मुफ्त राशन के नाम पर…

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मुफ्त राशन के नाम पर...
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मुफ्त राशन के नाम पर आर्थिक वैचारिक सोच को मारकर अति पिछड़े दलितों को उनके सामाजिक राजनैतिक उत्थान से वंचित रखना चाहती हैं। मनरेगा के मद में करीब 34 फीसदी की कटौती की गई हैं। आरएसएस, बीजेपी विघटनकारी नीतियों के दम पर दो हिंदुस्तान बनाना चाह रही है ,एक अमीरों का, एक गरीबों का- उदित राज

लखनऊ। असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षों से करोना की आर्थिक मार झेल रहे गांवों में श्रमिकों का सबसे बड़ा सहारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) में न सिर्फ लगातार श्रम दिवस कम हो रहे हैं बल्कि औसतन 10 फीसदी लोगों को मांग के अनुरूप रोजगार और उनका भुगतान भी नहीं दिया जा रहा है। उदित राज ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मनरेगा के मद में बीते वित्त वर्ष के संशोधित बजट 89000 करोड़ रुपए में करीब 34 फीसदी की कटौती की गई है। जिसका सबसे पहले विरोध कांग्रेस पार्टी ने किया हैं।सड़कों से लेकर सदन तक कांग्रेस पार्टी ही केन्द्र की मोदी सरकार से मनरेगा बजट में हुई कटौती के खिलाफ लगातार आवाज उठा रही है।

सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से गरीबों को मिलने वाले फ्री राशन की गुणवत्ता बेहद घटिया है। चावल में कंकड़- पत्थरों की भरमार है तो कई बोरों में गेहूं भी काफी खराब निकल रहा है। कोरोना काल में जबकि गरीब लोग सरकार के भरोसे बैठे हैं खराब राशन दिया जाना उन्हें काफी अखर रहा है। इधर क‌र्फ्यू के कारण चक्कियां बंद होने से लोग सस्ते गल्ले की दुकानों से मिलने वाला गेहूं नहीं पीस पा रहे हैं, जिससे उन्हें रोटी मिलना भी मुश्किल हो गया है

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असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदित राज ने बीजेपी आरएसएस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आरएसएस, बीजेपी अपनी विघटनकारी और जटिल आर्थिक नीतियों के दम पर दो हिंदुस्तान बनाना चाह रही है ,एक अमीरों का,एक गरीबों का हिंदुस्तान। सच्चाई यह है कि आज विदेशी इशारों पर देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर किया जा रहा है। श्री उदित राज ने कहा कि कांग्रेस की यूपीए गवर्नमेंट ने देश को फूड सिक्योरिटी बिल के तहत मुफ्त राशन मुहैया कराने का संवैधानिक अधिकार दिया था। परंतु आज मुफ्त राशन के नाम पर उनके आर्थिक वैचारिक सोच को मारकर आज बीजेपी अति पिछड़े दलितों को उनके सामाजिक राजनैतिक उत्थान से वंचित रखना चाहती है।बीजेपी के नेता लगातार वोट की राजनीति करते है और अति पिछड़ों दलितों गरीबों का मजाक उड़ाते हैं।

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