वीरता का सम्मान और सरकार से सवाल

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वीरता का सम्मान और सरकार से सवाल
वीरता का सम्मान और सरकार से सवाल

खिलेश यादव ने आज पार्टी के राज्य मुख्यालय लखनऊ में लखीमपुर में तेंदुए से लड़ने वाले साहसी मजदूर मिही लाल गौतम को बुलाकर सम्मानित किया। घटना 24 जून 2025 की है जब मिही लाल ग्राम सभा बबुरी भट्ठे पर गया था वहां छुपे तेदुएं ने उस पर अचानक हमला कर दिया। गौतम का कहना था कि उसके सामने जीवनमरण का प्रश्न था उसने फिर तेंदुए से भिड़ जाना ही ठीक समझा।

वीरता का सम्मान और सरकार से सवाल: मिहिर लाल की कहानी पर अखिलेश का हमला। लखीमपुर के एक साहसी मजदूर मिही लाल गौतम की कहानी आज सिर्फ एक व्यक्तिगत वीरगाथा नहीं रही, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और पर्यावरणीय स्थिति पर भी एक बड़ा आईना बनकर उभरी है। जून 2025 को तेंदुए के हमले से खुद की जान बचाने वाले मिहिर लाल को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सम्मानित कर इस मुद्दे को राजनीति के केंद्र में ला दिया।

जब तेंदुए से भिड़ा मजदूर: जीवित लौटने की जिद थी

ग्राम बबुरी भट्ठे पर तेंदुए के अचानक हमले से बचने की मिहिर लाल की लड़ाई, जीवन और मृत्यु के बीच का संघर्ष थी। उसने निहत्थे ही जंगली जानवर का मुकाबला किया और खुद को बचाया। आज जब उसे अखिलेश यादव द्वारा 2 लाख रुपये का चेक और सम्मान मिला, तो यह न केवल उसकी बहादुरी की पहचान थी, बल्कि एक सार्वजनिक संदेश भी — साहस को समाज में मान मिलना चाहिए।

अखिलेश का सीधा हमला भाजपा सरकार पर

इस सम्मान समारोह के दौरान अखिलेश यादव ने सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की सोच में न तो पर्यावरण संरक्षण है, न ही वन्यजीवों की सुरक्षा की भावना। जंगल कट रहे हैं, जानवर भूखे हैं — और यही वजह है कि तेंदुए, बंदर, सांप जैसे जीव अब गांवों और शहरों की सीमाओं में घुसते जा रहे हैं।

‘अब इंसान ही जंगलों का दुश्मन बन गया है’

अखिलेश यादव का यह बयान — “जंगल से निकलकर हम इंसान बने, अब इंसान ही जंगलों के दुश्मन बन गए हैं” — न सिर्फ भावनात्मक था बल्कि वर्तमान पर्यावरणीय संकट की ओर इशारा करता एक चेतावनी भी। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जानवरों के काटने की दवा तक नहीं, नालों की सफाई बंद है, नदियाँ दम तोड़ रही हैं, लेकिन सरकार सिर्फ प्रचार और निजी लाभ की फिक्र में लगी है।

पर्यावरण से लेकर वीरता तक योजनाओं की उपेक्षा

अखिलेश यादव ने याद दिलाया कि समाजवादी सरकार ने:

  • लक्ष्मीबाई पुरस्कार के माध्यम से वीरता को मान्यता दी थी।
  • इटावा लॉयन सफारी में शेरों का संरक्षण किया।
  • सोलर प्लांट, साइकिल ट्रैक, पार्क और नदी सफाई जैसे कई हरित प्रयास शुरू किए थे।

पर उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इन योजनाओं को खत्म या निष्क्रिय कर दिया।

मिहिर लाल गौतम की बहादुरी एक व्यक्ति की जीत है, लेकिन उसके माध्यम से उठाए गए सवाल एक पूरी व्यवस्था की विफलताओं की ओर इशारा करते हैं। अखिलेश यादव का सम्मान समारोह दरअसल वीरता के बहाने सत्ता की आलोचना का मंच था — जिसमें पर्यावरण, ग्रामीण सुरक्षा और सरकार की प्राथमिकताओं पर तीखे सवाल खड़े किए गए।