मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस विशेष सावधानी बरतने के निर्देश

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प्रदेश में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण। 75 दिनों के निःशुल्क प्रिकॉशन डोज अभियान में तेजी लाने के निर्देश, यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक पात्र प्रदेशवासी को मुफ्त प्रिकॉशन डोज अवश्य लग जाए,सभी शासकीय अधिकारी तथा कर्मचारी प्रिकॉशन डोज लगवाएं।अब तक 55 लाख 82 हजार से अधिक लोगों ने प्रिकॉशन डोज लगवायी।प्रदेश में गत दिवस तक 34 करोड़ 70 लाख 89 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगायी गयी, अब तक राज्य में 11 करोड़ 92 लाख 97 हजार 879 कोविड टेस्ट सम्पन्न।देश के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश।मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार और बचाव के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आमजन को जानकारी देते हुए जागरूक किया जाए।कोविड अस्पतालों में न्यूनतम 10 बेड मंकीपॉक्स से प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित रखने के निर्देश।विगत कुछ दिनों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू संक्रमण से सुअर की मौत की घटनाएं सामने आई, संक्रमण का प्रसार न हो, इसके लिए कन्टेन्मेन्ट ज़ोन की व्यवस्था लागू की जाए।

लखनऊ। लोक भवन में टीम-9 की बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की मुख्यमंत्री समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 491 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 498 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 2,804 है। 2,608 लोग घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 74 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 11 करोड़ 92 लाख 97 हजार 879 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से कोविड महामारी पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में कोविड संक्रमण के नए केस में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत सतर्कता और सावधानी बरती जाए।

राज्य में गत दिवस तक 34 करोड़ 70 लाख 89 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 14 करोड़ 55 लाख 17 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। इस प्रकार 98.71 प्रतिशत लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। इसी आयु वर्ग में 15 करोड़ 35 लाख 75 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है।विगत दिवस तक 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग में 100.5 प्रतिशत किशोर कोविड वैक्सीन की प्रथम डोज तथा 91.6 प्रतिशत किशोर टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर चुके हैं। 12 से 14 वर्ष आयु वर्ग के 99.9 प्रतिशत बच्चों ने टीके की पहली खुराक तथा 83.1 प्रतिशत बच्चों ने टीके की दूसरी खुराक प्राप्त कर ली है।


कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के नए चरण में टीके की ‘अमृत डोज’ (प्रिकॉशन डोज) दी जा रही है। प्रिकॉशन डोज निःशुल्क है। अब तक 55 लाख 82 हजार से अधिक लोगों ने प्रिकॉशन डोज लगवा ली है। उन्होंने 18 से 59 वर्ष आयु वर्ग के लिए 75 दिनों के निःशुल्क प्रिकॉशन डोज अभियान में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए मिशन मोड में प्रयास किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक पात्र प्रदेशवासी को मुफ्त प्रिकॉशन डोज अवश्य लग जाए।सभी शासकीय अधिकारी तथा कर्मचारी प्रिकॉशन डोज लगवाएं। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आम जन को इस सम्बन्ध में जागरूक किया जाए। प्रिकॉशन डोज के महत्व और प्रिकॉशन डोज के लिए निर्धारित टीकाकरण केन्द्रों के बारे में आमजन को उपयोगी जानकारी दी जाए। इसके लिए विविध मीडिया माध्यमों का सहयोग लेते हुए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का अधिकाधिक उपयोग किया जाए।


देश के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार और बचाव आदि के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आमजन को सही और समुचित जानकारी देते हुए जागरूक किया जाए। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति से परामर्श किया जाए। उन्होंने कोविड अस्पतालों में न्यूनतम 10 बेड मंकीपॉक्स से प्रभावित मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाने के निर्देश दिये हैं। विगत कुछ दिनों में अफ्रीकन स्वाइन फ्लू संक्रमण से सुअर की मौत की घटनाएं सामने आई हैं। संक्रमण का प्रसार न हो, इसके लिए कन्टेन्मेन्ट ज़ोन की व्यवस्था लागू की जाए। संक्रमित सूअरों की अंतिम क्रिया मेडिकल प्रोटोकॉल के साथ हो। यह नदियों/जलाशयों में बिल्कुल न बहाये जाएं। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किये जाएं। उन्होंने कहा कि सुअर पालन बहुत से लोगों के लिए आजीविका का माध्यम हैं। ऐसे में जिन सुअर पालकों के यहां अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से पशुहानि हुई है, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के संबंध में सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाए।