेपाल और श्रीलंका में जो कर रहा है वो परोक्ष रूप से चीन की विस्तारवादी नीतियों का नतीजा है। रूस, चीन, उत्तरी कोरिया, ईरान, तुर्की, सीरिया, लेबनान, यमन, जैसे देश आने वाले समय में विश्व शांति के लिए खतरा साबित होंगे। इजरायल ही वह देश है जो ईरान तुर्की, सीरिया और लेबनान और यमन की हुतिओं से लोहा ले सकता है। अगर इजरायल का वजूद मिट गया तो आतंकवाद अपने चरम पर पहुंच जाएगा इसलिए पूरे विश्व के शांति प्रिय देशों को इजरायल के वजूद को बनाये रखना जरूरी है। आज इजराइल सभी शांतिप्रिय लोगों की लड़ाई लड़ रहा है और हमें भी इस सबसे सबक लेने की आवश्यकता है। इजराइल को अपने अस्तित्व बचाए रखने की गंभीर चुनौती