भारत बनेगा आयुष पद्धति का हेल्थ टूरिज्म हब
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आयुष पद्धति में है भारत को हेल्थ टूरिज्म का हब बनाने का सामर्थ्य। चंदौली के पड़ाव में अघोरेश्वर भगवान राम के आश्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। मुख्यमंत्री ने अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का किया उद्घाटन। स्वस्थ शरीर और मस्तिष्क से ही होगा समर्थ और सशक्त राष्ट्र का निर्माण। बोले- समतामूलक समाज की भावना का साक्षात प्रमाण है अघोरेश्वर परंपरा।
वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। सीएम ने यहां वाराणसी और चंदौली जिले की सीमा पर स्थित पड़ाव के पास अघोरेश्वर भगवान राम के आश्रम में अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन किया। अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरी दुनिया हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति को अपना रही है। आयुष पद्धति में भारत को हेल्थ टूरिज्म का हब बनाने का सामर्थ्य है। इसके लिए हमें तैयार होना होगा। डबल इंजन की सरकार इस दिशा में तेजी से कार्य कर रही है और अगर धार्मिक संस्थाएं भी इसमें भागीदार बनें तो आयुष का ये क्षेत्र नई गति के साथ नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा।
दुनिया भारतीय ज्ञान और परंपरा में बेहतर स्वास्थ्य की संभावना तलाश रही
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क से ही समर्थ और सशक्त राष्ट्र का निर्माण होगा। इसके लिए भारत की प्राचीन और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति सबसे ज्यादा प्रभावी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हम सुना करते थे कि लोग उपचार कराने दुनिया के विकसित देशों में जाया करते थे। मगर आज पूरी दुनिया प्राचीन भारतीय ज्ञान और परंपरा में बेहतर स्वास्थ्य की संभावना तलाश रही है।
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अघोरेश्वर बाबा की इस पावन धरती पर आने का सौभाग्य मिला
आज स्वामी विवेकानंद जी की पावन जयंती भी है। भारत के सनातन हिन्दू धर्म, वेद और दर्शन से दुनिया को अवगत कराने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म हम राष्ट्रिय युवा दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस अवसर पर इस पुनीत धाम और अघोरेश्वर बाबा की इस पावन धरती पर इस पवित्र कार्यक्रम से जुड़ने का अवसर प्राप्त मिला है। अघोरेश्वर भगवान राम की इस पवित्र परंपरा के साथ ही सदैव जिनका सानिध्य और आशीर्वाद प्राप्त हुआ था, उन पूज्य माता जी का कल महापरिनिर्वाण दिवस भी है। उसकी पूर्व संध्या पर भगवान अघोरेश्वर राम की स्मृति में यहां भव्य आयुष भवन आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का नया केंद्र बनने जा रहा है। इसके भव्य उद्घाटन के साथ हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है।
अघोरेश्वर परंपरा में सेवा की अनुकरणीय परंपरा है
भारत की शैव परंपरा में अघोर परंपरा साधना की एक ऐसी प्रकृति है जो अगर आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो जगत में रहकर परमात्मा के साथ संबंध जोड़ती है और व्यवहारिक दृष्टि से देखें तो समाज को एक सूत्र में जोड़ करके सामाजिक न्याय की धारणा का साक्षात उदाहरण प्रस्तुत करती है। अघोरेश्वर बाबा कीनाराम के द्वारा जिस अघोर परंपरा को नया जीवन दिया गया, उसे अघोरेश्वर भगवान राम ने नई ऊंचाई देने का कार्य किया। हम सब इस बात को महसूस करते हैं कि वाराणसी-चंदौली सीमा पर गंगातट पर पड़ाव और उसके आसपास के क्षेत्र में दीन दु:खियों, कुष्ट रोगियों, निराश्रित बच्चों के लिए सवेश्वरी समूह सेवा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत कर रही है वो न सिर्फ अद्भुत है बल्कि अनुकरीणीय भी है। अघोर परंपरा ने समाज में हर प्रकार के भेदभाव को दूर करके समतामूलक समाज के निर्माण में अपना योगदान दिया है।
कोरोना काल खंड में हमने अपनी प्राकृतिक चिकित्सा की ताकत को पहचाना
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में बिखरी हुई आयुष पद्धतियों को जोड़कर आयुष मंत्रालय का गठन किया। आज ये हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में बहुत बड़ा कार्य कर रहा है। 21 जून की तिथि को दुनिया के अंदर विश्व योग दिवस के रूप में आयोजित किया जा रहा है। दुनिया के 190 से अधिक देश भारत के ऋषि, योगी, संतों, सिद्धों की योग परंपरा के साथ जुड़ रहे हैं। ये शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का माध्यम तो है ही, आध्यात्मिक दृष्टि से जीवात्मा का परमात्मा से जुड़ने का प्रयास भी है। कोरोना काल खंड में हमने अपनी प्राकृतिक चिकित्सा की ताकत को पहचाना। कोरोना काल में लोगों के जीवन की आस के रूप में आयुष सामने आया। आज हम प्रदेश में हजारों हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना रहे हैं। डबल इंजन की सरकार इसके लिए जी जान से लगी हुई है। धर्मार्थ संस्थाएं भी इसके लिए आगे आएंगी तो इसमें नई गति और नई ऊंचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का किया अवलोकन। मुख्यमंत्री ने सर्वेश्वरी समूह के अध्यक्ष औघड़ गुरुपद् संभवराम जी के साथ अघोरेश्वर भगवान राम योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने संस्था की ओर से संचालित स्कूल के बच्चों से मुलाकत किया। मुख्यमंत्री ने गंगा तट पर इस केंद्र की स्थापना के लिए सर्वेश्वरी समूह के पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।
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